यूपी: आंदोलन में भाग लेने वाले किसानों को भेजे गए 50 लाख रुपये जुर्माना नोटिस में होगा संशोधन

उत्तर प्रदेश के संभल जिले का मामला. केंद्र सरकार के तीन नए विवादित कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों को भड़काने के आरोप में किसान नेताओं को 50 लाख रुपये (प्रति नेता) के नोटिस जारी किए गए हैं. अधिकारियों का कहना है कि ये नोटिस ग़लती से गए, जल्द ही 50 हजार रुपये के नए नोटिस जारी किए जाएंगे.

New Delhi: Farmers during their Delhi Chalo protest march against the new farm laws, at Singhu border in New Delhi, Sunday, Dec. 6, 2020. (PTI Photo/Manvender Vashist)(PTI06-12-2020 000091B)

उत्तर प्रदेश के संभल जिले का मामला. केंद्र सरकार के तीन नए विवादित कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों को भड़काने के आरोप में किसान नेताओं को 50 लाख रुपये (प्रति नेता) के नोटिस जारी किए गए हैं. अधिकारियों का कहना है कि ये नोटिस ग़लती से गए, जल्द ही 50 हजार रुपये के नए नोटिस जारी किए जाएंगे.

(फोटो: एएनआई)
(फोटो: एएनआई)

संभलः उत्तर प्रदेश के संभल में सब डिविजनल मजिस्ट्रेट द्वारा कृषि नेताओं को पचास लाख रुपये तक का मुचलका भरने के नोटिस जारी करने के कुछ दिनों बाद पुलिस का कहना है कि मुचलके की राशि में गलती हुई है, लेकिन अब इसे संशोधित कर लिया जाएगा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार के तीन नए विवादित कृषि कानूनों के विरोध में किसानों को भड़काने के आरोप में किसान नेताओं को ये नोटिस जारी किए गए हैं.

वहीं, किसान नेताओं का कहना है कि यह नोटिस लोकतांत्रिक प्रदर्शन का गला घोंटने वाला है.

संभल के छह किसान नेताओं मुख्य रूप से भारतीय किसान यूनियन (असली) के पदाधिकारियों को 50 लाख रुपये (प्रति किसान) के नोटिस भेजे गए थे.

पांच लाख रुपये (प्रति किसान) का हर्जाना भरने के इसी तरह के नोटिस छह अन्य किसानों को भी भेजे गए थे. ये नोटिस सीआरपीसी की धारा 111 के तहत 12 और 13 दिसंबर को जारी किए गए थे.

संभल के एसपी चक्रेश मिश्रा ने कहा, ‘मैंने एसडीएम से बात की है और इस त्रुटि के बाद नए नोटिस जारी किए जाएंगे.’

संभल के सर्किल अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने कहा, ‘एसडीएम फिलहाल छुट्टी पर हैं और उनके आने पर हम 50 हजार रुपये के नए नोटिस जारी करेंगे क्योंकि पिछले नोटिस में त्रुटि हुई थी.’

वहीं, किसान नेताओं का कहना है कि वे इसके बजाए जेल जाना चाहेंगे.

बीकेयू के जिला अध्यक्ष राजपाल सिंह यादव ने कहा, ‘उन्होंने हमे रोकने के लिए यह नोटिस जारी किए हैं. यह अहिंसक प्रदर्शन है. प्रशासन किसानों के प्रदर्शन से इतना क्यों डरा हुआ है? उन्होंने पचास लाख रुपये का जिक्र किया, जैसे हम आतंकी हों. उन्हें पता है कि हमारे पास इतना पैसा नहीं है.’

बता दें कि बीकेयू उन किसान संगठनों में से एक है, जिन्हें पचास लाख रुपये के मुचलके के नोटिस जारी किए गए थे.

ये किसान नेता अधिकतर चंदौसी और सिंहपुर से है, जिन्होंने 26 नवंबर से विरोध प्रदर्शन शुरू किए.

विरोध प्रदर्शन के पहले दिन लगभग 400 लोग संभल के चौक पर इकट्ठा हुए थे. तभी से पुलिस ने यह सुनिश्चित करने के लिए प्रदर्शन न हो, कई प्रयास किए.

बीकेयू के संजीव गांधी ने कहा, ‘पुलिस हमारी गतिविधियों का पता लगाने से पहले हमारे गांवों का चक्कर लगाती थी. जब भी हम घेराव या प्रदर्शन का आह्वान करते थे, पुलिस हमारे घरों पर आकर हमें गिरफ्तार करती थी. हम एक दिन के लिए 28 नवंबर को दिल्ली जाने में कामयाब रहे. हम कई बार पुलिस के आने से पहले ही घर से निकल जाते थे और अगले दिन प्रदर्शन करने के लिए खेतों में सोते थे.’

नेताओं के मुताबिक, कुछ किसानों को प्रदर्शन से एक दिन पहले एहतियातन हिरासत में ले लिया गया.

राष्ट्रीय किसान मजदूर संघर्ष के राजवीर सिंह का कहना है, ‘पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं लेकिन कहीं नहीं सुना होगा कि प्रशासन उन्हें धमकाने के लिए 50 लाख रुपये का मुचलका भरवा रहा है. यह सरासर उत्पीड़न है.’

संभल के एसडीएम दीपेंद्र यादव की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया, ‘दिल्ली और अन्य किसान आंदोलनों में जो हो रहा है, उसके संदर्भ में छह लोग गांव-गांव जाकर गलत जानकारी देकर किसानों को भड़का रहे हैं, जिससे क्षेत्र में शांति बाधित हो सकती है. हम इस संबंध में स्थानीय पुलिस स्टेशन की रिपोर्ट से संतुष्ट हैं. इन किसानों से जवाब मांगा गया है कि उन पर एक साल तक शांति बनाए रखने के 50 लाख रुपये का मुचलका और समान राशि की जमानत राशि क्यों न वसूली जाए.’

संभल के सर्किल अधिकारी कुमार ने कहा, ‘नोटिस प्रक्रिया का हिस्सा है और प्रदर्शनों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने वाले कुछ मुट्ठीभर लोगों को ही नोटिस जारी किए गए हैं. इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रशासन को भेजी गई है और इलाके में शांति बाधित करने के लिए किसी तरह की गतिविधि में शामिल होने से उन्हें रोकने के लिए इतनी भारी राशि लगाने का अनुरोध किया गया. हमें शांतिपूर्ण प्रदर्शनों से कोई समस्या नहीं है.’

बता दें कि जिन छह किसानों को नोटिस दिया गया, उनमें भारतीय किसान यूनियन (असली), संभल के जिला अध्यक्ष राजपाल सिंह यादव के अलावा जयवीर सिंह, ब्रह्मचारी यादव, सतेंद्र यादव, रौदास और वीर सिंह शमिल हैं. इन्होंने यह मुचलका भरने से इनकार कर दिया है.

यादव ने कहा, ‘हम ये मुचलके किसी भी हालत में नहीं भरेंगे, चाहे हमें जेल हो जाए, चाहे फांसी हो जाए. हमने कोई गुनाह नहीं किया है, हम अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं.’

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