सुप्रीम कोर्ट में सेबी के पूर्व में अडानी समूह की जांच से इनकार समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उसने 2016 से अडानी समूह की किसी भी कंपनी की जांच नहीं की है, जैसा कि हिंडनबर्ग रिसर्च के दावों की जांच की मांग करने वाले कुछ याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, एक जवाबी हलफनामे में बाजार नियामक ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के हलफनामे में दिए गए विवाद का ‘हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित और/या इससे उपजे मुद्दों से कोई संबंध नहीं है.’ सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच मंगलवार को इस मामले को सुनेगी. इससे पहले हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच पूरी करने के लिए सेबी ने छह महीने की मोहलत मांगी थी, जिससे अदालत ने इनकार कर दिया था.

कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद सीबीआई के नए प्रमुख होंगे. द हिंदू के मुताबिक, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति- जिसमें सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल हैं. हालांकि, बताया गया है कि चौधरी ने चयन प्रक्रिया पर आपत्ति दर्ज कराते हुए इसे नए सिरे से शुरू किए जाने की मांग की थी. सूद की सिफारिश के खिलाफ एक असहमति नोट में चौधरी का कहना था ‘वह उन अधिकारियों के मूल पैनल में शामिल नहीं थे, जिन्हें सीबीआई की शीर्ष नौकरी के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था. उनका नाम अंतिम समय में शामिल किया गया था.’ इससे पहले कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने सूद पर भाजपा के प्रति पक्षपाती होने का आरोप लगा चुके हैं.

कांग्रेस की जीत के बीच कर्नाटक में भाजपा का आरक्षण (कोटे) में बढ़ोतरी का दांव उल्टा पड़ा. चुनाव से तीन महीने पहले बसवराज बोम्मई सरकार ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लिए 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया था. साथ ही, अनुसूचित जाति के बीच आंतरिक आरक्षण की भी घोषणा की थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि भाजपा को इसका कोई फायदा मिलता नहीं दिखा क्योंकि 51 आरक्षित सीटों में से पार्टी सिर्फ 12 सीटें जीत सकी. प्रदेश में 51 आरक्षित सीटों में 36 एससी और 15 एसटी के लिए आरक्षित हैं. 15 एसटी सीटों में से भाजपा को एक पर भी जीत नहीं मिली.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत में वीरशैव-लिंगायत समुदाय को बड़ी सफलता मिली है. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 1989 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की तरफ से जीतने वाले वीरशैव-लिंगायत समुदाय के विधायकों की संख्या 45 थी. इस बार यह संख्या 34 रही है. चुनाव से कुछ हफ्ते पहले जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी के भाजपा छोड़ने से, विशेष तौर पर कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र में, वीरशैव-लिंगायत के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हुई, जिसे समुदाय के भाजपा से कांग्रेस की ओर मुड़ने का अहम कारण माना जा रहा है.

केंद्र सरकार के नए आईटी नियमों के तहत बनने वाली ‘फैक्ट-चेक इकाई’ की ज़िम्मेदारी इलेक्ट्रॉनिक्स-आईटी मंत्रालय को मिल सकती है. इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, इकाई में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के दो अधिकारी और तीसरा सदस्य एक स्वतंत्र विशेषज्ञ हो सकता है. मोदी सरकार ने स्वयं को एक फैक्ट-चेकिंग इकाई गठित करने की शक्ति दी है, जिसके पास यह निर्धारित करने के लिए व्यापक शक्तियां होंगी कि वह केंद्र के किसी भी कामकाज के संबंध में दी गई जानकारी को ‘फर्जी या भ्रामक’ करार दे सके और सोशल मीडिया मंचों से हटवा सके.

पंजाब के पटियाला में एक गुरुद्वारा परिसर में महिला की हत्या का मामला सामने आया है. द हिंदू के अनुसार, आरोप है कि 32 वर्षीय महिला दुखनिवारण साहिब गुरुद्वारे के ‘सरोवर’ के पास कथित तौर पर शराब पी रही थीं. इससे नाराज होकर यहां नियमित तौर पर आने वाले एक व्यक्ति ने उन पर अपनी रिवॉल्वर से कई राउंड फायर किए, जिसके बाद महिला की मौत हो गई. पुलिस ने बताया है कि घटना में एक अन्य व्यक्ति भी घायल हुआ है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.

केरल के मल्लपुरम ज़िले भीड़ द्वारा पीट-पीटकर एक आदिवासी शख्स की हत्या कर दी गई. द न्यूज मिनट के अनुसार, पुलिस ने बताया कि घटना शनिवार को हुई, जब बिहार से आने वाले 36 वर्षीय आदिवासी व्यक्ति को चोरी के संदेह में स्थानीय लोगों द्वारा बुरी तरह पीटा गया. मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

ब्रिटेन की एक मीडिया रिपोर्ट में वहां के लेस्टर में पिछले साल हुई हिंसक झड़पों के पीछे भाजपा का हाथ होने का इशारा किया गया है. ब्रिटिश अख़बार डेली मेल की रिपोर्ट कहती है कि वह हिंसा ‘मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी’ द्वारा भड़काई गई थी. अखबार से बात करते हुए यूके सुरक्षा बल के एक सदस्य ने कहा कि ऐसे सबूत मिले हैं कि भाजपा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने क्लोज्ड वॉट्सऐप ग्रुप्स का इस्तेमाल करते हुए हिंदू प्रदर्शनकारियों को सड़कों पर उतरने का उकसावा दिया था.