पहला मामला उत्तर गुजरात के मेहसाणा ज़िले के एक प्री-स्कूल का है. विरोध प्रदर्शन के बाद स्कूल की निदेशक ने लिखित में माफ़ी मांगी है. वहीं कच्छ ज़िले के भुज स्थित एक स्कूल में बकरीद पर नाटक का मंचन किया गया था, जिसका भगवा संगठनों, अभिभावकों और नेताओं ने विरोध किया था. यहां के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है.
नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के कार्यकर्ताओं द्वारा ‘हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने’ का आरोप लगाने के बाद गुजरात के दो स्कूलों ने अपने परिसरों में ईद-उल-अजहा (बकरीद) मनाने के लिए माफी मांगी ली है.
इस संबंध में आईं खबरों में कहा गया है कि एक मामले में स्थानीय अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है, जबकि दूसरे मामले में एक वीडियो में शैक्षणिक नाटक में के लिए छात्रों को टोपी (Skullcaps) पहने हुए दिखाए जाने के बाद स्कूल के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है.
उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिले के एक प्री-स्कूल ने अभिभावकों और वीएचपी कार्यकर्ताओं के भारी विरोध के बाद लिखित रूप में माफी मांगी है.
स्थानीय पुलिस ने बताया कि प्रबंधन और अभिभावकों के बीच मामला सुलझ गया है, हालांकि, स्कूल के निदेशक ने स्वीकार किया कि घटना ने अनजाने में ‘हिंदू समुदाय की भावनाओं को आहत किया’ और मुस्लिम त्योहार मनाने के लिए माफी मांगी.
प्री-स्कूल ‘किड्स किंगडम: अ ग्रेट प्लेस टू ग्रो’ की निदेशक राशि गौतम ने कहा है, ‘हमने स्कूल में बकरीद समारोह का आयोजन किया था, जिससे हिंदू समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची है. हमारा इरादा किसी भी धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. हम भी हिंदू हैं और प्रत्येक हिंदू देवी-देवता में विश्वास करते हैं. एक हिंदू के तौर पर इसे हमारी पहली और आखिरी गलती समझें और हमें माफ कर दें.’
उन्होंने आगे कहा, ‘हम सभी हिंदू संगठनों, हिंदू समाज और उन सभी लोगों से माफी मांगते हैं, जो हिंदू धर्म की भलाई के लिए काम कर रहे हैं.’
साथ ही स्कूल की संपत्ति के मालिक ने उनसे शपथ-पत्र देने को कहा है कि वे भविष्य में इस तरह के आयोजन नहीं करेंगे, अन्यथा उन्हें संपत्ति खाली करनी होगी.
डेक्कन हेराल्ड ने बताया कि वीएचपी कार्यकर्ताओं ने परिसर में सरस्वती पूजा की और राम भजन गाए. उन्होंने निदेशक से कहा कि स्कूल एक ‘दरगाह’ जैसा दिखता है और प्रवेश द्वार के पास भगवा झंडे लगाए गए हैं.
दूसरी घटना में कच्छ जिले के भुज में जिला शिक्षा अधिकारी ने मुंद्रा में पर्ल स्कूल की जांच शुरू की है, जहां छात्रों ने बकरीद के अवसर पर हुए एक नाटक के लिए कथित तौर पर नमाज अदा की थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बकरीद पर नाटक का मंचन करते समय (मुस्लिमों द्वारा पहनी जाने वाली) टोपी पहने छात्रों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद भगवा संगठनों, अभिभावकों और स्थानीय नेताओं ने इस कदम का विरोध किया.
इस घटना के बाद निजी स्कूल के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया.
रिपोर्ट के अनुसार, छात्रों में से कुछ को टोपी पहने देखा जा सकता था, जबकि अन्य ने अपने सिर रूमाल से ढके हुए थे. वीडियो में उन्हें प्रार्थना करते और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करते हुए दिखाया गया, जबकि उनमें से एक ने त्योहार के बारे में बात की थी.
यह पूछे जाने पर कि क्या स्कूल ने इस संबंध में किसी विशिष्ट नियम का उल्लंघन किया है, जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने बताया, ‘स्कूल में मुस्लिम और हिंदू छात्र हैं, लेकिन अगर स्कूल हिंदू छात्रों को मुसलमानों द्वारा पहनी जाने वाली टोपी पहनने के लिए कहता है, तो यह हीन कृत्य है.’
हालांकि, अधिकारी ने कहा कि उनके कार्यालय को इस संबंध में शुक्रवार 30 जून शाम तक स्कूल के छात्रों या उनके अभिभावकों से कोई शिकायत नहीं मिली है.
बकरीद मुस्लिम समुदाय द्वारा मनाए जाने वाले सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. यह 29 जून को मनाया गया.
इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें