गुजरात विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर ने एक फेसबुक पोस्ट में दावा किया है कि नरेंद्र मोदी की डिग्री में जिस पेपर का उल्लेख किया गया है, उस समय एमए के दूसरे साल में ऐसा कोई पेपर नहीं था.
अंतर्राष्ट्रीय न्याय अदालत में भारत ने कुलभूषण जाधव के उचित क़ानूनी प्रतिनिधित्व की मांग करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ा दी है.
सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने दावा किया कि संघ से जुड़े सभी संगठन वसुंधरा सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही.
साल 2006 में 11 जुलाई को हुए मुंबई ट्रेन धमाका मामले में अब्दुल वाहिद शेख़ को आरोपी बनाया गया था. मकोका अदालत ने 2015 में उन्हें बरी किया. उनसे अजय आशीर्वाद की बातचीत.
न्यायालय ने कहा कि समय की कमी की वजह से सिर्फ तीन तलाक़ पर सुनवाई होगी. बहुविवाह और निक़ाह हलाला के मामले पर दूसरी पीठ सुनवाई करेगी.
अदालत ने कहा, परियोजना कछुए की चाल से भी नहीं बढ़ रही और भाजपा नगर निगम पर दस साल से अधिक समय से शासन कर रही है फिर भी परियोजनाएं पूरी नहीं हुई हैं.
निराशा और निष्क्रियता के गर्त में चले गए विपक्षी दलों को संबोधित करते हुए एक खुला ख़त लिख रहे हैं राजद के प्रवक्ता मनोज कुमार झा...
कथित गोरक्षकों का आरोप है कि युवक गाय की ख़रीद-फरोख़्त से जुड़ा है, इसलिए उसे पीटा गया, वहीं पुलिस इसे पैसों के लेन-देन का मामला बता रही है.
अरविंद केजरीवाल का दावा है कि उनके पास पक्के सबूत हैं कि भाजपा ने पार्टी का नेतृत्व बदलने और दिल्ली सरकार हथियाने की कोशिश की थी.
एक दशक तक चले माओवादी उग्रवाद के चलते 1997 के बाद स्थानीय स्तर के चुनाव आयोजित नहीं कराए जा सके.
पुलिस ने शिकायत के बावजूद बरती लापरवाही, घटना में छह और लोगों के भी शामिल होने की आशंका.
बीते साल 14 अक्टूबर की रात को एबीवीपी सदस्यों के साथ अपने हॉस्टल में कथित तौर पर हुए झगड़े के बाद से नजीब अहमद लापता हैं.
रेवाड़ी ज़िले के एक गांव की तकरीबन 80 लड़कियां गांव के स्कूल को बारहवीं कक्षा तक करने की मांग के साथ भूख हड़ताल पर बैठी हैं. पढ़ाई के लिए गांव से दूर जाने पर रास्ते में होती है छेड़छाड़.
इस महीने असम के मुख्यमंत्री के रूप में एक साल पूरे करने जा रहे सर्बानंद सोनोवाल का कहना है कि एक सुदृढ़ शासन व्यवस्था बनाने के लिए जनता की आवाज़ को भी सुना जाना ज़रूरी है.
एक तरफ़ महिला सुरक्षा के लिए 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसे अभियान चल रहे हैं, दूसरी तरफ़, महिलाओं के ख़िलाफ़ यौन अपराध और हिंसा में कमी नहीं आ रही है.