मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण नीति राज्य की सभी योजनाओं में तुरंत लागू नहीं होगी क्योंकि कई योजनाओं का संचालन केंद्र द्वारा किया जाता है. इससे पहले अल्पसंख्यकों को उचित परिवार नियोजन की सलाह देने को लेकर विपक्ष ने मुख्यमंत्री की आलोचना की थी.
गुवाहाटीः असम के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने शनिवार को कहा कि असम सरकार राज्य द्वारा वित्तपोषित विशेष योजनाओं के तहत लाभ लेने के लिए चरणबद्ध तरीके से दो बच्चे की नीति को लागू करेगी.
उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण नीति राज्य की सभी योजनाओं में तुरंत लागू नहीं होगी क्योंकि कई योजनाओं का संचालन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है.
उन्होंने कहा, ‘कुछ ऐसी योजनाएं हैं, जिसमें हम दो बच्चे की नीति लागू नहीं कर सकते, जैसे कि स्कूलों और कॉलेजों में मुफ्त शिक्षा या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास लेकिन कुछ योजनाओं में जैसे अगर राज्य सरकार आवास योजना की शुरुआत करती है तो दो बच्चे के नियम को लागू किया जा सकता है. धीरे-धीरे आगे चलकर राज्य सरकार की प्रत्येक योजना में यह लागू की जाएगी.’
Be it loan waiver or other govt schemes, population norms will be taken into account. It won't be applicable to tea garden workers/SC-ST community. In future, population norms will be taken into account as eligibility for govt benefits. Population policy has begun: Assam CM(18.6) pic.twitter.com/ChDy7iAOC5
— ANI (@ANI) June 20, 2021
उन्होंने कहा, ‘फिर चाहे ऋण माफी हो या अन्य सरकारी योजनाएं जनसंख्या मानदंडों का ध्यान रखा जाएगा. हालांकि यह नियम चाय बागान कामगारों या अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदाय पर लागू नहीं होगा. भविष्य में सरकारी लाभों में पात्रता के लिए जनसंख्या मानदंडों का ध्यान रखा जाएगा. जनसंख्या नीति शुरू हो गई है.’
मुख्यमंत्री शर्मा ने उनके माता-पिता के बड़े परिवार को लेकर विपक्ष द्वारा निशाना बनाए जाने की निंदा भी की. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शर्मा के परिवार में उनके पांच भाई हैं.
उन्होंने कहा, ‘इस बारे में बात करने का कोई संदर्भ नहीं है कि हमारे माता-पिता ने क्या किया या 1970 के दशक में अन्य लोगों ने क्या किया. विपक्ष ऐसी अजीब बातें कर हमें वापस सत्तर के दशक में धकेल रहा है.’
मालूम हो कि पिछले महीने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हिमंता बिस्वा शर्मा सरकारी योजनाओं के तहत लाभ लेने के लिए दो बच्चों के नियम की वकालत करते रहे हैं.
शर्मा ने 10 जून को तीन जिलों से हाल ही में बेदखली के बारे में बात की थी और अल्पसंख्यक समुदाय से गरीबी को कम करने के लिए जनसंख्या नियंत्रण को लेकर शालीन परिवार नियोजन नीति अपनाने का आग्रह किया था.
शर्मा ने बड़े परिवारों के लिए प्रवासी मुस्लिम समुदाय को जिम्मेदार ठहराया था, उनके इस बयान की ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) सहित विभिन्न हलकों से तीखी प्रतिक्रिया आई थी.
असम में 2018 में असम पंचायत कानून, 1994 में किये गए संशोधन के अनुसार पंचायत चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता और चालू अवस्था में शौचालयों के साथ-साथ दो बच्चों का मानदंड है.
शर्मा ने यह भी कहा कि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने महिला शिक्षा को दी जा रही अहमियत की सराहना की है, जिसका संबंध जनसंख्या नियंत्रण के साथ है.
उन्होंने कहा, ‘बदरुद्दीन अजमल ने कल मुझसे मुलाकात की. उन्होंने महिला शिक्षा को हमारी तरफ से दिए जा रहे महत्व की सराहना की.’
उत्तर प्रदेश में भी दो बच्चा नीति के मसौदे पर काम शुरू
उधर, उत्तर प्रदेश के विधि आयोग ने भी उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है.
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश विधि आयोग फिलहाल राजस्थान व मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में लागू कानूनों के साथ सामाजिक परिस्थितियों व अन्य बिदुओं पर अध्ययन कर रहा है. वह जल्द ही अपना प्रतिवेदन तैयार कर राज्य सरकार को सौंपेगा.
इसके तहत सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा, जिनके दो या दो से कम बच्चे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)