आईआईटी में सिविल इंजीनियरिंग छात्रों की प्लेसमेंट की दर सबसे कम, वेतन भी औसतः रिपोर्ट

करिअर्स 360 द्वारा दायर किए गए आरटीआई आवेदन से पता चला है कि आईआईटी में 2020-2021 में सिविल इंजीनियरिंग में सबसे कम 43 फीसदी प्लेसमेंट दर दर्ज हुई है.

आईआईटी दिल्ली (फोटोः पीटीआई)

करिअर्स 360 द्वारा दायर किए गए आरटीआई आवेदन से पता चला है कि आईआईटी में 2020-2021 में सिविल इंजीनियरिंग में सबसे कम 43 फीसदी प्लेसमेंट दर दर्ज हुई है.

आईआईटी दिल्ली (फोटोः पीटीआई)

नई दिल्लीः भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में 2020-2021 में सिविल इंजीनियरिंग में सबसे कम 43 फीसदी प्लेसमेंट दर दर्ज हुई है.

करिअर्स 360 की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) सहित अन्य कॉलेजों में भी समान रुझान देखने को मिला है.

यह रिपोर्ट करिअर्स 360 द्वारा दायर किए गए सूचना के अधिकार (आरटीआई) आवेदन के जवाब पर आधारित है.

रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 13 आईआईटी में से सिर्फ 10 ने अपने संबंधित डेटा को शेयर किया, जिसका इस्तेमाल सही तुलना के लिए किया जा सकता है.

कुछ कॉलेज ने अपने डेटा को शेयर नहीं किया, या तो उनके डेटा गलत या फिर अस्पष्ट थे. कुछ संस्थानों में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं की जाती. इन्हें विश्लेषण से बाहर रखा गया.

विश्लेषण के मुताबिक, सिविल इंजीनियरिंग के 57 फीसदी छात्र, जिन्होंने प्लेसमेंट के लिए पंजीकरण कराया था, उन्हें नौकरी मिली, जबकि पाठ्यक्रम (सिविल इंजीनियरिंग) में प्रवेश पाने वाले सिर्फ 43 फीसदी छात्रों को ही नौकरी मिली.

यदि सटीक आंकड़ों की बात करें, तो प्लेसमेंट के लिए अप्लाई करने वाले 328 सिविल इंजीनियरिंग छात्रों में से 142 को प्लेसमेंट नहीं मिली. पाठ्यक्रम में दाखिला प्राप्त 437 छात्रों में से 251 को प्लेसमेंट नहीं मिली.

रिपोर्ट में कहा गया कि बड़ी संख्या में सिविल इंजीनियरिंग छात्रों ने प्लेसमेंट में हिस्सा नहीं लिया था.

प्लेसमेंट दर से तुलना करने पर रिपोर्ट में कहा गया कि बहुत अधिक आईआईटी मानकों और छात्रों की अपेक्षाओं में असमानता है. उदाहरण के लिए, 2020-2021 में आईआईटी दिल्ली की सिविल इंजीनियरिंग प्लेसमेंट दर कुल प्लेसमेंट दर 86 फीसदी की तुलना में 66 फीसदी है जबकि आईआईटी गांधीनगर में 2020-2021 में सिविल इंजीनियरिंग में प्लेसमेंट 42 फीसदी है.

आईआईटी पटना में यह दर सबसे खराब सिर्फ 30 फीसदी ही है जबकि यहां कुल प्लेसमेंट दर 68 फीसदी है.

आईआईटी गुवाहाटी में सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच में प्लेसमेंट दर 51 फीसदी है. आईआईटी खड़गपुर में 2020-2021 में यह दर 71 फीसदी है.

आईआईटी मद्रास और आईआईटी कानपुर को छोड़कर प्रत्येक आईआईटी में यही रुझान देखने को मिला.

कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (सीएसई) में बीटेक जैसे कोर इंजीनियरिंग ब्रांच में भी प्लेसमेंट दर कम रही. उदाहरण के लिए, आईआईटी गुवाहाटी में सीएसई में बीटेक कर रहे 87 में से 83 छात्रों ने प्लेसमेंट के लिए पंजीकरण कराया था जबकि इनमें से सिर्फ 78 को ही प्लेसमेंट मिला.

हालांकि, सिविल इंजीनियरिंग छात्रों के लिए यह स्थिति और खराब है. इसमें नामित 71 छात्रों में से सिर्फ 53 छात्रों ने प्लेसमेंट के लिए पंजीकरण कराया लेकिन सिर्फ 27 को ही प्लेसमेंट मिला.

दोनों शाखाओं में नामांकन की तुलना करें तो सिविल इंजीनियरिंग में यह 37 फीसदी और सीएसई में लगभग 90 फीसदी है.

रिपोर्ट में संस्थान के औसतन वेतन और सिविल इंजीनियरिंग ग्रैजुएट के वेतन के बीच समान व्यापक अंतर का पता चला.

दस आईआईटी का औसतन वेतन 15.6 लाख रुपये था. हालांकि, सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए यह 11.10 लाख रुपये था, जो सभी शाखाओं की तुलना में लगभग 30 फीसदी कम है.

उदाहरण के लिए आईआईटी गुवाहाटी में सभी शाखाओं में औसतन वेतन लगभग 19 लाख रुपये है जबकि सीएसई छात्रों का वेतन 29 लाख रुपये है. वहीं, सिविल इंजीनियरिंग छात्रों को औसतन 13 लाख रुपये वेतन मिलता है.

इसमें सबसे बड़ा अंतर आईआईटी पटना में देखने को मिला. आईआईटी पटना के ग्रैजुएट को औसतन वार्षिक वेतन पैकेज 13 लाख रुपये ऑफर हुआ जबकि सिविल इंजीनियरिंग छात्रों को लगभग सात लाख रुपये का पैकेज ऑफर हुआ. आईआईआटी हैदराबाद के मामले में औसतन वेतन 20 लाख रुपये सालाना था जबकि सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए यह 10.7 लाख रुपये था.

रिपोर्ट में कहा गया कि आईआईटी मद्रास ने सिविल इंजीनियरिंग छात्रों को 17.3 लाख रुपये का औसतन पैकेज ऑफर किया, जो सभी संस्थानों में बेहतर है.

विभिन्न आईआईटी के बीच वेतन भी बहुत असमानता है. आईआईटी मद्रास ने 2020-2021 के लिए 52.5 लाख रुपये का अधिकतम वार्षिक वेतन दिया जबकि इस दौरान सिविल इंजीनियरिंग छात्रों को न्यूनतम सात लाख रुपये का वेतन दिया गया. ठीक इसी तरह आईआईटी गुवाहाटी का अधिकतम वार्षिक पैकेज 30 लाख रुपये रहा जबकि न्यूनतम वेतन सात लाख रुपये ही रहा.

वहीं, आईआईटी-आईएसएम धनबाद में न्यूनतम वेतन पांच लाख रुपये की पेशकश की गई. इसके बाद आईआईटी पटना में 5.16 लाख रुपये के वेतन की पेशकश की गई.

करिअर्स 360 ने अन्ना यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (सीओई) के प्लेसमेंट के डेटा का भी विश्लेषण किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या ये रुझान क्षेत्रीय स्तर पर भी हैं या नहीं.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq