बैंकों में न जमा होंगे, न ही बदले जा सकते हैं 200 और 2,000 रुपये के ख़राब नोट

रिज़र्व बैंक के अनुसार कटे-फटे और गंदे नोटों को बदलने संबंधी मौजूदा आरबीआई अधिनियम में 200 और 2,000 रुपये के ख़राब नोट बदलने से जुड़ा कोई प्रावधान नहीं है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

रिज़र्व बैंक के अनुसार कटे-फटे और गंदे नोटों को बदलने संबंधी मौजूदा आरबीआई अधिनियम में 200 और 2,000 रुपये के ख़राब नोट बदलने से जुड़ा कोई प्रावधान नहीं है.

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फोटो: पीटीआई

नई दिल्ली: आपके पास मौजूद 200 और 2,000 रुपये के नोट अगर कट-फट गए हैं या फिर गंदे हो गए हैं तो उन्हें न तो किसी बैंक में जमा किया जा सकेगा और न ही बैंक उन्हें बदलेंगे क्योंकि आरबीआई के करेंसी नोटों के एक्सचेंज से जुड़े नियमों के दायरे में इन नए नोटों को अब तक रखा ही नहीं गया है.

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कटे-फटे और गंदे नोटों को बदलना आरबीआई अधिनियम की धारा 28 के आरबीआई (नोट रिफंड) रूल्स के तहत आता है. इस एक्ट में 5, 10, 50, 100, 500 और 1,000 एवं 5,000 तथा 10,000 रुपये के करेंसी नोटों की बात कही गई है, लेकिन 200 और 2000 रुपये के नोटों के संबंध में इसमें कोई प्रावधान नहीं किया गया है.

जो कारण इसके पीछे बताया गया है वो यह है कि सरकार और आरबीआई ने इनके एक्सचेंज पर लागू होने वाले प्रावधानों में कोई फेर-बदल ही नहीं किया है.

बैंकरों ने इकोनॉमिक टाइम्स से बातचीत में कहा कि फिलहाल 200 और 2,000 रुपये के नोटों की नई सीरीज में विकृत या कटे-फटे/गंदे नोटों के कुछ ही मामले सामने आए हैं लेकिन साथ ही उन्होंने आगाह किया कि अगर क़ानून में जल्द ही संशोधन नहीं किया गया तो आगे जाकर यह एक बड़ा मुद्दा बन सकता है.

वहीं, केंद्रीय बैंक का दावा है कि वह 2017 में क़ानून में संशोधन की जरूरत के बारे में वित्त मंत्रालय को पत्र लिख चुका है. लेकिन, इस बातचीत से सीधा सरोकार रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि उस पत्र पर अब तक सरकार की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार है.

बदलाव विशेष तौर पर क़ानून की धारा 28 में किया जाना है जिसका संबंध ‘चोरी हुए, खो गए या विकृत और अशुद्ध नोटों’ की बरामदगी से है.

वहीं, आरबीआई ने स्वीकार किया है कि नोटों की नई सीरीज की बैंकों में अभी अदला-बदली नहीं की जा सकती है.

आरबीआई ने कहा, ‘महात्मा गांधी के नई सीरीज के नोटों के आकार में बदलाव के कारण इस सीरीज के कटे-फटे या अशुद्ध नोटों की अदला-बदली मौजूदा नियम आरबीआई (नोट रिफंड) रूल्स, 2009 के तहत नहीं की जा सकती. आधिकारिक गजट में संशोधन की सूचना जारी होने के बाद ही इस सीरीज के कटे-फटे नोट बदले जा सकेंगे.’

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार जरूरी बदलावों पर विचार करेगी. उन्होंने कहा, ‘जो भी जरूरी होगा, किया जाएगा.’ हालांकि यह कब तक होगा, इसकी समय सीमा उन्होंने नहीं बताई.

गौरतलब है कि 2,000 रुपये के नोट की सीरीज 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के ऐलान के बाद जारी की गई थी. जबकि 200 रुपये का नोट अगस्त 2017 में जारी हुआ है.

फिलहाल, करीब 6.70 लाख करोड़ मूल्य के 2,000 रुपये के नोट देश में सर्कुलेशन में हैं. वहीं अब आरबीआई ने 2,000 रुपये के नए नोटों की छपाई भी बंद कर दी है. यह बात 17 अप्रैल को आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष सी. गर्ग ने बताई थी.

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