पश्चिम बंगाल उपचुनाव: भवानीपुर सीट से ममता बनर्जी की जीत

बीते मई महीने में पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज करने वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट पर कभी सहयोगी रहे भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं. बनर्जी ने कोलकाता में अपनी पारंपरिक भवानीपुर सीट से शोभनदेव चट्टोपाध्याय को चुनाव मैदान में उतारा था.

ममता बनर्जी. (फोटो: पीटीआई)

बीते मई महीने में पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज करने वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट पर कभी सहयोगी रहे भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं. बनर्जी ने कोलकाता में अपनी पारंपरिक भवानीपुर सीट से शोभनदेव चट्टोपाध्याय को चुनाव मैदान में उतारा था.

ममता बनर्जी. (फोटो: पीटीआई)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने रविवार को भवानीपुर सीट पर हुए उपचुनाव में 58,832 मतों के अंतर से जीत हासिल की है.

ममता बनर्जी को उपचुनाव में कुल 84,709 हासिल हुए जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की प्रियंका टिबेड़बाल सिर्फ 26,320 मतों पर ही सिमट गईं. भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरीं प्रियंका टिबड़ेवाल ने अपनी हार के लिए फर्जी मतदाताओं को जिम्मेदार ठहराया है.

अपनी घरेलू सीट से जीत का दावा करने के बाद बनर्जी ने कहा, ‘यह उस साजिश के खिलाफ एक जीत है, जो मुझे नंदीग्राम से हराने के लिए रची गई थी. मुझे इतना बड़ा जनादेश देने के लिए मैं भवानीपुर के लोगों को धन्यवाद देती हूं.’

मालूम हो कि बीते मई महीने में पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज करने वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट पर कभी सहयोगी रहे भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं.

निर्वाचन आयोग ने बताया था कि नंदीग्राम सीट से शुभेंदु अधिकारी 1,956 मतों से विजयी हुए हैं. आयोग ने पुष्टि की थी कि शुभेंदु अधिकारी को 110,764 मत मिले, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी बनर्जी के पक्ष में 108,808 मत पड़े.

ममता बनर्जी ने ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ और चुनाव आयोग के संबंधित अधिकारी द्वारा दोबारा मतगणना की मांग को ठुकराने का आरोप लगाते हुए नतीजों की घोषणा के बाद कहा था कि इस मुद्दे को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा.

बीते जून महीने में ममता बनर्जी ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नंदीग्राम विधानसभा सीट से निर्वाचन को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती भी दी थी.

दरअसल बीते साल दिसंबर में बंगाल के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी विभिन्न दलों के नौ विधायकों और तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे.

इसके बाद विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी ने अपनी परंपरागत भवानीपुर सीट छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी इसके अगले दिन छह मार्च को भाजपा ने उन्हें चुनौती देने के लिए तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी को मैदान में उतारा था. बनर्जी ने कोलकाता में अपनी पारंपरिक भवानीपुर सीट से शोभनदेव चट्टोपाध्याय को चुनाव मैदान में उतारा था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को भवानीपुर से हार के बाद भाजपा प्रत्याशी टिबड़ेवाल ने कहा, ‘अगर लोगों को वोट करने दिया जाता तो नतीजा कुछ और होता. यहां तक कि मतदान के दिन मैंने भी फर्जी मतदाताओं को पकड़ लिया. कई बूथों पर मतदान में धांधली हुई, लेकिन मैं मानती हूं कि भवानीपुर में हमारा संगठन कमजोर था. हमें इसमें सुधार करना होगा.’

मुर्शिदाबाद जिले की शमशेरगंज सीट पर भी तृणमूल कांग्रेस ने 26,379 मतों से जीत हासिल की है, जबकि जंगीपुर सीट पर पार्टी 80,000 से अधिक मतों से आगे चल रही है.

मालूम हो कि रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) की ओर से मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुरा सीट से चुनाव मैदान में उतरे प्रदीप कुमार नंदी की मौत बीते 16 अप्रैल को कोरोना संक्रमण की वजह से हो गई थी. उनसे पहले 15 अप्रैल को इसी जिले की शमशेरगंज सीट से कांग्रेस उम्मीदवार रेजाउल हक की भी संक्रमण से मौत हो चुकी है.

इसके बाद निर्वाचन आयोग ने शमशेरगंज और जंगीपुरा विधानसभा सीट पर मतदान स्थगित कर दिया था.

दक्षिण कोलकाता की भवानीपुर सीट पर महत्वपूर्ण उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती भारी सुरक्षा तैनाती के बीच सुबह 8 बजे शुरू हुई थी. यहां टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी अपनी मुख्यमंत्री की सीट को बरकरार रखने के लिए चुनाव लड़ रही थीं.

बनर्जी ने पहली बार नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. इस सीट का प्रतिनिधित्व 2016 में तृणमूल के टिकट पर शुभेंदु अधिकारी ने किया था, जबकि 2011 में तृणमूल कांग्रेस के एक अन्य उम्मीदवार ने किया था.

नंदीग्राम आंदोलन के बल पर ही बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे को 2011 में हराकर उससे सत्ता छीनी थी. राज्य में तब उन्होंने 34 साल से सत्ता पर काबिज वाम मोर्चे को हराया था.

निर्वाचन आयोग ने बंगाल में चुनाव नतीजों पर जश्न समारोह न होने देने के निर्देश दिए

निर्वाचन आयोग ने रविवार दोपहर को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि हिंसा की आशंका के बीच राज्य में चुनाव नतीजों पर कोई जश्न समारोह न किया जाए.

निर्वाचन आयोग ने एक पत्र में कहा कि राज्य सरकार पर्याप्त कदम उठाए गए ताकि चुनाव के बाद हिंसा न हो.

आयोग के सचिव राकेश कुमार ने पत्र में कहा, ‘पश्चिम बंगाल में विधानसभा उपचुनाव के लिए चल रही मतगणना के दौरान या बाद में कोई भी जश्न समारोह/जुलूस को अनुमति नहीं दी जाएगी. यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की जाए कि आयोग के निर्देश का सख्ती से पालन किया जाए, जबकि महामारी के मद्देनजर पहले से ही इन सभी गतिविधियों पर रोक लगाई गई है. साथ ही राज्य सरकार पर्याप्त कदम उठाए ताकि चुनाव के बाद कोई हिंसा न हो.’

निर्वाचन आयोग ने द्विवेदी से निर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहा है.

भवानीपुर सीट से बनर्जी की प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी की प्रियंका टिबरेवाल ने शनिवार रात को कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल को पत्र लिखकर उनसे चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद हिंसा की किसी तरह की घटना को रोकने के लिए एहतियातन कदम उठाने का पुलिस को आदेश देने का अनुरोध किया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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