मध्य प्रदेश: मार्कशीट न देने को लेकर पूर्व छात्र ने कॉलेज प्रिंसिपल को आग लगाई

मामला इंदौर के एक फार्मेसी कॉलेज का है, जहां एक पूर्व छात्र ने मार्कशीट देने में देरी को लेकर कथित तौर प्रिंसिपल पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी. इसी छात्र को इसी मसले को लेकर कुछ महीने पहले कॉलेज के एक प्रोफेसर पर चाकू से हमले के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था, जिसके बाद वो ज़मानत पर कुछ हफ्ते पहले ही जेल से बाहर आया था.

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इंदौर का बीएम फार्मेसी कॉलेज. (फोटो साभार: कॉलेज वेबसाइट)

मामला इंदौर के एक फार्मेसी कॉलेज का है, जहां एक पूर्व छात्र ने मार्कशीट देने में देरी को लेकर कथित तौर प्रिंसिपल पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी. इसी छात्र को इसी मसले को लेकर कुछ महीने पहले कॉलेज के एक प्रोफेसर पर चाकू से हमले के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था, जिसके बाद वो ज़मानत पर कुछ हफ्ते पहले ही जेल से बाहर आया था.

इंदौर का बीएम फार्मेसी कॉलेज. (फोटो साभार: कॉलेज वेबसाइट)

भोपाल: मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित एक फार्मेसी कॉलेज के पूर्व छात्र ने अपनी मार्कशीट देने में देरी को लेकर कथित तौर पर अपने प्रिंसिपल पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी.

एनडीटीवी के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि बीएम फार्मेसी कॉलेज की प्राचार्य विमुक्त शर्मा (50) 80 फीसदी तक जल चुकी हैं और उनकी हालत गंभीर है. उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

पुलिस ने बताया कि पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव भी करीब 40 फीसदी झुलस गया है.

रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार शाम करीब 4 बजे के आसपास जब प्रिंसिपल घर लौटने के लिए अपनी कार में सवार होने वाली थीं, आशुतोष ने उन्हें रोका और उनके बीच बहस हुई.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि इसके बाद छात्र ने प्रिंसिपल के ऊपर पेट्रोल डाल कर आग लगा दी.

पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) भगवत सिंह विर्दे ने बताया, ‘वह बयान देने की स्थिति में नहीं है. आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है. इस घटना में उसका हाथ भी झुलस गया है.’

पुलिस ने कहा कि 22 वर्षीय आरोपी ने बाद में पास में स्थित टिनचा झरने में कूदकर खुदकुशी करने की कोशिश की थी. लेकिन उसे बचा लिया गया और हिरासत में उसका इलाज चल रहा है.

यह कॉलेज इंदौर के बाहरी इलाके सिमरोल इलाके में स्थित है. पुलिस ने बताया कि कुछ महीने पहले इसी मुद्दे पर कॉलेज के एक पुरुष प्रोफेसर पर चाकू से हमला करने के आरोप में आशुतोष को गिरफ्तार किया गया था. वह जमानत पर कुछ हफ्ते पहले ही जेल से छूटा था.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, श्रीवास्तव पर अब भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

इसी बीच, इंदौर के शिक्षाविदों का कहना कि यदि पुलिस समय पर जाग जाती तो ये घटना नहीं होती.

अमर उजाला के मुताबिक, डीएवीवी के पूर्व कुलपति ने कहा, ‘छात्र उन्हें पहले भी कई बार धमकी दे चुका था और पुलिस को इस बात की भी जानकारी थी. छात्र ने कॉलेज की फैकल्टी पर चाकू से हमला किया जिसके बाद वह छूटकर फिर से कॉलेज प्रबंधन को धमकाने लगा. यदि उस पर सख्त कार्रवाई की जाती तो यह दिन नहीं देखना पड़ता. हम सब शिक्षाविद इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों से मिलकर विरोध दर्ज करवाएंगे.’

डीएवीवी के अशासकीय प्राचार्य संघ के अध्यक्ष राजीव झालानी ने कहा, ‘महिला प्राचार्य के साथ हुई घटना शर्मनाक और निंदनीय है. प्राचार्य संघ इसकी निंदा करता है. घटना की सख्त जांच की जाना चाहिए. दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिले जिससे समाज में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो. अगर दोषियों को सजा नहीं मिली तो प्राचार्य संघ विरोध करेगा.’