दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट्रल विस्टा का निर्माण कार्य जारी रखने की अनुमति देते हुए कहा कि यह एक अहम व आवश्यक राष्ट्रीय परियोजना है. अदालत ने इस पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को 'किसी मक़सद से प्रेरित' बताते हुए याचिकाकर्ताओं पर एक लाख का जुर्माना लगाया है.
कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बीच दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए संसद भवन का निर्माण कार्य जारी है. केंद्र सरकार ने इस परियोजना को आवश्यक सेवाओं के दायरे में रख दिया है और निर्माण कार्य में लगे मज़दूरों की आवाजाही की मंज़ूरी दे दी गई है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच दिल्ली में लगाए गए लॉकडाउन के कारण अगर कर्मचारी साइट पर नहीं रह रहे हैं तो निर्माण की अनुमति नहीं है, लेकिन सेंट्रल विस्टा परियोजना स्थल तक मज़दूरों को लाने के लिए 180 वाहनों को मंज़ूरी दी गई है.
हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना को मिली पर्यावरण मंज़ूरी और भूमि उपयोग में बदलाव की अधिसूचना को बरक़रार रखते हुए राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर के क्षेत्र में फैली नए संसद भवन के निर्माण की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का रास्ता साफ़ कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने 2:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए जो पर्यावरण मंज़ूरी दी गई है तथा भूमि उपयोग में परिवर्तन के लिए जो अधिसूचना जारी की गई है, वे वैध हैं.
दिल्ली के न्यू पटेल नगर में दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा चार मंदिरों को तोड़ने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि कई मामलों में यह देखा गया है कि मंदिर या अन्य पूजा स्थलों की आड़ में सरकारी ज़मीन पर अधिकार का दावा किया जाता है.
बीते सात दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सिर्फ़ सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए संसद भवन के आधारशिला कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति इस शर्त पर दी थी कि परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा होने तक निर्माण कार्य या इमारतों को गिराने जैसा कोई काम नहीं किया जाएगा.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को नए संसद भवन की आधारशिला रखेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार इस शर्त पर शिलान्यास की अनुमति दी कि सेंट्रल विस्टा परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा होने तक निर्माण कार्य या इमारतों को गिराने जैसा कोई काम नहीं किया जाएगा.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन का निर्माण मौजूदा इमारत के नज़दीक ही किया जाएगा. इस परियोजना का विभिन्न स्तरों पर विरोध भी हो रहा है. परियोजना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी गई थी, बीते मई महीने में शीर्ष अदालत ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
ग्राउंड रिपोर्ट: दिल्ली विकास प्राधिकरण ने एनजीटी के आदेश पर बीते 24 सितंबर को ओखला के धोबीघाट के पास करीब ढाई एकड़ में बसी झुग्गियों को तोड़कर सैकड़ों लोगों को बेघर कर दिया.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन का निर्माण मौजूदा इमारत के नज़दीक ही किया जाएगा. इसके 21 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है. इस प्रोजेक्ट को लेकर पर्यावरणविदों द्वारा लगातार चिंता व्यक्त की गई है.
संसद भवन एक जीवित विरासत स्थल है, जो आज़ाद भारत के कई ऐतिहासिक पलों का साक्षी रहा है. एक समृद्ध ऐतिहासिक इमारत को किनारे कर एक नए संसद भवन के निर्माण की योजना समझ से बाहर है.
केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे में कहा गया है कि मौजूदा इमारत में सुरक्षा संबंधी कई समस्याएं हैं और साल 2026 में सांसदों की संख्या बढ़ने के बाद अतिरिक्त जगह की ज़रूरत होगी इसलिए इस प्रोजेक्ट की ज़रूरत है.
मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर याचिकाकर्ता ने कहा है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के बावजूद विभिन्न अथॉरिटीज़ प्रोजेक्ट से जुड़ी निर्माण गतिविधियों के लिए सहमति दे रहे हैं, इसलिए इससे संबंधी किसी भी मंज़ूरी पर रोक लगानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के वक्त जब जन स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए भारी भरकम धनराशि की जरूरत है तब यह गैर-जिम्मेदाराना कदम उठाया जा रहा है.