सत्यपाल मलिक के ख़िलाफ़ सीबीआई का समन बदले की कार्रवाई है: कांग्रेस

सीबीआई ने सत्यपाल मलिक से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में कथित बीमा घोटाले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने एक समन जारी किया है. वह उस समय वहां के राज्यपाल थे. द वायर को दिए गए एक इंटरव्यू में 2019 के पुलवामा हमले में सरकारी चूक की बात कहने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर सवाल उठाने के हफ्तेभर बाद उन्हें यह समन भेजा गया है.

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सत्यपाल मलिक. (फोटो साभार: एएनआई)

सीबीआई ने सत्यपाल मलिक से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में कथित बीमा घोटाले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने एक समन जारी किया है. वह उस समय वहां के राज्यपाल थे. द वायर को दिए गए एक इंटरव्यू में 2019 के पुलवामा हमले में सरकारी चूक की बात कहने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर सवाल उठाने के हफ्तेभर बाद उन्हें यह समन भेजा गया है.

सत्यपाल मलिक. (फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने बीते शनिवार को जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को सीबीआई के ‘समन’ पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इसका मकसद उन्हें और सच बोलने वालों को चुप रहने का संदेश देना है.

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हालांकि सीबीआई की कार्रवाई आश्चर्यजनक नहीं थी, लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि उनके द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित प्रासंगिक सवाल उठाए जाने के 10 दिन बाद ‘प्रतिशोध लेने वाली’ कार्रवाई की गई है.

द हिंदू में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम नहीं जानते कि प्रधानमंत्री को 10 दिन क्यों लग गए. आम तौर पर वह अपने आलोचकों को चुप कराने में बहुत तेज होते हैं. सत्यपाल मलिक ने क्या किया? उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित कुछ बहुत ही प्रासंगिक सवाल पूछे हैं.’

अधिकारियों ने बीते शुक्रवार (21 अप्रैल) को कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सत्यपाल मलिक से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में कथित बीमा घोटाले के सिलसिले में कुछ सवालों के जवाब देने को कहा है.

मलिक से 28 अप्रैल को सीबीआई को पूछताछ करनी है. यह दूसरी बार होगा, जब सीबीआई उनसे पूछताछ करेगी, पहली बार अक्टूबर 2022 में उनसे पूछताछ की गई थी.

मालूम हो कि अक्टूबर 2021 में पहली बार मलिक में आरोप लगाया था कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के कार्यकाल के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान उनसे कहा गया था कि यदि वह अंबानी और आरएसएस से संबद्ध एक व्यक्ति की दो फाइलों को मंजूरी दें तो उन्हें रिश्वत के तौर पर 300 करोड़ रुपये मिलेंगे, लेकिन उन्होंने सौदों को रद्द कर दिया था.

मलिक ने द वायर के इंटरव्यू से पहले इस घटना का जिक्र पत्रकार प्रशांत टंडन को दिए गए एक साक्षात्कार में भी किया था. इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि सौदे में ज्यादा रुचि रखने वाले ‘आरएसएस पदाधिकारी’ राम माधव थे. इसके प्रसारण के बाद माधव आरोपों से इनकार करते हुए ने मलिक को मानहानि का नोटिस भेजा था.

मार्च 2022 में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि मलिक द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर हैं और प्रशासन ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है.

सीबीआई ने इस संबंध में दो केस दर्ज किए थे और अप्रैल 2022 में 14 स्थानों पर तलाशी ली थी.

सीबीआई का यह कदम मलिक के द वायर को दिए गए एक इंटरव्यू के एक सप्ताह बाद आया है, जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र की मोदी सरकार पर आलोचनात्मक टिप्पणी की थी.

खास तौर से उन्होंने जम्मू कश्मीर के बारे में बोला था. तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने और इसके विभाजन के दौरान मलिक ने यहां अंतिम राज्यपाल के रूप में कार्य किया था.

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि सत्यपाल मलिक ने टेलीफोन पर बातचीत में प्रधानमंत्री को बताया था कि 14 फरवरी, 2019 को हुआ पुलवामा आतंकवादी हमला एक सुरक्षा चूक के कारण हुआ था, ‘लेकिन प्रधानमंत्री ने उन्हें चुप रहने के लिए कहा था’.

खेड़ा ने कहा, ‘सत्यपाल मलिक को सीबीआई का समन उसी सलाह का दोहराव है, जो प्रधानमंत्री ने 14 फरवरी, 2019 की शाम को उन्हें दिया था. सत्यपाल मलिक को इस बार भी चुप रहने के लिए कहा जा रहा है, हालांकि, संदेशवाहक सीबीआई है.’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘यह संदेश अकेले सत्यपाल मलिक को नहीं दिया जा रहा है, बल्कि उन सभी को दिया जा रहा है, जिन्हें सच्चाई के लिए अपनी आवाज उठाते हुए छापे का डर नहीं है, जिनमें सरकार और सत्ता से सवाल पूछने का साहस है. ऐसे लोगों को धमकी दी जा रही है कि अगर उन्होंने मलिक की तरह मुंह खोला तो वे भी सीबीआई को अपने दरवाजे पर दस्तक देते देखेंगे.’

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह विडंबना है कि सीबीआई ह्विसिलब्लोअर के दरवाजे पर दस्तक दे रही है न कि उस व्यक्ति के दरवाजे पर जिस पर सत्यपाल मलिक ने कदाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया है.

खेड़ा ने कहा कि मलिक द्वारा भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाने के बाद हम नहीं जानते कि राम माधव को सीबीआई द्वारा बुलाया गया है या नहीं.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर पर मार्च में सीबीआई प्रमुख को लिखे गए अपने एक पत्र को साझा किया, जिसमें मेघालय विधानसभा चुनावों से पहले गृहमंत्री अमित शाह को बुलाने के लिए कहा गया था, जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार ‘सबसे भ्रष्ट’ है.

उन्होंने लिखा, ‘जम्मू कश्मीर में कथित बीमा घोटाले और उन्हें फाइलों को आगे बढ़ाने के लिए रिश्वत की पेशकश करने के आरोपों पर सत्यपाल मलिक को सीबीआई ने तलब किया है, लेकिन सीबीआई अभी भी गृह मंत्री को इस आरोप में क्यों नहीं बुला रही है कि उनके प्रभा में मेघालय में सबसे भ्रष्ट सरकार चल रही है.’