राजस्थान के अलवर ज़िले का मामला. शिकायत के अनुसार, घटना शनिवार को हुई, जब गांव के सरकारी स्कूल का कक्षा 4 का छात्र स्कूल परिसर में स्थित हैंडपंप पर पानी पीने गया, जहां पानी भर रहे कथित ऊंची जाति के एक व्यक्ति ने लड़के ने बाल्टी छूने पर उसे बेरहमी से पीटा.
घटना कानपुर की है, जहां घाटमपुर के एक गांव में बौद्ध कथा कार्यक्रम में कथित तौर पर हथियारों से लैस 'उच्च जाति' के एक समूह ने हमला किया. बताया गया है कि उन्होंने गोलियां चलाईं, तोड़फोड़ की और संत रविदास की प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी. आठ आरोपियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज होने के बाद पांच को गिरफ़्तार किया गया है.
कर्नाटक के मांड्या ज़िले का मामला. आरोप है कि ऊंची जाति के एक परिवार ने दलितों के घरों की ओर जाने वाली सड़क को अवरुद्ध कर दिया है. ग्रामीणों ने ज़िला प्रशासन से हस्तक्षेप करने और ऊंची जाति के परिवार द्वारा अतिक्रमण की गई सड़क को खाली कराने का आग्रह किया है.
घटना पाटन ज़िले की है. काकोशी गांव के एक स्कूल के मैदान में चल रहे मैच के दौरान एक 8 वर्षीय बच्चे ने क्रिकेट की गेंद को उठा लिया था, जिससे कथित उच्च जाति के कुछ लोग भड़क गए. आरोप है कि बाद में उन्होंने बच्चे के चाचा पर लाठी-डंडों और तलवार से हमला किया.
गुजरात के बनासकांठा ज़िले के गढ़ पुलिस थानाक्षेत्र का मामला. 21 वर्षीय दलित युवक पर कथित तौर पर उच्च जाति के राजपूत समुदाय के सदस्यों द्वारा हमला किया गया था.
घटना बीते 4 मई की शाम उत्तर प्रदेश के आगरा में सोहल्ला जाटव बस्ती में तब हुई, जब दलित दूल्हे की बारात वहां से गुज़र रही थी. आरोप है कि उच्च जाति के लोगों का कहना था कि उनके गांव में दलित दूल्हे घोड़ी पर सवार होकर अपनी शादी में नहीं जाते. इसी बात पर दूल्हे और अन्य लोगों की कथित तौर पिटाई की गई.
आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बीते दिनों कहा था कि ईश्वर की दृष्टि में हर कोई समान है और उसके सामने कोई जाति या संप्रदाय नहीं है. यह सब पंडितों ने बनाया, जो ग़लत है.
केंद्रीय क़ानून मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 से 19 दिसंबर, 2022 तक विभिन्न उच्च न्यायालयों में कुल 537 न्यायाधीश नियुक्त किए गए, जिनमें से 79 प्रतिशत सामान्य वर्ग, 11 फीसदी ओबीसी, 2.6 प्रतिशत अल्पसंख्यक वर्ग से थे. अनुसूचित जातियों/जनजातियों की हिस्सेदारी क्रमशः 2.8 प्रतिशत और 1.3 प्रतिशत थी.
कर्नाटक के चामराजनगर का मामला. राज्य के बुनियादी ढांचा विकास मंत्री वी. सोमन्ना ने उपायुक्त को मामले की आगे जांच करने और दोषियों को पकड़ने का निर्देश दिया है.
राजस्थान के उदयपुर ज़िले के एक सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय का मामला. पुलिस ने बताया कि रसोइया अपनी पसंद के उच्च जाति के छात्रों को मिड-डे मील परोसने को कहता था, लेकिन खाना ढंग से नहीं परोसे जाने की शिकायत के बाद एक शिक्षक ने दलित लड़कियों को खाना परोसने को कहा था.
मध्य प्रदेश के शाजापुर ज़िले के एक गांव का मामला. आरोप है कि दलित समुदाय की 16 वर्षीय लड़की स्कूल से पढ़कर घर लौट रही थी, जब कुछ लोगों ने उसका रास्ता रोक बस्ता छीना और उससे स्कूल नहीं जाने को कहा, क्योंकि गांव की अन्य लड़कियां भी स्कूल नहीं जाती हैं. इसी बात को लेकर लड़की के परिवार और आरोपियों के परिजनों के बीच मारपीट हो गई थी.
मध्य प्रदेश के राजगढ़ ज़िले के माचलपुर थाना क्षेत्र का मामला है. एक दलित व्यक्ति की शादी में डीजे बजाने, जुलूस निकालने को लेकर ग्रामीणों द्वारा घर पर हमला करके तोड़फोड़ की गई. पुलिस ने इस संबंध में 38 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
मध्य प्रदेश के सागर ज़िले के बंडा थाना क्षेत्र का मामला. परंपरा के ख़िलाफ़ एक दलित दूल्हे की बारात घोड़ी पर बैठाकर निकालने से नाराज़ गांव के एक वर्ग ने कथित रूप से उनके घर पर पथराव और तोड़फोड़ की थी. पुलिस ने बताया कि 20 लोगों के ख़िलाफ़ एसीटी/एससी अधिनियम और आईपीसी के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
चंपावत ज़िले के एक सरकारी स्कूल की दलित रसोइए द्वारा बनाए मध्याह्न भोजन को कथित उच्च जाति के छात्रों के खाने से इनकार के बाद उन्हें काम से हटा दिया गया था. मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि उन्हें नियुक्ति में सही प्रक्रिया का पालन न होने के चलते हटाया गया था. अब उचित प्रक्रिया के बाद उन्हें बहाल कर दिया गया है.
चंपावत ज़िले के सुखीढांग के एक सरकारी स्कूल की दलित रसोइए द्वारा बनाए गए मध्याह्न भोजन को कथित उच्च जाति के छात्रों द्वारा खाने से इनकार के बाद महिला को काम से हटा दिया गया था. शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने महिला को हटाने की वजह नियुक्ति में प्रक्रियागत चूक को बताया था.