96 बरस वर्षीय लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न ऐसे समय दिया गया है, जब देश अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहा है और इसके केंद्र में नरेंद्र मोदी हैं. बेरहमी से दरकिनार किए जा गए अपने 'गुरु' को देश का सर्वोच्च सम्मान देकर नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है.
भारत रत्न सम्मान को स्वीकार करते हुए भाजपा के संरक्षक लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा कि यह न केवल एक व्यक्ति के रूप में मेरे लिए सम्मान की बात है, बल्कि उन आदर्शों और सिद्धांतों के लिए भी है, जिनकी मैंने अपनी पूरी क्षमता से जीवन भर सेवा करने का प्रयास किया. उन्होंने इसके लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद दिया.
कांग्रेस के लोग यह सही कहते हैं कि उनके बिना राम मंदिर नहीं बन पाता. लेकिन यह गर्व की नहीं, लज्जा की बात होनी चाहिए. कांग्रेस को यह नहीं भूलना चाहिए कि 1949 में बाबरी मस्जिद में सेंधमारी नहीं हुई थी, सेंधमारी धर्मनिरपेक्ष भारतीय गणतंत्र में हुई थी.
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राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी बुज़ुर्ग हैं और उनकी उम्र को देखते हुए उनसे अभिषेक समारोह में नहीं आने का अनुरोध किया गया था, जिसे दोनों ने स्वीकार कर लिया है. आडवाणी और जोशी अयोध्या में राम मंदिर के लिए हुए आंदोलन में सबसे आगे रहने वाले नेताओं में से हैं.
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने अपने मुखपत्र में नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मोदी इस परिसर को अपनी 'जागीर' समझते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्होंने इसे बनवाया है. पार्टी नई संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने वाले 20 दलों में शामिल है.
वीडियो: 400 साल पुरानी बाबरी मस्जिद का विध्वंस देश की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु रहा है. इस विध्वंस के तीस साल पूरे होने पर इस बारे में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन.
बाबरी मस्जिद ढांचा ढहाए जाने के मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा तथा बजरंग दल संस्थापक विनय कटियार समेत 32 लोगों को विशेष सीबीआई अदालत ने 30 सितंबर 2020 को बरी कर दिया था.
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद जिन सदाशयी लोगों को लगता था कि इसके बहाने होने वाले सांप्रदायिक विद्वेष की बला अब उनके सिर से हमेशा के लिए टल जाएगी, उसका राजनीतिक दुरुपयोग बंद हो जाएगा, देश-प्रदेश का राजनीतिक नेतृत्व उनकी भोली उम्मीदों पर पानी फेरने को तैयार है.
सुरेंद्र कुमार यादव ने 30 सितंबर 2020 को सीबीआई के विशेष जज के तौर पर सुनाए फैसले में 1992 बाबरी विध्वंस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती व कल्याण सिंह समेत सभी आरोपियों को बरी किया था. अब राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें प्रदेश का तीसरा उप लोकायुक्त नियुक्त किया है.
साक्षात्कार: देश के नामचीन डॉक्यूमेंट्री फिल्मकारों में से एक आनंद पटवर्धन ने 90 के दशक में शुरू हुए राम मंदिर आंदोलन को अपनी डॉक्यूमेंट्री 'राम के नाम' में दर्ज किया है. बाबरी विध्वंस मामले में विशेष सीबीआई अदालत के फ़ैसले के मद्देनज़र उनसे बातचीत.
बाबरी विध्वंस मामले को लेकर सीबीआई कोर्ट के फ़ैसले की आलोचना पर जहां अंग्रेज़ी अख़बारों के संपादकीय मुखर रहे, वहीं हिंदी अख़बारों के संपादकीय ‘बीती ताहि बिसार दे’ वाला रवैया अपनाते दिखे.
बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय केंद्रीय गृह सचिव रहे माधव गोडबोले ने कहा है कि मस्जिद गिराने की साज़िश रची गई थी और इसी आधार पर उन्होंने तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार को बर्ख़ास्त करने की सिफ़ारिश की थी.
वीडियो: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले के सभी 32 आरोपियों को सीबीआई विशेष अदालत ने बरी करने के फैसले को बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी हाईकोर्ट में चुनौती देगी. लखनऊ से असद रिज़वी की रिपोर्ट.
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की शुरुआत इस बारे में दर्ज दो एफआईआर 197 और 198 से हुई थी. पहली एफआईआर विध्वंस के ठीक बाद अयोध्या थाने में लाखों अज्ञात कारसेवकों के ख़िलाफ़ दर्ज हुई थी और दूसरी जिसमें भाजपा, संघ और बाकी संगठनों के नेता नामजद थे.