भारतीय वायुसेना में एयरमैन ‘एक्स’ और ‘वाई’ समूह की भर्ती के लिए जुलाई 2021 में परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन परिणाम अब तक घोषित नहीं किया गया है. इस संबंध में एक उम्मीदवार को सूचना के अधिकार से जानकारी मिली है कि उक्त परीक्षा के लिए 6,34,249 आवेदन प्राप्त हुए थे और परिणाम जारी करने की प्रक्रिया संविदा आधारित ‘अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना’ के मद्देनज़र रोक दी गई है.
नई दिल्ली: सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी से पता चला है कि संविदा आधारित अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना शुरू होने से पहले जुलाई 2021 में भारतीय वायुसेना में भर्ती होने के लिए हुई एयरमेन ‘एक्स’ और ‘वाई’ समूह की परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवारों को अधर में छोड़ दिया गया है. परीक्षा का परिणाम कभी जारी ही नहीं किया गया और उनसे वसूली फीस भी वापस नहीं की गई.
उक्त आरटीआई याचिका एक व्यथित छात्र द्वारा दायर की गई थी. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले छात्र मोहम्मद कामिल द्वारा जुटाई गई जानकारी के अनुसार, इन परीक्षाओं के लिए कुल 6,34,249 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था.
वर्तमान में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई कर रहे कामिल ने लिखा कि वह ‘वायुसेना के उम्मीदवारों में से एक’ थे और उन्होंने एयरमेन ‘एक्स’ एवं ‘वाई’ ट्रेड के लिए परीक्षा में शामिल होकर भारतीय वायुसेना में सेवाएं देने के बारे में सोचा था.
उन्होंने बताया कि यह परीक्षा पहले वर्ष में दो बार आयोजित की जाती थी, लेकिन 2020 और 2021 में केवल एक-एक बार आयोजित की गई थी. उन्होंने आगे कहा कि फिर केंद्र सरकार ने चयन की इस व्यवस्था से किनारा कर लिया, क्योंकि वह सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए संविदा आधारित नई अग्निपथ व्यवस्था ले आई.
अपने अनुभव को याद करते हुए कामिल ने लिखा कि वह 12वीं पास करने के ठीक बाद जब जनवरी 2021 में एयरमेन की भर्ती की घोषणा की गई थी, वे तब से ही सरकारी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘मैंने करीब सात माह तक पूरे उत्साह से परीक्षा की तैयारी की.’ साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए उन्हें अपनी कानून की पढ़ाई में से समय निकालना पड़ता था.
हालांकि, बाद में यह परीक्षा स्थगित कर दी गई और अंतत: पिछले साल 12 जुलाई से 18 जुलाई तक आयोजित की गई.
कामिल ने कहा कि अधिसूचना के मुताबिक, परीक्षा के आयोजन के एक महीने के भीतर परिणाम घोषित किया जाना था, लेकिन इस अवधि के समाप्त होने पर वेबसाइट पर एक नोटिस डालकर कहा गया कि ‘प्रशासनिक कारणों से परिणाम घोषित करने में देरी हो रही है.’
कामिल ने बताया कि इसके बाद भारतीय वायुसेना के सभी उम्मीदवारों ने परीक्षा परिणामों आने का आठ से 10 महीनों तक इंतजार किया, लेकिन फिर एयरमेन ‘एक्स’ और ‘वाई’ समूह के लिए भी उम्मीदवारों का चयन करने के लिए अग्निवीर व्यवस्था लागू कर दी गई.
वेबसाइट काम नहीं कर रही है
कामिल ने कहा कि उम्मीदवारों को कभी इस बारे में सूचित नहीं किया गया कि क्यों जुलाई 2021 में आयोजित परीक्षा के परिणाम कभी घोषित नहीं किए गए.
उन्होंने कहा कि संबंधित वेबसाइट भी इंटरनेट से हटा दी गई है. आम तौर पर यह वेबसाइट परीक्षा के नतीजे के संबंध में उम्मीदवारों को आवश्यक सूचना प्रदान करने के लिए इस्तेमाल की जाती थी.
कामिल ने यह भी कहा कि सरकार ने वायुसेना ‘एक्स’ और ‘वाई’ समूह की जनवरी 2021 की रिक्तियों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी है. सरकार ने इसका भी कोई कारण नहीं बताया है कि क्यों वेबसाइट को हटाया गया और क्यों परिणाम घोषित नहीं किया गया.
अंत में वे पूछते हैं कि उन 15,85,62,250 रुपयों का क्या हुआ जो सरकार ने छात्रों परीक्षा के लिए वसूले थे.
इन सवालों के जवाब खोजने के लिए कामिल ने 30 अगस्त 2022 को वायुसेना मुख्यालय में एक आरटीआई अर्जी दाखिल कर पांच बिंदुओं के तहत जानकारी मांगी थी.
कामिल के सवालों के जवाब में नई दिल्ली स्थित वायु भवन में कार्मिक सेवा निदेशालय ने उन्हें 6 अक्टूबर को अपने केंद्रीय सूचना अधिकारी के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराई.
इसमें बताया गया कि परीक्षा के लिए आवेदन जमा कराने वाले उम्मीदवारों की कुल संख्या 6,34,249 थी. जबकि, उम्मीदवारों द्वारा परीक्षा शुल्क के रूप में 250 रुपये जमा कराए गए थे. सभी छात्रों से वसूला गया कुल शुल्क इस लिहाज से 15.85 करोड़ रुपये होता है.
अग्निपथ योजना का प्रभाव
इस परीक्षा के परिणाम के बारे में जानकारी मांगने वाले प्रश्न पर निदेशालय ने स्वीकारा कि अग्निपथ योजना के मद्देनजर प्रक्रिया रोक दी गई है और भारतीय वायुसेना में शामिल होने के लिए चयन प्रक्रिया वर्तमान में ‘अग्निपथ योजना’ के माध्यम से की जा रही है.
निदेशालय ने 12-18 जुलाई 2021 तक आयोजित वायुसेना ‘एक्स’ और ‘वाई’ समूह की परीक्षा के प्रश्न-पत्र की फोटोकॉपी प्रदान करने के कामिल के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया. इसने केवल यह कहा कि मांगी गई जानकारी ‘अस्पष्ट प्रकृति’ की है.
मालूम हो कि ‘अग्निपथ योजना’ की घोषणा बीते 14 जून को केंद्र की मोदी सरकार द्वारा की गई थी, जिसमें साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है. चार साल बाद इनमें से केवल 25 प्रतिशत युवाओं की सेवा नियमित करने का प्रावधान है.
इस योजना के खिलाफ कई राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. बाद में सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को एक साल के लिए बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था.
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