विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले उत्तर प्रदेश भाजपा में ‘राजनीतिक अस्थिरता’ का संक्रमण शुरू हो गया, जिसके केंद्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं. भाजपा-आरएसएस के नेताओं के मंथन के बीच सवाल उठता है कि हाल के दिनों में ऐसा क्या हुआ कि उन्हें यूपी का रण जीतना उतना आसान नहीं दिख रहा, जितना समझा जा रहा था.
उत्तर प्रदेश की राजनीति को लेकर भाजपा के बार-बार ‘सब कुछ ठीक है’ कहने के बावजूद कुछ भी ठीक न होने के संदेह थमते नज़र नहीं आ रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या ज़िले में समाजवादी पार्टी ने जिला पंचायत सदस्य की 40 सीटों में से 17 सीटें अपने नाम की. इसके अलावा 4 सीटों पर बसपा और 11 सीटों पर निर्दलीयों ने जीत हासिल की है. भाजपा के अयोध्या ज़िला प्रवक्ता ने बताया कि ज़िले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक होने के बावजूद हमें 40 में से सिर्फ़ आठ ज़िला पंचायत सीटों पर जीत मिली है.
हाल ही में गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चहेते माने जाने वाले अरविंद कुमार शर्मा वीआरएस लेकर भाजपा में शामिल हुए और दूसरे ही दिन उन्हें विधान परिषद के टिकट से निर्विरोध प्रदेश विधान परिषद का सदस्य बना दिया गया.
भाजपा नेताओं के यह कहने के बाद कि यह देश के डॉक्टरों-वैज्ञानिकों का अपमान है, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें वैज्ञानिकों की दक्षता पर भरोसा है, पर भाजपा की ताली-थाली वाली अवैज्ञानिक सोच व भाजपा सरकार की वैक्सीन लगवाने की चिकित्सा व्यवस्था पर यक़ीन नहीं है.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ खड़े हुए बीएसएफ के बर्ख़ास्त जवान तेज बहादुर यादव ने अपना नामांकन रद्द होने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी.
पिछले लोकसभा चुनाव में वाराणसी से नरेंद्र मोदी के सामने खड़े हुए पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने अपना नामांकन रद्द होने को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है. बुधवार को इसकी सुनवाई रद्द से इनकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि मामले में प्रधानमंत्री प्रतिवादी हैं, यह महत्वपूर्ण केस है, इसे बार-बार टाला नहीं जा सकता.
प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा और सपा अपनी-अपनी सीटें बचाने में कामयाब रहे हैं. भाजपा ने बांगरमऊ, देवरिया, टूंडला, बुलंदशहर, नौगांव सादात और घाटमपुर सीट पर जीत हासिल की है, वहीं मल्हनी सीट सपा ने जीती है.
उत्तर प्रदेश की राज्यसभा की 10 में से आठ सीटों पर भाजपा, एक-एक सीट पर सपा और बसपा ने निर्विरोध जीत दर्ज की. उत्तराखंड से एकमात्र सीट से भाजपा ने जीत दर्ज की. इसके साथ उच्च सदन में पहली बार भाजपा 92 सीटों पर पहुंच गई और कांग्रेस पार्टी पहली बार 40 से सीटों पर सिमट गई है.
उत्तर प्रदेश की देवरिया विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को होने वाला उपचुनाव राज्य में ब्राह्मण राजनीति को टेस्ट करने का पैमाना बन गया है. जिस दल को जीत मिलेगी, वह अपने साथ ब्राह्मणों के होने का दावा करेगा.
बसपा प्रमुख मायावती ने 29 अक्टूबर को कहा था कि उनकी पार्टी आगामी विधान परिषद चुनावों में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को हराने के लिए वोट करेगी, फिर चाहे वह भाजपा हो या अन्य कोई भी मजबूत उम्मीदवार, बसपा उसे वोट करेगी.
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दस सीटों के लिए 9 नवंबर को मतदान होना है. इसके लिए भाजपा ने आठ, सपा ने एक और बसपा ने एक प्रत्याशी खड़ा किया है. हालांकि, बुधवार को बसपा के सात विधायकों ने बगावत कर दी और कहा कि बसपा प्रत्याशी के नामांकन पत्र पर उनके फ़र्ज़ी हस्ताक्षर हैं. इसके बाद उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात भी की.
समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह का सिंगापुर के एक अस्पताल में कई महीनों से इलाज चल रहा था.
कानपुर के बिकरू गांव में जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के परिजन विकास दुबे के कथित एनकाउंटर से संतुष्ट हैं, लेकिन उनका कहना है कि अब उसके सहयोगियों-संरक्षकों का पर्दाफ़ाश नहीं हो पाएगा.
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पिछले हफ्ते आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे की कथित मुठभेड़ को कांग्रेस, सपा और बसपा ने उसके राजनीतिक संरक्षकों को बचाने की साजिश करार दिया और न्यायिक जांच की मांग की.