कोविड-19: डेल्टा वैरिएंट को ‘चिंताजनक’ श्रेणी में रखा गया, तीन राज्यों को सतर्कता बढ़ाने की सलाह

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट के लगभग 40 मामले सामने आए हैं. इन राज्यों को सावधानी बढ़ाते हुए जन स्वास्थ्य संबंधी उचित कदम उठाने की सलाह दी गई है. यह स्वरूप भारत के अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में मिला है.

//
(फोटो: रॉयटर्स)

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट के लगभग 40 मामले सामने आए हैं. इन राज्यों को सावधानी बढ़ाते हुए जन स्वास्थ्य संबंधी उचित कदम उठाने की सलाह दी गई है. यह स्वरूप भारत के अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में मिला है.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली/वाशिंगटन: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप (वैरिएंट ) के लगभग 40 मामले सामने आए हैं. इसे ‘चिंताजनक स्वरूप’ (वीओसी) के रूप में वर्गीकृत किया है.

मंत्रालय ने बताया कि डेल्टा के अलावा डेल्टा प्लस समेत डेल्टा के सभी उप-वंशों को वीओसी की श्रेणी में रखा गया है.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘भारत में अब तक 45,000 से अधिक नमूनों के अनुक्रमण के बाद डेल्टा प्लस स्वरूप- एवाई.1 – के करीब 40 मामले महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में कहीं-कहीं सामने आए हैं और इसकी मौजूदगी में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं देखी गई है.’

इन तीन राज्यों को सतर्कता बढ़ाने और जन स्वास्थ्य संबंधी उचित कदम उठाने की सलाह दी गई है. ‘पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड’ (पीएचई) ने 11 जून को एवाई.1 संबंधी रिपोर्ट दी थी, जिसके बाद नमूनों के विश्लेषण से पता चला कि इस स्वरूप के संक्रमण का पहला मामला महाराष्ट्र से एकत्र किए गए नमूने में मिला. यह नमूना पांच अप्रैल को एकत्र किया गया था.

यह नया स्वरूप ‘डेल्टा प्लस’ भारत में सबसे पहले सामने आए ‘डेल्टा’ या ‘B.1.617.2’ स्वरूप में ‘उत्परिवर्तन’ से बना है. भारत में संक्रमण की दूसरी लहर आने की एक वजह ‘डेल्टा’ स्वरूप भी था.

कोरोना वायरस का ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप भारत के अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में मिला है.

मंत्रालय के बयान में बताया गया कि 18 जून तक दुनिया भर में एआई.1 स्वरूप के 205 अनुक्रमों का पता चला, जिनमें से 50 फीसदी मामलों का पता अमेरिका और ब्रिटेन में चला.

‘इंडियन सार्स सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम’ (आईएनएसएसीओजी) ने हाल में वायरस के इस स्वरूप (डेल्टा, बी.1.617.2) की पहचान की थी. यह स्वरूप दुनिया के नौ अन्य देशों में भी पाया गया है.

आईएनएसएसीओजी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का एक समूह है जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गठित किया है. आईएनएसएसीओजी वायरस के नए स्वरूपों तथा महामारी के साथ उनके संबंधों का पता लगा रहा है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया भर में वायरस के कई स्वरूप सामने आने के मद्देनजर उन्हें वीओसी (वैरिएंट ऑफ कंन्सर्न यानी चिंताजनक स्वरूप) और वीओआई (वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट यानी रुचि के स्वरूप) के रूप में वर्गीकरण किया है.

बयान के अनुसार, डेल्टा स्वरूप के साथ साथ डेल्टा प्लस समेत डेल्टा वंश के सभी स्वरूपों को वीओसी में रखा गया है.

आईएनएसएसीओजी ने डेल्टा प्लस स्वरूप (बी.1.617.2) + (सार्स-सीओवी-2 के) के417 एन वंश के विकसित होने की सूचना दी है, जिसे बी.1.617.2.1 / एवाई.1 कहा जाता है.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘सभी डेल्टा उप-वंशों को वीओसी माना जाता है, हालांकि एवाई.1 के संबंध में अभी जांच की जा रही है. वर्तमान में, भारत में एवाई.1 के मामले कम हैं. एवाई.1 के ज्यादातर मामले यूरोप, एशिया और अमेरिका के नौ देशों में सामने आए हैं.’

इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि भारत उन दस देशों में से एक है, जहां अब तक ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप मिला है. उन्होंने कहा कि 80 देशों में ‘डेल्टा स्वरूप’ का पता चला है.

