जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा कि मलिक साहब, आप लड़ते रहे हैं, जो लोग अपने विरोधियों के ख़िलाफ़ सत्ता की शक्ति का उपयोग करते हैं, वे कायर हैं. जिस दिन से पुलवामा हमले से संबंधित तथ्य का खुलासा किया है, उस दिन से आपके ख़िलाफ़ कार्रवाई की संभावना थी.
पटना: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से केंद्र शासित प्रदेश में कथित बीमा घोटाले के सिलसिले में कुछ सवालों के जवाब मांगे जाने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू खुलकर उनके समर्थन में आ गई है.
पार्टी की ओर से कहा गया, ‘मलिक साहब एक योद्धा (सच्चाई के लिए) रहे हैं.’
सीबीआई द्वारा मलिक को तलब किए जाने पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपने विरोधियों के खिलाफ राज्य की शक्ति का इस्तेमाल कर रही है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मलिक साहब, आप लड़ते रहे हैं, जो कायर हैं वे अपने विरोधियों पर सत्ता का इस्तेमाल करते हैं. उनको पता नहीं है कि देश की जनता सब देख रही है. आपने जिस दिन रहस्योद्घाटन किया उसी दिन से ऐसी संभावना थी.’
मलिक साहब आप लड़ते रहें हैं, जो कायर हैं वे अपने विरोधियों पर सत्ता का इस्तेमाल करते हैं। उनको पता नही है कि देश की जनता सब देख रही है। आपने जिस दिन रहस्योद्घाटन किया उसी दिन से ऐसी संभावना थी।
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है ।
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है ।।— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) April 22, 2023
अपने ट्वीट में ललन ने बिस्मिल अज़ीमाबादी की प्रसिद्ध उर्दू देशभक्ति कविता की शुरुआती पंक्तियों को भी उद्धृत किया, ‘सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है; देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-कातिल में है.’
जदयू अध्यक्ष ने अपने ट्वीट में समाचार पोर्टल द वायर को दिए गए सत्यपाल मलिक के इंटरव्यू का अप्रत्यक्ष रूप से उल्लेख किया है, जिसमें उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणी की थी.
मालूम हो कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उनका समर्थन करते हुए कहा था कि जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने ‘डर के इस समय’ में बहुत साहस दिखाया है और पूरा देश उनके साथ है.
मलिक ने विशेष रूप से पुलवामा में आतंकवादी हमले और जम्मू कश्मीर की स्थिति को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की थी. साल 2019 में तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने और अनुच्छेद 370 के तहत इसे मिले विशेष दर्जे को खत्म करने के दौरान वह यहां राज्यपाल के रूप में कार्यरत थे.
सत्यपाल मलिक ने कहा था कि पुलवामा आतंकी हमला सरकारी चूक का नतीजा था, पर उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे चुप रहने के लिए कहा था.
अधिकारियों ने बीते 21 अप्रैल को कहा था कि सीबीआई ने सत्यपाल मलिक से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में कथित बीमा घोटाले के सिलसिले में कुछ सवालों के जवाब देने को कहा है.
मलिक से 28 अप्रैल को सीबीआई को पूछताछ करनी है. यह दूसरी बार होगा, जब सीबीआई उनसे पूछताछ करेगी, पहली बार अक्टूबर 2022 में उनसे पूछताछ की गई थी.
मालूम हो कि अक्टूबर 2021 में पहली बार मलिक में आरोप लगाया था कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के कार्यकाल के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान उनसे कहा गया था कि यदि वह अंबानी और आरएसएस से संबद्ध एक व्यक्ति की दो फाइलों को मंजूरी दें तो उन्हें रिश्वत के तौर पर 300 करोड़ रुपये मिलेंगे, लेकिन उन्होंने सौदों को रद्द कर दिया था.
मलिक ने द वायर के इंटरव्यू से पहले इस घटना का जिक्र पत्रकार प्रशांत टंडन को दिए गए एक साक्षात्कार में भी किया था. इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि सौदे में ज्यादा रुचि रखने वाले ‘आरएसएस पदाधिकारी’ राम माधव थे. इसके प्रसारण के बाद माधव आरोपों से इनकार करते हुए ने मलिक को मानहानि का नोटिस भेजा था.
मार्च 2022 में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि मलिक द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर हैं और प्रशासन ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है.
सीबीआई ने इस संबंध में दो केस दर्ज किए थे और अप्रैल 2022 में 14 स्थानों पर तलाशी ली थी.
हाल ही में द वायर को दिए साक्षात्कार में मलिक ने कहा था कि उन्होंने शुरुआत में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को कश्मीर में बीमा योजना शुरू करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, लेकिन इसने बहुत से सरकारी कर्मचारियों को नाखुश कर दिया था.