यह घटना आंध्र प्रदेश के कर्नूल में तीन नवंबर को हुई. घटना के बाद सामने आए एक वीडियो में ऑटो चालक पुलिस की प्रताड़ना से परेशान होने की बात कहते नज़र आते हैं. मृतकों में दो बच्चे भी शामिल हैं.
हैदराबादः आंध्र प्रदेश के कर्नूल में चलती ट्रेन के सामने कूदकर एक परिवार के चार सदस्यों ने आत्महत्या कर ली. मृतकों में दो बच्चे भी थे.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना तीन नवंबर को कर्नूल के पन्यम रेलवे स्टेशन के पास हुई.
इस घटना के बाद इस परिवार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें परिवार के मुखिया अब्दुल सलाम नंदयाल के पुलिस इंस्पेक्टर सोमशेखर रेड्डी और कॉन्स्टेबल गंगाधर पर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगा रहे हैं.
बता दें कि चोरी के एक मामले में पुलिसकर्मियों ने पेशे से ऑटो चालक अब्दुल की जांच की थी. ऑटो चलाने से पहले अब्दुल सलाम नंदयाल के रोजाकुंता इलाके के एक आभूषण स्टोर में काम करते थे.
उन पर दुकान से तीन किलोग्राम सोना चुराने का आरोप था, जिसके बाद पुलिस ने अब्दुल को गिरफ्तार किया था लेकिन बाद में वह जमानत पर बाहर आ गए थे.
Police Brutality: Sheikh Abdul Salam & his family in Kurnool, Andhra Pradesh committed Sucide by jumping under train. The cause of the Sucide is police Harrasments, torture & humiliation. Helpless family recorded this video pleading they are innocent & leave them#JusticrForSalam pic.twitter.com/foaqREQvPa
— Aarif Shah (@aarifshaah) November 9, 2020
लगभग एक हफ्ते पहले अब्दुल के ऑटो में सवार एक यात्री ने 70,000 रुपये की चोरी की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने ऑटो चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
अब्दुल को कथित तौर पर इन दोनों मामलों में पुलिसकर्मियों द्वारा पीटा गया और अपमानित किया गया.
पुलिस की इस कार्रवाई से डरे हुए और अपमानित महसूस कर रहे अब्दुल और उनके परिवार ने आत्महत्या करने का फैसला किया.
इस वीडियो के आखिरी में अब्दुल कह रहे हैं, ‘मैंने कुछ गलत नहीं किया है. मेरा चोरी से कोई लेना-देना नहीं है. मैं अब इस प्रताड़ना को और नहीं सह सकता. हमारी कोई मदद नहीं करेगा इसलिए मौत से हमें शांति मिलेगी.’
अब्दुल (45), उनकी पत्नी नूरजहां (38), बेटी सलमा (14) और बेटे काजलंदर (10) की आत्महत्या के बाद लोगों में रोष है और मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई है.
मामले में न्याय की मांग के बीच आरोपी इंस्पेक्टर सोमशेखर रेड्डी और हेड कॉन्स्टेबल गंगाधर को सस्पेंड कर गिरफ्तार कर लिया गया है.
आईजीपी सांचा ब्राता बाग्ची और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरिफ हफीज को मामले की जांच के लिए विशेष अधिकारियों के तौर पर नियुक्त किया गया है.
डीजीपी गौतम सवांग ने कहा, ‘अगर कोई भी दोषी पाया जाएगा फिर चाहे वह कोई भी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.’
इस बीच टीडीपी ने मृतक परिवार के न्याय की मांग करते हुए ‘चलो नंदयाल’ का आह्वान किया है.
टीडीपी ने कहा, ‘सरकार वित्तीय सहायता देकर दोषियों को कटघरे में लाने की अपनी जवाबदेही से बचने की कोशिश कर रही है. इसका कोई लाभ नहीं है क्योंकि पूरी परिवार ने आत्महत्या कर ली है क्योंकि उन्हें प्रताड़ित किया गया.’
टीडीपी ने आरोप लगाया कि बीते 18 महीनों में पुलिस के अत्याचार के मामले बढ़े हैं और कई पुलिसकर्मी रेत और शराब की तस्करी में लिप्त पाए गए हैं. पूर्वी गोदावरी में एक दलित युवक का सिर पुलिस थाने के भीतर काट दिया गया था और अब कर्नूल में एक परिवार ने खुद को खत्म कर लिया है.
इस बीच सोमवार को दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को जमानत दे दी गई.
राज्य सरकार ने जमानत रद्द करने की याचिका दायर कर आशंका जताई थी कि आरोपी पुलिसकर्मियों के जेल से बाहर आने के बाद गवाह अपना बयान पलट सकते हैं और स्वेच्छा से गवाही देने वाले नए गवाहों को डराया जा सकता है.
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