जम्मू कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जवान अजय कुमार के अंतिम संस्कार में केंद्रीय राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और मेरठ से भाजपा विधायक राजेंद्र अग्रवाल शामिल हुए थे.
याचिका में आरोप लगाया गया कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद कश्मीर घाटी के छात्रों पर देशभर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में हमला किया जा रहा है और संबंधित प्राधिकारियों को इस प्रकार के हमले रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए.
बीते बुधवार को शकरुल्ला नाम के पाकिस्तानी कैदी की चार अन्य कैदियों के साथ कथित रूप से टीवी की आवाज़ तेज करने को लेकर झड़प हुई थी. पाकिस्तान ने इस पर चिंता जाहिर हुए भारत से जवाब मांगा है.
गुरुग्राम की एसजीटी यूनिवर्सिटी में पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को लेकर कथित आपत्तिजनक पोस्ट पर एक कश्मीरी छात्रा को निष्कासित कर दिया गया है. वहीं, नोएडा के एक होटल में कश्मीरियों के विरोध में एक बोर्ड लगाया गया था.
आज की मास्टरक्लास में अपूर्वानंद पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में कश्मीरी छात्रों पर हो रहे हमलों पर बात कर रहे हैं.
मीडिया बोल की 86वीं कड़ी में उर्मिलेश पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले पर हो रही चुनावी राजनीति पर वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और स्मिता शर्मा से चर्चा कर रहे हैं.
बीकानेर सीमा में किसी भी धर्मशाला, होटल और अस्पताल आदि में पाकिस्तानी नागरिकों के रहने-ठहरने पर भी प्रतिबंध. जिलाधिकारी ने कहा है कि पुलवामा आतंकी हमले से आमजन में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भयंकर जनआक्रोश के चलते निषेधाज्ञा लागू की गई है.
खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख विक्रम सूद ने कहा कि इस हमले को किसी एक शख्स ने अंजाम नहीं दिया होगा. इसमें एक पूरी टीम शामिल होगी.
पुलवामा के पिंगलान इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों की एक संयुक्त टीम ने कार्रवाई शुरू की थी. इस मुठभेड़ में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई है.
पुलवामा ज़िले के सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के ख़िलाफ़ जम्मू में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन और हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं थीं, जिसके चलते शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था.
नेशनल बम डेटा सेंटर की नई रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर में 2014 में 37 बम धमाके, 2015 में 46 बम धमाके, 2016 में 69 बम धमाके, 2017 में 70 बम धमाके और 2018 में 117 ऐसे बम धमाके हुए.
जम्मू कश्मीर के पुलवामा ज़िले में आतंकी हमले को लेकर सोशल मीडिया पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य हिस्सों में गिरफ़्तारियां हुई हैं.
किसी आतंकी हमले के बाद निंदा और बदले के बजाय इंसाफ़ और समाधान की बात क्यों नहीं की जाती? अभी जिस बदले की हमारे सत्ताधीश बात कर रहे हैं, कभी उन्होंने इस बात पर ग़ौर किया है कि क्या उसका कोई सार्थक परिणाम निकलेगा?
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अलगाववादी नेता मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ के अलावा शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन और अब्दुल गनी भट की भी सुरक्षा वापस ले ली है.
पुलवामा आतंकी हमले के बाद बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद समेत हिंदुत्व संगठनों के सदस्यों ने राज्य में कश्मीर के 12 छात्रों की पिटाई कर दी थी. इसके बाद से ही राज्य में कश्मीरी छात्रों के बीच डर का माहौल है. हालांकि पुलिस ऐसी किसी घटना से इनकार कर रही है.