एनजीओ ‘मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट’ द्वारा संचालित जमशेदपुर ज़िले के एक बाल आश्रय गृह की दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने संचालक समेत अन्य पर यौन उत्पीड़न सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं. आश्रय गृह से 40 बच्चों को जमशेदपुर के ही दूसरे आश्रय गृह में भेजे जाने के दौरान उनमें से दो बच्चियां लापता हो गई थीं. इनका अब तक पता नहीं लग सका है.
राजस्थान के सिरोही ज़िले का मामला है. पीड़िता ने पिछले साल नवंबर में आरोपी के ख़िलाफ़ बलात्कार का मामला दर्ज करवाया था. अप्रैल में ज़मानत पर छूटने के बाद से आरोपी पीड़िता पर मुक़दमा वापस लेने का दबाव बना रहा था.
मामला जमशेदपुर ज़िले के राज्य पंजीकृत महिला आश्रयगृह का है, जहां दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने संचालक समेत अन्य पर चार सालों से यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस के अनुसार, मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है और आश्रयगृह के बच्चों को स्थानांतरित किया जा रहा है.
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बीते 31 मई को कथित तौर पर एक मुठभेड़ में एक 24 वर्षीय आदिवासी महिला की मौत हो गई थी. परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिला को उसके घर से हिरासत में लिया था और उसके साथ बलात्कार किया गया. उन्होंने दावा किया कि जब उसका शव सौंपा गया तो वह विकृत हो गया था.
रामपुर का मामला. पीड़ित किशोरी की मां ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि उनकी बेटी ने बताया कि उनके घर के पास रहने वाले एक युवक ने कुछ महीने पहले उसका बलात्कार किया था, जिसके बाद वह गर्भवती हो गई थी. आरोपी युवक के परिवार ने पीड़िता का जबरन गर्भपात करा दिया था. मामले में आरोपी युवक, उसकी मां और बड़े भाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
मामला सहारनपुर ज़िले के चिलकाना थाना क्षेत्र का है. परिजनों का आरोप है कि रविवार की रात गांव के ही दो युवकों ने उनके घर में जबरन घुसकर किशोरी से बलात्कार किया और फिर उसे ज़हर दे दिया. अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसने दम तोड़ दिया. मामले के एक आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
घटना नागांव ज़िले के राहा थानाक्षेत्र की है, जहां एक पिता-पुत्र पर उनकी 12 साल की घरेलू सहायिका के बलात्कार और हत्या का आरोप है. आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. असम राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बताया कि लड़की का लगातार शोषण किया जाता था और वह गर्भवती थी.
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं के लिए अपने शरीर पर अधिकारहीनता की स्थिति कोरोना वायरस महामारी के कारण और भी ज़्यादा बदतर हुई है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा है कि महामारी के कारण पिछले वर्ष लिंग आधारित हिंसा में बढ़ोतरी देखी गई और कई देशों में यौन हिंसा को युद्ध की क्रूर युक्ति एवं राजनीतिक दमन के तौर पर इस्तेमाल किया गया.
मुंबई के पत्रकार वरुण हिरेमथ पर एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाते हुए दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. फरवरी में मामला दर्ज होने के बाद से ही आरोपी फ़रार हैं. महिला ने केंद्रीय गृह मंत्री, पुलिस कमिश्नर और सहायक पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर आरोपी को गिरफ़्तार करने में प्रशासन की अनिच्छा को लेकर रोष जताया है.
भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को एक नाबालिग लड़की के बलात्कार और उनके पिता की हत्या के मामले में दोषी ठहराया जा चुका है. अब भाजपा द्वारा उन्नाव से निवर्तमान ज़िला पंचायत अध्यक्ष और सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर को ज़िला पंचायत सदस्य के लिए फतेहपुर चौरासी तृतीय सीट से टिकट दिया गया है.
एक सुनवाई के दौरान ओडिशा हाईकोर्ट के जस्टिस एसके पाणिग्रही ने कहा कि आईपीसी की धारा 375 के संदर्भ में यह स्पष्ट है कि कौन-सी परिस्थिति में 'सहमति' को 'असहमति' के तौर पर दर्ज किया जाता है, लेकिन इस धारा में उल्लिखित परिस्थितियों में विवाह के वादे पर बने यौन संबंध शामिल नहीं हैं. इसे लेकर दोबारा सोचने की ज़रूरत है.
मामला फ़िरोज़ाबाद ज़िले के जसराना थाना क्षेत्र का है, जहां पिछले दिसंबर में गांव के एक युवक ने रिश्ते में भतीजी लगने वाली दस वर्षीय बच्ची से बलात्कार किया था. पॉक्सो के तहत गठित विशेष अदालत ने साढ़े तीन महीने के अंदर आरोपी को दोषी करार दिया और मौत की सज़ा सुनाई.
केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने अपने मुख्य खेल अधिकारी डीआईजी खजान सिंह और कोच इंस्पेक्टर सुरजीत सिंह को महिलाकर्मियों के यौन उत्पीड़न का दोषी पाया था. एक महिला कॉन्स्टेबल ने बीते दिसंबर में दिल्ली के एक थाने में बलात्कार का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था.
मध्य प्रदेश के अलीराजपुर ज़िले का मामला है. इस मामले में बलात्कार के आरोपी सहित छह लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. नाबालिग की शिकायत पर दो मामले दर्ज किए गए हैं. पहला मामला बलात्कार के आरोपी के ख़िलाफ़, जबकि दूसरा मामला पीड़िता के परिजनों एवं रिश्तेदारों के विरुद्ध दर्ज किया गया है.
एक अन्य मामले में अदालत ने शाहजहांपुर की विधि छात्रा और पांच अन्य को पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को धमकाने और उनसे पांच करोड़ रुपये की वसूली करने के आरोपों से बरी कर दिया. छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण और कई लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करने के आरोप लगाए थे. ट्रायल के दौरान छात्रा अपने बयान से मुकर गई थी.