नागिन और जानी दुश्मन जैसी फिल्मों के निर्माता-निर्देशक राजकुमार कोहली का निधन

राजकुमार कोहली मल्टीस्टारर फिल्में बनाने के लिए जाने जाते थे. उन्होंने अपने करिअर में 15 से अधिक फिल्मों का निर्देशन किया था. उनकी उल्लेखनीय फिल्मों में बदले की आग (1982), नौकर बीवी का (1983), राज तिलक (1984), बीस साल बाद (1988) आदि शामिल हैं. उनके परिवार में उनकी पत्नी और बेटे अभिनेता अरमान कोहली हैं.

‘मैंने प्यार किया’ और ‘बाज़ीगर’ जैसी फिल्मों के ​गीत लिखने वाले गीतकार देव कोहली का निधन

देव कोहली ने 90 के दशक में कई हिट गाने दिए थे. उनका जन्म पाकिस्तान में हुआ था. वह 1949 में दिल्ली चले आए थे. 1964 में मुंबई पहुंचकर उन्होंने काम की तलाश शुरू की थी. 1969 में फिल्म ‘ग़ुंडा’ के साथ उन्होंने इंडस्ट्री में क़दम रखा. हालांकि उन्हें पहला बड़ा ब्रेक 1971 की फिल्म ‘लाल पत्थर’ के गाने ‘गीत गाता हूं मैं’ से मिला.

नेपाल: ‘आदिपुरुष’ के संवादों पर विवाद के बीच काठमांडू-पोखरा में सभी भारतीय फिल्मों पर रोक

ओम राउत के निर्देशन में बनी हिंदी फिल्म ‘आदिपुरुष’ बीते 16 जून को रिलीज़ होने के साथ अपने संवादों, किरदारों के चरित्र चित्रण और तथ्यों की वजह से विवादों में है. फिल्म में सीता को ‘भारत की बेटी’ बताने वाले संवाद पर नेपाल की राजधानी काठमांडू और पोखरा शहर के मेयरों ने नाराज़गी जताई है.

प्रख्यात अभिनेत्री सुलोचना का निधन

सुलोचना ने 250 से अधिक हिंदी और लगभग 50 मराठी फिल्मों में अभिनय किया था. उनकी उम्र 94 साल थी. हिंदी सिनेमा में वह अधिकांशत: हीरो की मां की भूमिका निभाने के लिए जानी जाती थीं. साल 1999 में उन्हें पद्मश्री सम्मान दिया गया था.

दुष्प्रचार वाली फिल्मों से लड़ने का एकमात्र तरीका कलाकारों का आवाज़ उठाना है: नसीरुद्दीन शाह

दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि कट्टरता और दुष्प्रचार फैलाने के लिए बनाई गई फिल्मों से लड़ने का एकमात्र तरीका कलाकारों का बोलना है. हालांकि उन्होंने अफ़सोस जताया कि बहुत से कलाकार ऐसा करने को तैयार नहीं हैं.

सतीश कौशिक: हमारा अपना कैलेंडर ही नहीं रहा…

स्मृति शेष: कलाकार के लिए ज़रूरी है वो अपनी रूह पर किरदार का लिबास ओढ़ ले. किरदार दर किरदार रूह लिबास बदलती रहे, देह वही किरदार नज़र आए. सतीश कौशिक को ये बख़ूबी आता था.

प्रख्यात अभिनेता और निर्देशक सतीश कौशिक का निधन

अभिनेता और फिल्म निर्देशक सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1956 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुआ था. वह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) और फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के पूर्व छात्र थे. उन्होंने अपना करिअर थियेटर से शुरू किया था. हास्य अभिनेता के तौर पर कौशिक ने काफी लोकप्रियता हासिल की थी.

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित फिल्मकार के. विश्वनाथ का निधन

बतौर साउंड आर्टिस्ट शुरुआत करने वाले फिल्म निर्देशक के. विश्वनाथ ने अपने छह दशक लंबे करिअर में तेलुगू सिनेमा के अलावा तमिल और हिंदी फिल्मों में भी काफी लोकप्रियता हासिल की थी. उन्हें 1992 में पद्म श्री, पांच बार राष्ट्रीय पुरस्कार, 20 नंदी पुरस्कार और लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार सहित 10 फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिल चुके थे.

द कश्मीर फाइल्स एक ‘कचरा’ फिल्म है: फिल्मकार सईद अख़्तर मिर्ज़ा

भारतीय सिनेमा के दिग्गज निर्देशक सईद अख़्तर मिर्ज़ा ने एक साक्षात्कार में विवादित फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर कहा, 'फिल्म मेरे लिए कचरा है. बात किसी का पक्ष लेने की नहीं है. इंसान बनिए और मामले को समझने की कोशिश कीजिए.'

जो जनता के हित में अप्रिय सत्य बोलता है, सत्ता उसे जनता का दुश्मन घोषित कर देती है

कोलकाता में हुए एक फिल्म समारोह में अभिनेता अमिताभ बच्चन का सत्यजीत रे की 'गणशत्रु' ज़िक्र करते हुए लगाया गया अनुमान ठीक है कि आज जनता के लिए आवाज़ उठाने वाले रे की फिल्म के 'डॉक्टर गुप्ता' ही हैं, जो जनता को सावधान करना चाहते हैं, मगर सत्ता सफल हो जाती है कि जनता उन्हें ही अपना शत्रु मानकर उनकी हत्या को आमादा हो जाए.

‘द कश्मीर फाइल्स’ विवाद: आईएफएफआई के तीन ज्यूरी सदस्यों ने नदाव लपिद का बचाव किया

‘द कश्मीर फाइल्स’ को भद्दी और दुष्प्रचार करने वाली फिल्म बताने के कारण इस्राइली फिल्मकार और भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) जूरी प्रमुख नदाव लपिद भारत में एक वर्ग के निशाने पर आ गए थे.

कश्मीर फाइल्स पर नदाव लपिद की राय भारत की प्रतिष्ठा की चिंता का ही नतीजा है

इस्राइली फिल्मकार नदाव लपिद को लगा कि ‘कश्मीर फाइल्स’ फिल्म समारोह की गरिमा को धूमिल करने वाली प्रविष्टि है, उसकी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए उन्होंने ईमानदारी से अपनी राय रखी. भारत उनके लिए सत्यजित राय, मृणाल सेन, अपर्णा सेन आदि का भारत है. वे उसे अपनी निगाह में गिरते नहीं देखना चाहते.

इस्राइली फिल्मकार का दावा, ‘राजनीतिक दबाव’ में ‘द कश्मीर फाइल्स’ को महोत्सव में शामिल किया गया

इस्राइली फिल्मकार और भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के जूरी प्रमुख नदाव लपिद ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को ‘भद्दी’ और ‘दुष्प्रचार वाली’ बताया था. इसे लेकर व्यापक आलोचना के बाद उन्होंने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं. उन्होंने अनजाने में किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफ़ी मांगी है.

‘द कश्मीर फाइल्स’ भद्दी और दुष्प्रचार करने वाली फिल्म: इफ्फी जूरी प्रमुख

53वें भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के जूरी प्रमुख और इज़रायली फिल्मकार नदव लापिड ने कहा कि हम सब ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म से हैरान और परेशान हैं, जो इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के एक कलात्मक और प्रतिस्पर्धी खंड के लिए अनुपयुक्त थी.

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