मेघालय: पंजाबी लेन में रहने वाले लोगों को सरकारी क्वार्टर में स्थानातंरित किया जाएगा

मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग स्थित पंजाबी लेन में पंजाब के लोग रहते हैं, जिन्हें लगभग 200 साल पहले अंग्रेज़ सफाईकर्मी के रूप में काम करने के लिए लाए थे. मई 2018 में खासी और पंजाबी समुदाय के बीच संघर्ष हुआ था, जिसके बाद क्षेत्र में एक महीने से अधिक समय तक कर्फ्यू में लगाया गया था. खासी इन्हें हटाने की मांग लंबे समय से करते रहे हैं.

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(प्रतीकात्मक फोटो साभारः ट्विटर/@Shillong_)

मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग स्थित पंजाबी लेन में पंजाब के लोग रहते हैं, जिन्हें लगभग 200 साल पहले अंग्रेज़ सफाईकर्मी के रूप में काम करने के लिए लाए थे. मई 2018 में खासी और पंजाबी समुदाय के बीच संघर्ष हुआ था, जिसके बाद क्षेत्र में एक महीने से अधिक समय तक कर्फ्यू में लगाया गया था. खासी इन्हें हटाने की मांग लंबे समय से करते रहे हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो साभारः ट्विटर/@Shillong_)

शिलॉन्ग: मेघालय सरकार ने राजधानी शिलॉन्ग स्थित थेम ल्यू मेवलोंग इलाके के पंजाबी लेन में रहने वाले 342 परिवारों को शिलॉन्ग म्यूनिसिपिल बोर्ड (एसएमबी) के सरकारी क्वार्टर में स्थानातंरित करने का फैसला किया है.

हालांकि, पुराने क्वार्टर को बाद में ध्वस्त कर दिया जाएगा और इनमें रहने वाले लोगों के लिए उसके स्थान पर नए पांच-सात मंजिला फ्लैट बनाए जाएंगे.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सरकार की योजना के तहत मौजूदा भवन को गिराकर 2.5 एकड़ जमीन पर 12 ब्लॉक का भवन बनाया जाएगा.

उप-मुख्यमंत्री प्रेस्टन तिनसोंग ने कहा कि बुधवार को शहरी मामलों के विभाग के मंत्री स्नियाभलंग धर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया.

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘सभी मुद्दों पर विचार करने के बाद हमने स्वीपर्स कॉलोनी के 342 परिवारों को थेम ल्यू मेवलोंग इलाके से नेता प्रतिपक्ष के क्वार्टर के सामने स्थित एसएमबी के मौजूदा क्वार्टर में स्थानांतरित करने का फैसला किया है.’

तिनसोंग ने कहा कि जल्द ही होने वाली बैठक में हरिजन पंचायत समिति (एचपीसी) को निर्णय से अवगत कराया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘हम एचपीसी के साथ बैठक करेंगे और यह उन पर निर्भर करता है कि सरकार के फैसले को स्वीकार करना है या नहीं.’

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उन 342 से अधिक परिवारों को आवास प्रदान नहीं करेगी, जिनकी सूची मेघालय हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की गई है.

हाईकोर्ट निवासियों और राज्य सरकार के बीच अदालत के बाहर समझौता होने का इंतजार कर रहा है.

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि समाधान निकलने के बाद हाईकोर्ट में लंबित मामले को बंद कर दिया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘एक बार जब राज्य सरकार और एचपीसी सहमत हो जाते हैं, तो हम संयुक्त रूप से मामले को बंद करने के लिए अदालत के समक्ष एक हलफनामा दाखिल करेंगे.’

पंजाबी लेन में पंजाब के लोग रहते हैं, जिन्हें लगभग 200 साल पहले अंग्रेज सफाईकर्मी के रूप में काम करने के लिए शिलॉन्ग लाए थे.

मई 2018 में क्षेत्र में हमले की एक घटना के परिणामस्वरूप खासी समुदाय और पंजाबी समुदाय के बीच संघर्ष हुआ था, जिसके बाद क्षेत्र में एक महीने से अधिक समय तक कर्फ्यू में लगाया गया था.

खासी समुदाय लंबे समय से मांग कर रहा है कि इलाके से अवैध प्रवासियों को हटाया जाए.

राज्य सरकार ने जुलाई में निवासियों को फ्लैटों में स्थानांतरित करने के लिए एक खाका प्रस्तुत किया था. प्रशासन ने यहां रहने वालों की पहचान ‘अवैध कब्जा करने वालों’ के रूप में की थी.

हरिजन पंचायत समिति ने उन्हें पंजाबी लेन से स्थानांतरित करने के कदम पर रोक लगाने के लिए अदालत का रुख किया था.

हालांकि अप्रैल में संगठन इस शर्त पर थेम ल्यू मेवलोंग में रहने वालों के स्थानांतरण के लिए सहमत हो गया था कि राज्य सरकार 342 परिवारों में से प्रत्येक को 200 वर्ग मीटर भूमि प्रदान करे और उनके घरों के निर्माण की लागत भी वहन करे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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