भूषण ने कहा कि मोटे तौर पर, दोनों भारतीय टीके – कोविशील्ड और कोवैक्सीन – डेल्टा स्वरूप के खिलाफ प्रभावी हैं, लेकिन वे किस हद तक और किस अनुपात में एंटीबॉडी बना पाते हैं, इसकी जानकारी बहुत जल्द साझा की जाएगी.

देश में महामारी की समग्र स्थिति पर नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि महामारी की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है, लेकिन उन्होंने जोर दिया कि लोगों को कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार का पालन जारी रखना चाहिए और भीड़ तथा पार्टियों से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि टीकाकरण की संख्या बढ़ानी होगी.

उन्होंने कहा कि 100 से अधिक दैनिक मामलों वाले जिलों की संख्या 531 (20 मई को समाप्त सप्ताह में) से घटकर 135 रह गई है, जो आश्वस्त करने वाली है. उन्होंने कहा, ‘लेकिन प्रतिबंधों में ढील से हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है… .’

भूषण ने कहा कि सात मई को सामने आए अधिकतम मामलों की तुलना में अब करीब 90 प्रतिशत की गिरावट आई है.

डेल्टा प्लस स्वरूप को लेकर चिंता करने के लिए पर्याप्त आंकड़े नहीं: महाराष्ट्र कोविड कार्यबल सदस्य

इस बीच महाराष्ट्र के कोविड-19 कार्य बल के सदस्य डॉ. शशांक जोशी ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस के ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप को लेकर चिंता करने के संबंध में पर्याप्त आंकड़े नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि लोगों को कोविड-19 संबंधी एहियातन दिशा निर्देशों का पालन करने, मास्क पहनने, भीड़भाड़ से बचने और टीका लगवाने की आवश्यकता है.

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने सोमवार को कहा था कि अत्यधिक संक्रामक माने जा रहे डेल्टा प्लस स्वरूप के 21 मामले अभी तक राज्य में पाए गए हैं जिनमें से नौ मामले रत्नागिरि, सात जलगांव, दो मुंबई और एक-एक मामला पालघर, ठाणे तथा सिंधुदुर्ग जिलों में पाया गया.

डॉ. जोशी ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘चिंता का स्वरूप, टीका और घबराहट. डेल्टा प्लस स्वरूप को लेकर चिंता करने के लिए पर्याप्त आंकड़े नहीं है. हमें केवल इस बात की चिंता करनी चाहिए कि हम दो मास्क लगाकर, भीड़भाड़ से बचकर और टीका लगवाकर कोविड अनुकूल व्यवहार का सख्ती से पालन करते रहें. डेल्टा प्लस स्वरूप अज्ञात है और इसमें संक्रमण अधिक हो सकता है.’

 

कोविड-19 का सफाया करने के प्रयासों के लिए सबसे बड़ा खतरा है डेल्टा स्वरूप: फाउची

उधर, ह्वाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फाउची ने आगाह किया है कि कोरोना वायरस का बेहद संक्रामक स्वरूप ‘डेल्टा’ कोविड-19 महामारी का सफाया करने के अमेरिका के प्रयासों के लिए सबसे बड़ा खतरा है.

ह्वाइट हाउस में कोविड-19 पर एक संवाददाता सम्मेलन में फाउची ने कहा कि अमेरिका में सामने आने वाले कोविड-19 के नए मामलों में से 20 फीसदी से अधिक में संक्रमण की वजह डेल्टा स्वरूप है. उन्होंने कहा कि दो हफ्ते पहले तक नए मामलों में से दस फीसदी में यह स्वरूप पाया गया था.

अमेरिका में एलर्जी एवं संक्रामक रोगों के राष्ट्रीय संस्थान (एनआईएआईडी) के प्रमुख फाउची ने कहा, ‘ब्रिटेन में जैसे हालात हैं, उसकी तरह ही डेल्टा स्वरूप कोविड-19 का सफाया करने के हमारे प्रयास के लिए सबसे बड़ा खतरा है.’

उन्होंने कहा कि अच्छी खबर यह है कि अमेरिका के टीके डेल्टा स्वरूप के खिलाफ प्रभावी हैं और ‘हमारे पास हथियार हैं तो उनका इस्तेमाल महामारी का खात्मा करने के लिए करेंगे.’

उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में यह स्वरूप (डेल्टा) हावी हो चुका है और यहां सबसे पहले सामने आए अल्फा स्वरूप के मुकाबले अधिक फैल चुका है. यहां 90 फीसदी से अधिक नए मामलों की वजह डेल्टा स्वरूप है तथा इसके प्रकोप के कारण ब्रिटेन में गतिविधियों की मंजूरी देने में भी विलंब किया जा रहा है.

अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने डेल्टा को बेहद संक्रामक बताते हुए इसे ‘चिंताजनक स्वरूप’ की श्रेणी में डाला है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq