आईसीसी ने पुरुष और महिला क्रिकेट टीमों के लिए समान पुरस्कार राशि की घोषणा की

इंटरनेशनल क्रि​केट काउंसिल (आईसीसी) के चेयरमेन ग्रेग बार्कले ने कहा कि यह हमारे खेल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है. आईसीसी के वैश्विक आयोजनों में प्रतिस्पर्धा करने वाले पुरुष और महिला क्रिकेटरों को अब समान रूप से पुरस्कृत किया जाएगा. 

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर/@BhagwantMann)

इंटरनेशनल क्रि​केट काउंसिल (आईसीसी) के चेयरमेन ग्रेग बार्कले ने कहा कि यह हमारे खेल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है. आईसीसी के वैश्विक आयोजनों में प्रतिस्पर्धा करने वाले पुरुष और महिला क्रिकेटरों को अब समान रूप से पुरस्कृत किया जाएगा.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर/@BhagwantMann)

नई दिल्ली: इंटरनेशनल क्रि​केट काउंसिल (आईसीसी) ने गुरुवार (13 जुलाई) को कहा कि पुरुष और महिला टीमों को अब आईसीसी आयोजनों में समान पुरस्कार मिलेंगे. यह निर्णय दक्षिण अफ्रीका के डरबन में आयोजित आईसीसी वार्षिक सम्मेलन के दौरान लिया गया है. यह 2030 तक वेतन समानता हासिल करने की आईसीसी की योजना का हिस्सा है.

आईसीसी की वेबसाइट पर कहा गया है, ‘टीमों को अब तुलनात्मक रूप से समान स्पर्धाओं में समान स्थान पर रहने के लिए समान पुरस्कार राशि के साथ-साथ उन स्पर्धाओं में मैच जीतने पर भी समान राशि मिलेगी.’

आईसीसी के चेयरमेन ग्रेग बार्कले ने कहा, ‘यह हमारे खेल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है और मुझे खुशी है कि आईसीसी के वैश्विक आयोजनों में प्रतिस्पर्धा करने वाले पुरुष और महिला क्रिकेटरों को अब समान रूप से पुरस्कृत किया जाएगा.’

उन्होंने कहा, ‘2017 के बाद से हमने समान पुरस्कार राशि तक पहुंचने पर स्पष्ट ध्यान देने के साथ हर साल महिलाओं की प्रतियोगिताओं में पुरस्कार राशि बढ़ाई है और अब से आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप जीतने पर आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप जीतने के समान ही पुरस्कार राशि मिलेगी और टी-20 विश्व कप तथा अंडर-19 के लिए भी यही बात लागू होगी.’

उन्होंने कहा, ‘क्रिकेट वास्तव में सभी के लिए एक खेल है और आईसीसी बोर्ड का यह निर्णय इसे पुष्ट करता है और हमें खेल में प्रत्येक खिलाड़ी के योगदान को समान रूप से मानने और महत्व देने में सक्षम बनाता है.’

आईसीसी महिला टी-20 विश्व कप 2020 और 2023 में विजेता और उपविजेता को क्रमश: 10 लाख डॉलर और 5,00,000 डॉलर मिले थे, जो 2018 में दी गई राशि का पांच गुना था.

बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देश के सबसे लोकप्रिय खेल में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्रीय अनुबंधित महिला और पुरुष क्रिकेटरों को समान मैच फीस देने का फैसला किया था.

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