असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, 14 ज़िलों में 2.58 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. लखीमपुर में सर्वाधिक 1.05 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं. राज्य के 732 गांव जलमग्न हैं, कई हेक्टेयर कृषि भूमि क्षतिग्रस्त हुई है और लाखों मवेशी प्रभावित हैं. डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ के चलते कम से कम तीन घोड़ों की मौत हुई है.
गुवाहाटी/डिब्रूगढ़/गोलाघाट: असम में रविवार को बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई, जिससे 14 जिलों में 2.58 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, बारपेटा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, चिरांग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, जोरहाट, कामरूप, लखीमपुर, माजुली, नागांव, शिवसागर और तिनसुकिया जिलों में बाढ़ से 2,58,100 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
लखीमपुर में सबसे अधिक 1.05 लाख से अधिक लोग प्रभावित है, इसके बाद माजुली में 57,200 से अधिक लोग और धेमाजी में लगभग 35,500 लोग प्रभावित हैं.
एएसडीएमए ने कहा कि वर्तमान में 732 गांव जलमग्न हैं और पूरे असम में 24,704.86 हेक्टेयर कृषि भूमि क्षतिग्रस्त हो गई है.
बुलेटिन में कहा गया है कि राज्य सरकार 10 जिलों में 91 राहत शिविर और वितरण केंद्र चला रही है, जहां 2,180 बच्चों सहित 6,218 लोग शरण लिए हुए हैं.
बुलेटिन में कहा गया है कि बक्सा, बारपेटा, विश्वनाथ, धुबरी, डिब्रूगढ़, गोलपारा, कोकराझार, मोरीगांव, नलबाड़ी और शिवसागर जिले में बड़े पैमाने पर कटाव देखा गया है.
नागांव, बारपेटा, विश्वनाथ, गोलाघाट, जोरहाट, शिवसागर, डिब्रूगढ़ और लखीमपुर में बाढ़ के पानी से तटबंध, सड़कें और अन्य बुनियादी ढांचा क्षतिग्रस्त हो गया है. सात जिलों में बाढ़ से कुल 2,39,723 मवेशी और कुक्कुट प्रभावित हुए हैं
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी दैनिक बाढ़ स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक सप्ताह की बारिश के कारण डिब्रूगढ़, जोरहाट, सोनितपुर, गोलपाड़ा, कामरूप और धुबरी जिलों में ब्रह्मपुत्र नदी में बाढ़ की स्थिति सामान्य से गंभीर हो गया है.
इसके अलावा ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियां – बारपेटा में बेकी, सोनितपुर में जिया भराली, शिवसागर में दिखो, धुबरी में संकोश, सुबनसिरी लखीमपुर, कोकराझार में गौरांग, कामरूप में पुथिमारी उफान पर हैं.
इसमें कहा गया है, करीमगंज में कुशियारा नदी (बराक और अन्य) सामान्य से अधिक बाढ़ की स्थिति में बह रही है.
राष्ट्रीय उद्यानों में बाढ़ के कारण घोड़ों और हिरण की मौत
असम के डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ के कारण कम से कम तीन घोड़ों की मौत हो गई. इसके साथ ही काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ के पानी से निकलने का प्रयास करते एक हिरण (हॉग डीयर) को तेज गति से आते एक वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई.
वन अधिकारियों ने रविवार को बताया कि डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान का लगभग 70 प्रतिशत क्षेत्र बाढ़ में डूबा हुआ है जिसके कारण पशु ऊंचाई वाले इलाकों में भागने को विवश हैं.
अधिकारी ने बताया, ‘अब तक तीन मरे हुए घोड़े मिले हैं. वे बह गए थे. दो और घोड़ों को बचाया गया है लेकिन उनकी हालत नाजुक है.’
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक पी. शिवकुमार ने कहा कि उद्यान का लगभग 50 फीसदी क्षेत्र बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है.
उन्होंने बताया कि पशु, सूखी जमीन की तलाश में उद्यान से होकर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग -37 को पार कर रहे हैं और ऐसे ही प्रयास में शनिवार को एक हिरण (हॉग डीयर) की मौत हो गई.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)