कैंपस में लड़कियों की सुरक्षा को लेकर छात्राएं शुक्रवार सुबह 6 बजे से विश्वविद्यालय के मेन गेट पर प्रदर्शन कर रही हैं.
जिस प्रदेश में मुख्यमंत्री बनते ही लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए राज्य में एंटी-रोमियो स्क्वाड लाया गया, जो शहर ‘बेटी-बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाले प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है, वहां के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से लगातार लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार होने के मुद्दे सामने आ रहे हैं.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की छात्राएं बीते कई महीनों से विभिन्न मुद्दों को लेकर मुखर हुई हैं. बात हॉस्टल के भेदभावपूर्ण नियमों की हो या लड़कियों के लिए कैंपस को अधिक सुरक्षित बनाने की, बीएचयू की छात्राओं ने अपना विरोध दर्ज करवाया है.
हालिया मुद्दा कैंपस में लड़कियों के साथ हुई छेड़छाड़ का है, जिसके ख़िलाफ़ छात्राओं ने मोर्चा खोल दिया है. एक छात्रा ने द वायर से बात करते हुए बताया कि गुरुवार शाम को एक छात्रा के साथ कला भवन के पास एक लड़के ने छेड़छाड़ की. विरोध करने पर वो इस छात्रा को धमकाते हुए भाग गया.
इस छात्रा ने प्रॉक्टर से शिकायत की पर उनसे भी कोई मदद नहीं मिली. हॉस्टल आकर इस छात्रा ने अपनी बाकी साथियों को इस बारे में बताया, जिसके बाद लड़कियों का गुस्सा फट पड़ा. लड़कियों ने रात में ही संकुल गेट पर प्रदर्शन किया, जिसके बाद वे शुक्रवार सुबह 6 बजे से विश्वविद्यालय के मेन गेट पर प्रदर्शन कर रही हैं.
छात्राओं के इस आक्रोश की वजह ऐसी घटनाओं का लगातार होना और उन पर प्रशासन का कोई एक्शन न लेना है. छात्राओं को कहना है कि जब छात्राएं शिकायत करती हैं, तब उलटे उन्हें ही डांटा जाता है कि तुम वहां गई ही क्यों थीं.
छात्राओं ने कैंपस में महिलाओं सुरक्षा की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है. चीफ प्रॉक्टर के नाम लिखे एक पत्र में लड़कियों ने बताया है कि उनके हॉस्टल तक आने-जाने का रास्ता सुरक्षित नहीं है, वहां अक्सर अभद्रता और बदतमीज़ी की घटनाएं होती हैं. अंतरराष्ट्रीय छात्राएं भी अक्सर शोहदों की छेड़खानी का शिकार बन रही हैं.
इसके अलावा छात्राओं का कहना है कि लड़के हॉस्टल के सामने आकर अपशब्द बोलते हैं, कभी पत्थर फेंकते है और कभी मास्टरबेट (masturbate) करते हैं, जो बेहद शर्मनाक है.
प्रदर्शन कर रही छात्राओं की मांग है कि वीसी वहां पहुंचकर उनकी समस्याएं सुनें और उनका समाधान करें. साथ ही छात्राओं ने चीफ प्रॉक्टर ओमकारनाथ सिंह का इस्तीफ़ा भी मांगा है.
प्रदर्शन कर रही छात्राओं में से एक छात्रा ने विरोध में अपना सिर भी मुंडा लिया है. एक अख़बार से बात करते हुए इस छात्रा का कहना था कि इस तरह गेटअप बदल लेने से शायद उनके साथ छेड़छाड़ नहीं होगी. पीड़ित छात्रा ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि पास खड़े गार्ड्स ने उसकी कोई मदद नहीं की.
कैंपस में बार-बार छेड़खानी की शिकायत आने पर जब द वायर ने चीफ प्रॉक्टर ओमकार नाथ सिंह से बात कि तब उनका कहना था, ‘लगातार शिकायत जैसा कोई मामला नहीं है. कल एक घटना हुई है. इससे पहले कोई घटना नहीं हुई है. कल रात की घटना की शिकायत मेरे पास आज आई है और इस पर कार्रवाई की जा रही है.’
सिंह का यह भी कहना था कि जब कल रात की घटना हुई तब वे कैंपस में अपने सिक्योरिटी अफसरों के साथ चेकिंग कर रहे थे.
छात्राओं की वीसी से मिलने और उनके इस्तीफे की मांग पर उनका कहना था, ‘चीफ प्रॉक्टर के इस्तीफे की ज़रूरत पड़ेगी तो ज़रूर देंगे. अभी ऐसी कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि हमारा उसमें कोई डायरेक्ट इन्वॉल्वमेंट नहीं है. जहां तक वीसी से मिलने की बात है, तो उनसे मिलवाने की बात की जा रही है.’