बीते 13 फरवरी की शाम को इंफाल पश्चिम ज़िले के कीशामपाट थियाम लीकाई में पोकनाफाम अख़बार के दफ़्तर पर हैंड ग्रेनेड फेंका गया था, जिसके विरोध में पत्रकारों ने धरना दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए अपील की कि राज्य में प्रेस के स्वतंत्र रूप से काम करना सुनिश्चित किया जाए.
इंफाल: मणिपुरी अखबार पोकनाफाम पर हमले के विरोध में मणिपुर में रविवार को पत्रकारों ने काम का बहिष्कार किया तथा कोई अखबार प्रकाशित नहीं हुआ और न ही टीवी पर खबरें प्रसारित हुईं.
पत्रकारों ने बताया कि ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (एएमडब्ल्यूजेएम) और एडिटर्स गिल्ड ऑफ मणिपुर (ईजीएम) ने कार्य बहिष्कार का फैसला किया था.
पुलिस के अनुसार शनिवार को शाम करीब साढ़े छह बजे इंफाल पश्चिम जिले के कीशामपाट थियाम लीकाई में पोकनाफाम अखबार के कार्यालय पर हथगोला फेंका गया.
#InSolidarity
IJU President @PathakGeetartha addressing the media persons after taking part in Sit-in protest jointly staged by All Manipur Working Journalists Union and Editor Guild Manipur in Imphal against the bomb threat to press.@IFJGlobal pic.twitter.com/e6ww95J1Np— Indian Journalists Union (@iju_india) February 14, 2021
मीडिया के दफ्तर पर इस हमले के विरोध में कीशामपाट थियाम लीकाई में पत्रकारों ने धरना दिया. बाद में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को एक ज्ञापन सौंपा गया और उनसे यह सुनिश्चित करने की अपील की गई कि राज्य में प्रेस स्वतंत्र रूप से काम कर पाए.
पुलिस के अनुसार हमले की वजह पता नहीं चल पायी है. किसी संगठन ने भी इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि ग्रेनेड एक महिला द्वारा फेंका गया था, जो दोपहिया वाहन से आई थी. हालांकि, ग्रेनेड में विस्फोट नहीं हुआ.
दैनिक अखबार पोकनाफाम के संपादक अरिबम रॉबिन्द्रो शर्मा ने कहा था कि अखबार को किसी से कोई धमकी नहीं मिली थी. पुलिस ने घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और क्षेत्र के सभी मीडिया संस्थानों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
हमले की निंदा करते हुए एएमडब्ल्यूजेएम और ईजीएम ने समाचार के प्रसारण और प्रकाशन को तुरंत बंद करने का फैसला लिया. दोनों ने कहा है कि वे आगे की कार्रवाई तय करने के लिए एक बैठक करेंगे.
गिल्ड की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष के. खोमद्रम ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘हमने हमले की कड़ी निंदा की है. यह हमला सिर्फ पोकनाफम पर नहीं, बल्कि पूरे मीडिया समूहों पर है.’
बता दें कि पिछले साल नवंबर महीने में मणिपुर में मीडिया समूहों ने एक उग्रवादी समूह से संबंधित खबरें प्रकाशित करने को लेकर उसके द्वारा दबाव डालने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था.
इसके अलावा दैनिक अखबारों और स्थानीय चैनलों ने भी मीडिया को धमकाने के विरोध में अपना काम रोक दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)