अमेरिका: ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी और अन्य वर्क वीज़ा पर प्रतिबंध 31 मार्च तक बढ़ाया

अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कार्यकाल के केवल 20 दिन बाकी रहने के दौरान प्रतिबंधों का जारी रखना अमेरिका में प्रवासियों के प्रवेश को रोकने का हालिया प्रयास है. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने ट्रंप की प्रवासी नीति को क्रूर बताते हुए एच-1 बी वीज़ा पर लगे प्रतिबंधों को हटाने का वादा किया है.

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. ​​(फोटो: रॉयटर्स)

अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कार्यकाल के केवल 20 दिन बाकी रहने के दौरान प्रतिबंधों का जारी रखना अमेरिका में प्रवासियों के प्रवेश को रोकने का हालिया प्रयास है. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने ट्रंप की प्रवासी नीति को क्रूर बताते हुए एच-1 बी वीज़ा पर लगे प्रतिबंधों को हटाने का वादा किया है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. (फोटो: रॉयटर्स)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. (फोटो: रॉयटर्स)

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी कामगारों की हित में एच-1बी वीजा के साथ ही अन्य विदेशी कार्य वीजा पर लगे प्रतिबंधों को तीन महीनों के लिए बढ़ा दिया है.

ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस का इलाज और वैक्सीन उपलब्ध है, लेकिन श्रम बाजार और सामुदायिक स्वास्थ्य पर महामारी का असर पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है.

इस फैसले से बड़ी संख्या में भारतीय आईटी पेशेवर और कई अमेरिकी तथा भारतीय कंपनियां प्रभावित होंगी, जिन्हें अमेरिकी सरकार ने एच-1बी वीजा जारी किया था.

ट्रंप ने पिछले साल 22 अप्रैल और 22 जून को विभिन्न श्रेणियों के कार्य वीजा पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था.

उक्त आदेश 31 दिसंबर को खत्म हो रहा था, और उससे कुछ घंटों पहले ट्रंप ने गुरुवार को इसे 31 मार्च तक बढ़ाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि जिन वजहों से ये प्रतिबंध लगाए गए थे, वे नहीं बदले हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, ट्रंप के कार्यकाल के केवल 20 दिन बाकी रहने के दौरान प्रतिबंधों का जारी रखना अमेरिका में प्रवासियों के प्रवेश को रोकने का हालिया प्रयास है.

साल 2016 में सत्ता में आने के बाद पहले दिन से ही ट्रंप प्रशासन का ध्यान प्रवासियों पर प्रतिबंध लगाने का था जब उसने सात मुस्लिम बहुत देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद यह सिलसिला ट्रंप प्रशासन के आखिरी साल में भी जारी रहा और इसके लिए उसने कोविड-19 महामारी का इस्तेमाल किया.

हालांकि, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने ट्रंप प्रशासन की प्रवासी नीति को क्रूर बताते हुए कार्यकाल संभालते ही एच-1 बी वीजा पर लगे प्रतिबंधों को हटाने का वादा किया है.

एच-1 बी वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को कुछ व्यवसायों के लिए विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है, जहां सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है. प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से प्रत्येक वर्ष दसियों हजार कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस वीजा पर निर्भर हैं.

इस फैसले से अपने एच-1बी वीजा के नवीनीकरण का इंतजार कर रहे भारतीय पेशवरों पर भी असर पड़ेगा.

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि अमेरिकी श्रम बाजार और अमेरिकी समुदायों के स्वास्थ्य पर कोविड-19 का जारी प्रभाव राष्ट्रीय चिंता का विषय है और पिछले दो घोषणाओं में मौजूद विचारों को समाप्त नहीं किया गया है.

अपनी घोषणा में ट्रंप ने कहा था, ‘2019 नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) अमेरिकियों की आजीविका को बाधित कर रहा है. जबकि अमेरिका में नवंबर में बेरोजगारी की कुल दर 6.7 प्रतिशत है, जो अप्रैल में उच्च स्तर से उल्लेखनीय गिरावट को दर्शाता है, 2020 के फरवरी की तुलना में नवंबर में अभी भी 98,34,000 मौसमी रूप से समायोजित नॉनफर्म नौकरियां थीं.’

अमेरिका में हर साल 85,000 एच-1 बी जारी करने की सीमा है. पिछले साल इस वीजा के लिए 2,25,000 आवेदन प्राप्त हुए थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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