दिल्ली: यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर जामिया के प्रोफेसर को निलंबित किया गया

जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलसचिव की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि एक छात्रा की शिकायत के आधार पर विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति प्रबंधन अध्ययन विभाग के सहायक प्राध्यापक के ख़िलाफ़ कथित कदाचार की जांच कर रही है. शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. 

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(फोटो साभार: फेसबुक/@JMI)

जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलसचिव की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि एक छात्रा की शिकायत के आधार पर विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति प्रबंधन अध्ययन विभाग के सहायक प्राध्यापक के ख़िलाफ़ कथित कदाचार की जांच कर रही है. शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

(फोटो साभार: फेसबुक/@JMI)

नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया की एक छात्रा के एक असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा उनका यौन उत्पीड़न करने की शिकायत के बाद उन शिक्षक को निलंबित कर दिया है. विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

जामिया के कुलसचिव नाज़िम हुसैन जाफरी की ओर से मंगलवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक, विश्वविद्यालय ने सहायक प्राध्यापक को जांच पूरी होने तक सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बगैर परिसर नहीं छोड़ने को कहा है.

विश्वविद्यालय की अधिसूचना में कहा गया है कि प्रबंधन अध्ययन विभाग के सहायक प्राध्यापक एस. वीरामणि के खिलाफ कथित कदाचार को लेकर आंतरिक शिकायत समिति जांच कर रही है.

इसमें कहा गया है, ‘प्रोफेसर ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न किया है जो गंभीर कदाचार है.’ अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. छात्रा की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की गई है.

अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि निलंबन अवधि के दौरान वह सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना बाहर नहीं जाएंगे.

वहीं, इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए वीरामणि ने कहा कि यह झूठा आरोप है और इसका कोई प्रमाण नहीं है. उन्होंने कहा, ‘निलंबन गैर-कानूनी है. मुझे शिकायत के बारे सूचित नहीं किया गया. यह हिंदुओं को निशाना बनाने का मामला है. जबसे वर्तमान कुलपति आई हैं, तबसे चार हिंदू शिक्षकों को निलंबित किया जा चुका है. वो हिंदू शिक्षकों को निशाना बना रही हैं और उन्हें सस्पेंड कर रही हैं. उन्होंने मुझे शिकायत को देखने का मौका भी नहीं दिया.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मैं सेक्रेटरी और जॉइंट सेक्रेटरी चुना गया था और जामिया प्रशासन के भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा था. यही वजह है कि वे मुझे निशाना बना रहे हैं. उसके (शिकायतकर्ता के) ऊपर मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने का राजनीतिक दबाव था.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)