नॉर्थ ईस्ट डायरी: नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में मोदी को दिखाए गए काले झंडे

इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, अरुणाचल, त्रिपुरा, मेघालय और सिक्किम के प्रमुख समाचार. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के विरोध में असम के तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, सिबसागर, लखीमपुर और जोरहट ज़िलों में बंद का आह्वान किया गया. 70 संगठनों ने बंद का किया था समर्थन.

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Itanagar: Prime Minister Narendra Modi addresses the gathering at the inauguration of several development projects, in Itanagar, Saturday, Feb 9, 2019. (PIB Photo via PTI) (PTI2_9_2019_000034B)
Itanagar: Prime Minister Narendra Modi addresses the gathering at the inauguration of several development projects, in Itanagar, Saturday, Feb 9, 2019. (PIB Photo via PTI) (PTI2_9_2019_000034B)

इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, अरुणाचल, त्रिपुरा, मेघालय और सिक्किम के प्रमुख समाचार. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के विरोध में असम के तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, सिबसागर, लखीमपुर और जोरहट ज़िलों में बंद का आह्वान किया गया. 70 संगठनों ने बंद का किया था समर्थन.

Itanagar: Prime Minister Narendra Modi addresses the gathering at the inauguration of several development projects, in Itanagar, Saturday, Feb 9, 2019. (PIB Photo via PTI) (PTI2_9_2019_000034B)
अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में बीते शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा को संबोधित किया. (फोटो: पीटीआई)

गुवाहाटी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुवाहाटी में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के विरोध में काले झंडे दिखाए गए. लोगों ने पुतले जलाने के साथ निर्वस्त्र होकर इसके विरोध में प्रदर्शन किया.

निर्वस्त्र होकर जनता भवन (राज्य सचिवालय) के सामने विरोध प्रदर्शन करने के बाद कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के छह कार्यकर्ताओं को बीते शनिवार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. केएमएसएस कार्यकर्ता कार से यहां पहुंचे थे.

ताई अहोम युवा परिषद ने राज्य में प्रधानमंत्री के दौरे का विरोध करने के लिए 12 घंटे की बंद बुलाया था जिसका असर असम के ऊपरी जिले तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, सिबसागर, लखीमपुर और जोरहट में देखने को मिला. इन ज़िलों में वाहन सड़कों से नदारद रहे और दुकानें बंद रहीं.

केएमएसएस सहित 70 अन्य संगठनों ने इस बंद का समर्थन किया.

ऑल असम स्टूडेट्स यूनियन (आसू) ने दावा किया कि पुलिस ने उसके कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए लाठियों का हल्का बल प्रयोग किया. चांगसारी में आयोजित प्रधानमंत्री की रैली से 10 किलोमीटर दूर अमिगांव-हाजो रोड पर कार्यकर्ता मोदी को काले झंडे और काले गुब्बारे दिखाने के लिए जमा हुए थे.

राज्य के कई ज़िलों में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के पुतले जलाए और हवा में काले गुब्बारे छोड़े.

राजभवन से हवाई अड्डे जा रहे मोदी को मचखोवा इलाके में असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) के प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे दिखाए.

इसके कुछ मिनटों बाद ही छात्रों के एक समूह ने प्रधानमंत्री को उस वक्त काले झंडे दिखाए जब उनका काफिला जालुकबारी इलाके में गुवाहाटी विश्वविद्यालय के पास से गुजर रहा था.

पुलिस ने बताया कि दोनों समूहों के सदस्यों को हिरासत में ले लिया गया है.

इससे पहले मोदी के शुक्रवार को गुवाहाटी उतरने के बाद हवाई अड्डे से राजभवन के रास्ते में उन्हें कम से कम चार स्थानों पर काले झंडे दिखाए गए थे.

गौरतलब है कि आठ जनवरी को लोकसभा में पारित हुआ नागरिकता (संशोधन) विधेयक, बांग्लादेश, पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिमों (हिंदू, ईसाई, पारसी, जैन, सिखों) को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान करता है.

Dibrugarh: All Assam Students’ Union (AASU) memebrs display black ballons on Prime Minister Narendra Modi's arrival in protest over Citizenship Amendment Bill, in Dibrugarh, Saturday, Feb 9, 2019. (PTI Photo) (PTI2_9_2019_000022B)
नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के सदस्यों ने असम के डिब्रूगढ़ शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्तर पूर्व यात्रा के विरोध में काले रंग के गुब्बारे उड़ाए. (फोटो: पीटीआई)

फिलहाल नागरिकता विधेयक संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा से पारित होने की बाट जोह रहा है जहां सत्तारूढ़ गठबंधन के पास बहुमत का अभाव है.

बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर मुसलमानों को भारतीय नागरिकता देने से जुड़े इस विधेयक का असम एवं अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भारी विरोध हो रहा है. उनमें भाजपा शासित और नेडा के सहयोगियों के शासन वाले राज्य भी हैं.

पूर्वोत्तर में कई संगठनों ने इस विधेयक का यह दावा करते हुए विरोध किया है कि वह क्षेत्र के मूलनिवासियों के अधिकारों को कमतर कर देगा.

असम: मोदी ने कहा, नागरिकता विधेयक पूर्वोत्तर के लोगों के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा

चांगसारी/असम: नागरिकता विधेयक के मुद्दे को लेकर असम में विरोध-प्रदर्शन और काले झंडे दिखाए जाने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दावा किया कि यह (विधेयक) किसी भी तरह से राज्य और पूर्वोत्तर के लोगों के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि राजग सरकार असम और पूर्वोत्तर की भाषा, संस्कृति, संसाधन, उम्मीदों और आकांक्षाओं के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है.

मोदी असम के स्वास्थ्य मंत्री एवं भाजपा नीत ‘नेडा’ संयोजक हेमंत बिश्व शर्मा के विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘यह पूर्वोत्तर के लोगों के प्रति एक राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है कि उन्हें किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा और वाजिब छानबीन एवं राज्य सरकारों की सिफारिश के बाद ही नागरिकता दी जाएगी.’

मोदी ने कहा कि किसी को भी यह समझना चाहिए कि जबरन देश में घुसे लोगों और अपने धर्म के चलते अपनी जान बचाने के लिए घर से भागने वाले लोगों के बीच अंतर है. दोनों एक समान नहीं हैं.

उन्होंने कहा, ‘हम उन लोगों को शरण देने के प्रति प्रतिबद्ध हैं, जो पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक हैं और जिन्हें अपने ऊपर ढाए गए जुल्म के चलते सब कुछ छोड़ कर भागना पड़ा. वे हमारे देश में आए हैं और भारत मां के विचारों और लोकाचार को अपनाया है.’

उन्होंने घुसपैठ की समस्या का ज़िक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को अद्यतन करने का काम पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. यथाशीघ्र भारत-बांग्लादेश सीमा को सील किए जाने के काम को पूरा किया जाएगा.

मोदी ने कहा कि भाजपा 36 साल पुराने असम समझौते को लागू करने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और उसके उपबंध-6 के क्रियान्वयन के लिए एक समिति का गठन उस दिशा में एक कदम है.

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार असम को देश का तेल और गैस का केंद्र बनाने के प्रति वचनबद्ध है और 14,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पिछले चार साल में पूरी की गई हैं.
रैली से पहले मोदी ने चांगसारी में एम्स की आधारशिला रखी.

उन्होंने ब्रह्मपुत्र नदी पर गुवाहाटी को उत्तरी गुवाहाटी से जोड़ने वाले छह लेन के एक पुल की भी आधारशिला रखी.

मोदी ने नुमालीगढ़ में एक एनआरएल बायो रिफायनरी और बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और असम से गुजरने वाली 729 किलोमीटर लंबी बरौनी-गुवाहाटी गैस पाइपलाइन की भी आधारशिला रखी.

पूर्वोत्तर के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तीन राज्यों में रैलियों को संबोधित किया.

लोकसभा से आठ जनवरी को नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद पहली बार पूर्वोत्तर की यात्रा पर आए मोदी ने एक दिन में अरुणाचल प्रदेश, असम और त्रिपुरा दौरा किया तथा कई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया.

Itanagar: Prime Minister Narendra Modi at the inauguration of several development projects, in Itanagar, Saturday, Feb 9, 2019. Arunachal Pradesh Governor BD Mishra, Chief Minister Pema Khandu and MoS for Home Affairs Kiren Rijiju are also seen. (PIB Photo via PTI) (PTI2_9_2019_000029B)
अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शनिवार को कई परियोजनाओं का शुभारंभ किया. (फोटो: पीटीआई)

उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में 4000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखी.

अपनी यात्रा के अंतिम चरण में मोदी त्रिपुरा की राजधानी अगरतला पहुंचे और उन्होंने विपक्ष पर यह कहते हुए पलटवार किया कि ‘महामिलावट वालों’ का मुख्य काम उनका मजाक उड़ाना है और ऐसा लगता है कि सभी उन्हें गालियां देने के ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं.

मोदी ने एक बार फिर विपक्ष को ‘महामिलावट’ बताते हुए आरोप लगाया कि उसके नेता सिर्फ ‘‘फोटो के लिए दिल्ली और कोलकाता में एक दूसरे के हाथ पकड़ते हैं.’’

चीन ने मोदी के अरुणाचल दौरे का विरोध किया

बीजिंग: चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश के दौरे का शनिवार को विरोध किया और कहा कि वह कभी इस संवेदनशील सीमांत प्रदेश को मान्यता नहीं देगा और भारतीय नेतृत्व को ऐसी किसी कार्रवाई से परहेज करना चाहिए जो सीमा प्रश्न को जटिल बनाती हो.

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘चीन-भारत सीमा सवाल पर चीन का रुख सुसंगत और सुस्पष्ट है. चीन सरकार ने कभी तथाकथित ‘अरुणाचल प्रदेश’ को मान्यता नहीं दी है और वह चीन-भारत सीमा के पूर्वी खंड के भारतीय नेता के दौरे का दृढ़तापूर्वक विरोध करता है.’

चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर डाली गई प्रतिक्रिया में हुआ ने कहा, ‘चीन भारतीय पक्ष से आग्रह करता है कि वह दोनों देशों के साझे हितों को ध्यान में रखे, चीनी पक्ष के हितों और चिंताओं का सम्मान करे, द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार की गति बरकरार रखे और ऐसी कार्रवाई से परहेज़ करे जो विवाद को बढ़ा दे या सीमा प्रश्न को उलझा दे.’

उल्लेखनीय है कि चीन दावा करता है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है. भारत और चीन सीमा विवाद के समाधान के लिए अबतक 21 दौर की बातचीत कर चुके हैं.

भारत चीन सीमा विवाद 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर है. चीन अपने रुख को जोर-शोर से सामने रखने के लिए भारतीय नेताओं की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर नियमित रूप से आपत्ति करता रहता है.

अरुणाचल प्रदेश अभिन्न एवं अविभाज्य हिस्सा है: विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर चीन के ऐतराज़ करने पर भारत ने शनिवार को कहा कि यह राज्य उसका अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत चीन को कई मौके पर इस मुद्दे पर अपने इस सतत रुख से अवगत करा चुका है.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न एवं अविभाज्य हिस्सा है. समय-समय पर भारतीय नेता उसी तरह अरुणाचल प्रदेश जाते रहते हैं जिस तरह वे देश के अन्य हिस्सों में जाते हैं. कई मौकों पर चीनी पक्ष को इस सतत रुख से अवगत कराया जा चुका है.’

मेघालय: एनपीपी ने नागरिकता विधेयक के पारित होने पर राजग से अलग होने की धमकी दी

शिलॉन्ग: पूर्वोत्तर में नागरिकता विधेयक के बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध के बीच नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष एवं मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने धमकी दी है कि अगर यह विधेयक राज्यसभा में पारित होता है तो उनकी पार्टी केंद्र में सत्तारूढ़ राजग से अलग हो जाएगी.

मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा. (फोटो साभार: फेसबुक)
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा. (फोटो साभार: फेसबुक)

संगमा ने कहा कि एनपीपी की शिलॉन्ग में शनिवार को हुई महासभा में इस आशय का एक प्रस्ताव पारित किया गया. उन्होंने बताया कि एनपीपी मेघालय के अलावा अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड की सरकारों को समर्थन दे रही है.

महासभा में इन चारों पूर्वोत्तर राज्यों के पार्टी नेता मौजूद थे.

संगमा ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘पार्टी ने एकमत से एक प्रस्ताव स्वीकार किया है जिसमें नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 का विरोध करने का निर्णय किया गया है. अगर यह विधेयक पारित हो जाता है तो एनपीपी राजग के साथ अपना गठबंधन तोड़ देगा.’

उन्होंने कहा कि यह निर्णय महासभा में किया गया.

एनपीपी के नेतृत्व वाली मेघालय लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार ने सबसे पहले इस विधेयक पर सार्वजनिक रूप से अपना पक्ष रखा और राज्य मंत्रिमंडल ने पिछले साल आधिकारिक रूप से इस पर एक प्रस्ताव स्वीकार किया था.

संगमा ने जनवरी में गुवाहाटी में पूर्वोत्तर के सभी क्षेत्रीय दलों की एक बैठक बुलाई थी जहां मिज़ोरम, नगालैंड और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों ने इस विवादित विधेयक का विरोध करने के लिए सहमत हुए थे.

क्षेत्रीय पार्टियां भाजपा की मुख्य सहयोगी हैं और पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा हैं. इन दलों के नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से इस मसले पर दिल्ली में मुलाकात की थी लेकिन प्रधानमंत्री से उनकी मुलाकात नहीं हो पायी थी.

सिक्किम: मुख्यमंत्री ने कहा, 50 फीसदी सीटों पर एसडीएफ नए चेहरों को मैदान में उतारेगी

गंगटोक: सत्तारूढ़ सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) ने राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव में 50 फीसदी सीटों पर नए चेहरों को मैदान में उतारने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने बीते आठ फरवरी को यह जानकारी दी.

पार्टी ने 30 फीसदी टिकट महिलाओं को भी देने का फैसला किया है. चामलिंग ने गुरुवार को संवाददाताओं से यह बात कही.

सिक्किम में 32 सीटें हैं जहां पिछले विधानसभा चुनाव अप्रैल 2014 में हुए थे.

एसडीएफ के अध्यक्ष चामलिंग ने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तारीख़ों की घोषणा किए जाने के तुरंत बाद पार्टी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी.

68 वर्षीय मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दक्षिण सिक्किम में नामची सिंघीथांग सीट से चुनाव लड़ेंगे.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी सीट क्यों बदलूंगा? मैं इस सीट पर पिछले 40 साल से चुनाव लड़ रहा हूं. यह आठवीं बार होगा, जब मैं नामची से चुनाव लडूंगा.’

 (समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)