पालघर के गढ़चिंचले गांव में 16 अप्रैल, 2020 को भीड़ ने बच्चा चोर होने के शक में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. मामले में कुल 201 लोग गिरफ़्तार किए गए थे, जिनमें से 75 मुख्य आरोपी जेल में हैं.
ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक विशेष अदालत ने पालघर भीड़ हिंसा मामले में 89 आरोपियों को शनिवार को जमानत दे दी.
यह घटना पिछले साल अप्रैल में हुई थी, जिस दौरान दो साधुओं और उनके वाहन चालक की भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी.
जिला न्यायाधीश एसबी बाहलकर ने अपने आदेश में 89 आरोपियों को जमानत दे दी. साथ ही, उन्होंने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 15 फरवरी निर्धारित की है.
आरोपियों की ओर से पेश हुए वकील अमृत अधिकारी और अतुल पाटिल ने अदालत में दलील दी कि याचिकाकर्ताओं की हमले में कोई भूमिका नहीं थी और पुलिस ने महज संदेह के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया था.
इस मामले में कुल 201 लोग गिरफ्तार किए गए थे और उनमें से 75 मुख्य आरोपी जेल में हैं.
विशेष सरकारी वकील सतीश मानेशिंदे अभियोजन की ओर से पेश हुए, जबकि अधिवक्ता पीएन ओझा साधुओं के परिवार की ओर से पेश हुए.
गौरतलब है कि पालघर के गढ़चिंचले गांव में 16 अप्रैल, 2020 को घटना घटी थी, जिसमें मुंबई से कार में सवार होकर एक अंतिम संस्कार में शामिल होने सूरत जा रहे दो साधुओं और उनके चालक की भीड़ ने बच्चा चोर होने के शक में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया था, जिसमें एक भीड़ पीड़ितों को पुलिस वैन से बाहर घसीट रही थी और डंडो-पत्थरों से पीट रही थी. इस दौरान वहां मौजूद कुछ पुलिसवाले उन्हें बचाने के बजाय खुद बचते नजर आ रहे थे.
मृतकों की पहचान महाराज कल्पवृक्षगिरी (70), सुशीलगिरी महाराज (35) और चालक निलेश तेलगड़े (30) के रूप में की गई थी.
पालघर जिला ग्रामीण पुलिस ने लिंचिंग की इस घटना के सिलसिले में तीन प्राथमिकियां दर्ज की हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)