घटना उत्तरी दिल्ली के बालक राम अस्पताल में गुरुवार सुबह हुई. इसी दोपहर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड का उद्घाटन करना था. दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग ने अस्पताल पर सफाई के लिए कर्मियों पर दवाब बनाने का आरोप लगाया है.
नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली के तीमारपुर स्थित बालक राम अस्पताल की 53 वर्षीय एक महिला कर्मचारी ने गुरुवार को अस्पताल की तीसरी मंजिल से कथित रूप से कूद कर आत्महत्या कर ली.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जय प्रकाश ने निकाय संचालित अस्पताल की कर्मचारी की मौत के मामले की जांच का आदेश दिया है.
पुलिस ने बताया कि महिला की पहचान दिल्ली के ढाका गांव निवासी कौशल्या देवी के रूप में हुई है.
मेयर ने कहा, ‘हमें इस घटना से दुख है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. हमने भी मामले की विभागीय जांच का आदेश दिया है.’
इसी अस्पताल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जय प्रकाश को दोपहर 12 बजे आइसोलेशन वार्ड का उद्घाटन करना था.
दैनिक जागरण के मुताबिक, आइसोलेशन वार्ड का उद्घाटन था इसलिए अस्पताल कर्मचारियों को सुबह से ही साफ-सफाई के काम में लगा दिया गया था. इस दौरान सुबह करीब सवा दस बजे कौशल्या देवी ने अस्पताल की तीसरी मंजिल से नीचे छलांग लगा दी.
गंभीर हालत में उन्हें अरुणा आसफ अली अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया. घटनास्थल से पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.
अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि कौशल्या को अवसाद के साथ ही हाई बीपी और शुगर की बीमारी थी. संभवत: इसी कारण से उन्होंने जान दे दी.
उधर, दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के सचिव संजय गहलोत ने अस्पताल प्रशासन पर सफाई के लिए कर्मियों पर दवाब बनाने का आरोप लगाया है.
उन्होंने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच के साथ ही महिला के परिजनों को नौकरी देने की मांग की है.
मेयर जय प्रकाश ने बताया, ‘घटना के कारण कार्यक्रम को टाल दिया गया. अगले सप्ताह इसकी कोशिश करेंगे.’
मेयर का दावा है कि महिला जमीन पर पड़ी मिली, उसके चेहरे और शरीर पर चोट का कोई निशान नजर नहीं आ रहा था, यह अजीब बात है.
उन्होंने कहा, ‘हमारी विभागीय जांच सभी पहलुओं पर विचार करेगी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से भी खुलासा होगा.’ पुलिस ने उनके दावे पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
मेयर ने कहा, ‘महिला को उसके पति के स्थान पर अनुकंपा पर अस्पताल में नौकरी दी गई थी. उसने करीब 10-12 साल पहले काम करना शुरू किया था. उनके परिवार में कुछ दिक्कत थी, वह अपने 20-22 साल के बेटे को साथ लेकर काम पर आती थी.’
यह पूछने पर कि क्या सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी गयी है, मेयर ने कहा कि पुलिस जांच कर रही है.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक उपचार के बाद महिला को अरुणा आसफ अली अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत लाया गया घोषित कर दिया.
उनका कहना है कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वह अवसादग्रस्त थी और उसने इमारत की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए रखा गया है. महिला के परिवार में दो बेटे और एक बेटी है.
बता दें दिल्ली के अस्पतालों में बीते दिनों आत्महत्या के कई मामले सामने आए हैं. एम्स में पिछले हफ्ते एम्स के एक 25 वर्षीय जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर ने एक छात्रावास की दसवीं मंजिल से कथित तौर पर छलांग लगा दी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी.
मृतक की पहचान अनुराग कुमार के रूप में की गई थी, वह मनोविज्ञान विभाग में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर थे.
तब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था कि अनुराग कुमार पिछले कुछ समय से उनका अवसाद का इलाज चल रहे थे और उन्होंने अपनी जान ले ली.
वहीं, बीते छह जुलाई को एम्स में ही कोरोना संक्रमित एक 37 वर्षीय पत्रकार तरुण सिसोदिया ने एम्स की चौथी मंजिल से कथित तौर पर कूदकर आत्महत्या कर ली थी.
सिसोदिया की मौत को लेकर एम्स प्रशासन पर सवाल उठे थे, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था.
समिति की रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था, ‘समिति को सिसोदिया की मौत के संबंध में किसी गलत नीयत का पता नहीं चला है. समिति को कोविड-19 के इलाज के प्रोटोकॉल में किसी प्रकार की खामी भी नहीं मिली है.’
इसके बाद एम्स में ही गुरुवार सुबह एक मरीज ने कथित तौर पर बाथरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
दक्षिण जिला डीसीपी अतुल ठाकुर ने बताया कि 35 वर्षीय मृतक राजमणि सत्तार मध्य प्रदेश के सतना के रहने वाले थे. पांच-छह महीने पहले उनकी आंत का ऑपरेशन हुआ था. उसके बाद से ही वह एम्स में भर्ती थे.
पिछले दो हफ्तों में एम्स में आत्महत्या की यह तीसरी घटना थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)