असम: हिरासत से भागने के प्रयास में छात्र नेता की मौत के मुख्य आरोपी की मौत- पुलिस

जोरहाट में 29 नवंबर को ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के एक नेता पर राह चलते हुए विवाद के बाद कथित तौर पर भीड़ ने हमला किया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. पुलिस ने मुख्य आरोपी नीरज दास सहित 12 लोगों को हिरासत में लिया था. पुलिस का कहना है कि हिरासत से भागने के प्रयास में दास एक अन्य पुलिस वाहन की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई.

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(फोटोः पीटीआई)

जोरहाट में 29 नवंबर को ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के एक नेता पर राह चलते हुए विवाद के बाद कथित तौर पर भीड़ ने हमला किया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. पुलिस ने मुख्य आरोपी नीरज दास सहित 12 लोगों को हिरासत में लिया था. पुलिस का कहना है कि हिरासत से भागने के प्रयास में दास एक अन्य पुलिस वाहन की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई.

(फोटोः पीटीआई)

जोरहाटः ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) के छात्र नेता की पीट-पीटकर हत्या के मामले में मुख्य आरोपी नीरज दास की गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद ही बुधवार को उनकी मौत हो गई.

पुलिस हिरासत से कथित तौर पर भागने की कोशिश के दौरान उसे दुर्घटनावश पुलिस के एक वाहन ने टक्कर मार दी थी.

जोरहाट पुलिस का कहना है कि दास ने 30 नवंबर की आधीरात को पुलिस की हिरासत से भागने की कोशिश की, जिस दौरान दुर्घटना में उसकी मौत हो गई.

पुलिस का कहना है कि रात लगभग 1.30 बजे पुलिस वाहन से कूदकर भागने के दौरान एक तेज रफ्तार पुलिस वाहन ने उसे टक्कर मार दी.

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पुलिस ने संवाददाताओं को बताया, ‘दास पर नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी में शामिल होने का आरोप है. पूछताछ के दौरान उसने कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताया, जहां से यह कारोबार संचालित होता है, जिसके बाद पुलिस की टीम उसे आधीरात को उन इलाकों में लेकर गई थी लेकिन वह भागने के चक्कर में पुलिस के वाहन से कूद गया और पुलिस के अन्य वाहन की चपेट में आ गया जिसके ड्राइवर ने दरअसल वाहन से नियंत्रण खो दिया था.’

दास के अलावा जोरहाट पुलिस ने 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन्हें भीड़ के हमले में आसू के छात्र नेता की मौत की वजह से हुए हंगामे के बाद हिरासत में लिया गया था.

बता दें कि दास के पिता ने आसू के छात्र नेता और दो अन्य पर अपने वाहन से उन्हें टक्कर मारने का आरोप लगाया था. इस भीड़ के हमले के शिकार इन तीन लोगों में से एक ने बताया कि पुलिसकर्मियों के घटनास्थल पर पहुंचने के बाद भी हमलावर लगातार छात्र नेता अनिमेष भूयां (23) को पीटते रहे.

यह घटना 28 नवंबर को हुई और घटनास्थल का सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस की मौजूदगी में भीड़ भूयां पर हमला कर रही है.

दास की मौत पर स्पष्टीकरण देते हुए एक दिसंबर को राज्य के विशेष डीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) जीपी सिंह ने ट्वीट कर बताया, ‘हर क्रिया की समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है जो न्यूटन का तीसरा नियम है.’

सिंह के ट्वीट का हवाला देते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘चाहे जो भी हो, असम अपराध और अपराधियों से मुक्त होकर रहेगा.’

राज्य के मुख्यमंत्री का पद्भार संभालने के बाद शर्मा ने सार्वजनिक तौर पर राज्य पुलिसबल से हिरासत से भागने वाले अपराधियों को गोली मारने को कहा था.

साल 2019 के अंत में जीपी  सिंह को सीएए विरोधी आंदोलन की वजह से केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राज्य के कानून एवं व्यवस्था का प्रभारी बनाया गया था. पद संभालने के कुछ ही घंटों के भीतर गुवाहाटी में पुलिस फायरिंग में सीएए आंदोलन का समर्थन कर रहे तीन निहत्थे युवकों की मौत हो गई थी.

बता दें कि जोरहाट में 29 नवंबर को स़ड़क पर हुए एक विवाद के बाद कथित तौर पर भीड़ ने आसू छात्र नेता अनिमेष भूयां और दो अन्य पर हमला कर दिया. इस घटना में भूयां की मौत हो गई थी जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे.