जन गण मन की बात की 36वीं कड़ी में विनोद दुआ कश्मीर घाटी में तनावपूर्ण माहौल और धार्मिक असहिष्णुता को लेकर आई एक वैश्विक रिपोर्ट पर चर्चा कर रहे हैं.
विजय माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर 17 बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा लोन बकाया है.
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा, 'कानून के तहत हम जासूसी में शामिल कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुंच नहीं दे सकते.'
‘राष्ट्रवादी पाकिस्तानी वकीलों’ को लगता है कि यही वह अवसर है जब वे अपने देश से अपने वास्तविक प्रेम का इज़हार कर दें और कुलभूषण जाधव का मुक़दमा कोई वकील न लड़ पाए. दक्षिण एशिया में ऐसी न्यायिक देशभक्ति नई नहीं है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने सरकार से आग्रह किया है कि वह पेपर ट्रेल मशीनों की समयबद्ध खरीद के लिए तुरंत धन जारी करे ताकि लोकसभा चुनाव में इन मशीनों को उपयोग में लाया जा सके.
जन गण मन की बात की 33वीं कड़ी में विनोद दुआ पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान द्वारा मौत की सज़ा सुनाए जाने और तमिलनाडु के किसानों के प्रदर्शन पर चर्चा कर रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2016 में एक भी शख़्स की सज़ा पर अमल नहीं हुआ. ऐसे 400 कैदी जेलों में बंद हैं जिनकी मौत की सज़ा पर इस साल के अंत तक अमल होना है.
पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव को सुनाई गई मौत की सजा पर द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से द वायर कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह की बातचीत.
जन गण मन की बात की 32वीं कड़ी में विनोद दुआ ईवीएम पर उठ रहे सवाल और गोरक्षा के नाम पर नेताओं की ज़ुबानी हिंसा पर चर्चा कर रहे हैं.
आंबेडकर पर हुए एक सेमिनार में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने जातिवादी मानसिकता पर सवाल उठाते हुए लोगों से सोच बदलने की अपील की.
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने सोमवार को कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा सुनाई है. पाकिस्तान का दावा है कि कुलभूषण भारतीय ख़ुफिया एजेंसी रॉ के लिए जासूसी कर रहे थे.
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को 3 मार्च, 2016 को बलूचिस्तान के मश्केल क्षेत्र से गिरफ्तार करने का दावा करते हुए कहा कि वो भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए जासूसी कर रहे थे.
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता या मसूद अज़हर के मामले में चीन के रवैये को लेकर नाराजगी जताने के और भी तरीके हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख ने अपील की कि क़ानून का पालन करते हुए गाय की रक्षा करने का काम किया जाए.
प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर ने कहा कि नागरिकों की याददाश्त अल्पकालिक होने की वजह से चुनावी घोषणा पत्र कागज के टुकड़े बनकर रह जाते हैं.