ऑडियो: इलेक्शननामा की इस कड़ी में सुनिए आज़ाद भारत के पहले लोकसभा चुनाव से जुड़ी दिलचस्प कहानियां.
सड़क से संसद में हम राजस्थान के रास्ते गुजरात पहुंच चुके हैं, जहां हम चलेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मस्थान मेहसाणा ज़िले में. गुजरात के इस ज़िले को आधिकारिक तौर पर खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया गया है, लेकिन जब हम यहां के वड़नगर शहर पहुंचे, तो यहां के रहवासियों ने 'स्वच्छ भारत' की एक अलग ही कहानी सुनाई.
आरोपियों ने घटना का एक वीडियो भी बना लिया था और पीड़िता को इसकी जानकारी किसी को भी देने पर वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी दी थी. पांचों आरोपी गिरफ़्तार.
साहित्य के क्षेत्र में येल यूनिवर्सिटी द्वारा दिया जाने वाला यह पुरस्कार रघु कर्नाड को उनकी किताब फारदेस्ट फील्ड: एन इंडियन स्टोरी ऑफ द सेकेंड वर्ल्ड वॉर के लिए मिला है.
सड़क से संसद की इस कड़ी में हम अलवर लोकसभा क्षेत्र में पहुंचे हैं. कलाकंद के लिए मशहूर अलवर हालिया सालों में यहां गोरक्षा के नाम पर हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं के लिए सुर्ख़ियों में रहा.
सड़क से संसद की इस कड़ी में कहानी नूह गांव के मेव मुसलमानों की. नीति आयोग द्वारा जारी देश के सबसे पिछड़े 101 ज़िलों की सूची में यह हिस्सा भी आता है. यहां के रहवासी ग़रीबी, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं की कमी के साथ सांप्रदायिकता से भी लड़ रहे हैं. वर्तमान सत्ता से नाराज़ ये लोग उम्मीद करते हैं कि इस बार क्षेत्र से आम चुनाव में खड़े हो रहे उम्मीदवार उनके मुद्दों को गंभीरता से उठाएंगे.
द वायर की वीडियो सीरीज़ 'सड़क से संसद- मेरा वोट मेरी बात' की इस कड़ी में पूर्वी दिल्ली के गाज़ीपुर से वहां के लोगों की कहानी.
मथुरा के नौहझील थाना क्षेत्र का मामला. दुल्हन के परिजनों का आरोप है कि रविवार को वाल्मीकि समुदाय की एक लड़की की शादी थी, जहां गांव के दबंग ब्राह्मणों ने बारात को आने से रोका. पुलिस का कहना है कि ब्राह्मणों के माफ़ी मांगने के बाद दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है.
इससे पहले उत्तर प्रदेश के शामली जिले में एक अस्थायी गोशाला में रह रही पांच लावारिस गायों की कथित तौर पर ठंड से मौत हो गई.
एस्सेल और ज़ी समूह के संस्थापक सुभाष चंद्रा ने वित्तीय संकट के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर आक्रामक तरीके से दांव लगाने और वीडियोकॉन का डी2एच कारोबार ख़रीदने के निर्णय को ज़िम्मेदार बताया.
सुभाष चंद्रा के एक पत्र से ज़ाहिर है कि उनकी कंपनी पर वित्तीय संकट मंडरा रहा है. सरकार के इतने क़रीब होने के बाद भी सुभाष चंद्रा लोन नहीं दे पा रहे हैं तो समझ सकते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था कितनी नाज़ुक हालत में है. इनके चैनलों पर मोदी के बिज़नेस मंत्रों की कितनी तारीफ़ें हुई हैं और उन्हीं तारीफ़ों के बीच उनका बिज़नेस लड़खड़ा गया.
सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा, ‘मैं दिल्ली में बसना नहीं चाहता. दिल्ली में रहना मुश्किल है.’
विशेष जांच दल ने साल 2012 को मामला बंद करने की रिपोर्ट दाख़िल की थी जिसमें नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों सहित 63 अन्य लोगों को क्लीनचिट देते हुए कहा गया था कि इनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने योग्य साक्ष्य नहीं हैं.
केसरी-मराठा संस्थान द्वारा दिया जाने वाला यह पुरस्कार इस साल पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन को दिया जाएगा.
छह औद्योगिक क्षेत्रों- वज़ीरपुर, मुंडका, नरेला, बवाना, साहिबाबाद और फ़रीदाबाद में अगले दो दिनों तक निर्माण कार्य बंद रहेगा. दिल्ली में पिछले तीन दिनों से वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्थिति में बनी हुई है.