महिलाओं से हिंसा पर मणिपुरी अधिकारियों को पत्र लिखे थे, किसी ने ध्यान नहीं दिया: एनसीडब्ल्यू

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है कि उन्होंने महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के संबंध में मणिपुर के मुख्य सचिव और डीजीपी को तीन पत्र लिखे थे, जिस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. इससे पहले एक रिपोर्ट में पता चला था कि राज्य की दो कुकी महिला के क्रूर और अमानवीय उत्पीड़न के संबंध में बीते 12 जून को एनसीडब्ल्यू से शिकायत की गई थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला था.

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राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा. (फोटो साभार: फेसबुक)

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है कि उन्होंने महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के संबंध में मणिपुर के मुख्य सचिव और डीजीपी को तीन पत्र लिखे थे, जिस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. इससे पहले एक रिपोर्ट में पता चला था कि राज्य की दो कुकी महिला के क्रूर और अमानवीय उत्पीड़न के संबंध में बीते 12 जून को एनसीडब्ल्यू से शिकायत की गई थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला था.

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें उन पत्रों का कोई जवाब नहीं मिला, जो उन्होंने मणिपुर में अधिकारियों को महिलाओं के खिलाफ हिंसा के संबंध में चिंता व्यक्त करने और शिकायतों के संबंध में तीन मौकों पर लिखे थे.

हालांकि इससे पहले एक और रिपोर्ट आई है, जिसमें कहा गया है कि राज्य में बीते 4 मई को कुकी समुदाय की दो महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न घुमाने के मामले की शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) से की गई थी, लेकिन उसकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि उन्होंने बीते 23 मई को मणिपुर में एक समूह द्वारा प्राप्त शिकायतों को राज्य के मुख्य सचिव विनीत जोशी और डीजीपी राजीव सिंह को भेज दिया था.

29 मई को उन्होंने जोशी को पत्र लिखकर कहा था कि एनसीडब्ल्यू ने 3 मई को मणिपुर में भड़की हिंसा का ‘संज्ञान लिया है’.

उनकी ओर से मणिपुर सरकार के अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा गया है, ‘सेनेटरी नैपकिन के वितरण और अस्थायी आश्रयों में स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान सहित भोजन, सुरक्षा, आश्रय और स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करके सभी महिलाओं और लड़कियों की गरिमा और मौलिक अधिकारों का सम्मान करना बेहद प्रासंगिक है.’

आगे कहा गया, ‘इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न की घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया के लिए एक तंत्र की आवश्यकता है. मामले की तात्कालिकता और महत्व को ध्यान में रखते हुए मैं राज्य सरकार से मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और प्रभावित महिलाओं को समर्थन देने और इस संबंध में उचित कार्रवाई करने का अनुरोध करती हूं.’

19 जून को उन्होंने मणिपुर के मुख्य सचिव जोशी को एक और पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि एनसीडब्ल्यू को ‘मणिपुर में समुदायों के बीच हाल ही में हुई दुर्भाग्यपूर्ण झड़पों के संबंध में’ एक अभ्यावेदन मिला था. एनसीडब्ल्यू के अनुसार, यह प्रतिनिधिमंडल ‘मणिपुर के बाहर के व्यक्तियों से था, जिनमें से एक भारत के बाहर से था’.

मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है, ‘मैं राज्य सरकार से प्रभावित महिलाओं को तत्काल सहायता देने और इस संबंध में उचित कार्रवाई करने का अनुरोध करने वाला अभ्यावेदन भेज रही हूं.’

हालांकि, एनसीडब्ल्यू की प्रमुख ने द इंडियन एक्सप्रेस के सवालों का जवाब नहीं दिया कि क्या प्रतिनिधिमंडल ने भीड़ द्वारा महिलाओं को नग्न घुमाने और यौन उत्पीड़न की घटना के संबंध में शिकायत की थी, जो पुलिस के अनुसार 4 मई को घटित हुई थी. कुकी समुदाय की दो महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न घुमाने और उनमें से एक साथ सामूहिक बलात्कार

बुधवार (19 जुलाई) को एक वीडियो व्यापक रूप से प्रसारित होने के बाद यह घटना सामने आई थी, जिसमें देशभर में आक्रोश फैल गया था.

घटना पर व्यापक आक्रोश के बाद बीते गुरुवार 20 जुलाई को एनसीडब्ल्यू की प्रमुख रेखा शर्मा ने मुख्य सचिव और डीजीपी दोनों को पत्र लिखकर इस खौफनाक घटना के संबंध में चार दिनों में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी थी.

रेखा शर्मा के पत्रों के संबंध में मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी से पूछे गए सवालों पर इंडियन एक्सप्रेस को कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

मालूम हो कि समाचार वेबसाइट न्यूज़लॉन्डी अपनी एक रिपोर्ट में बताया है​ कि एनसीडब्ल्यू को महिला उत्पीड़न की इस क्रूर और अमानवीय घटना को लेकर बीते 12 जून को एक शिकायत भेजी गई थी, लेकिन शिकायतकर्ताओं को संस्था की ओर से कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी.

शिकायत दो मणिपुरी महिलाओं और राज्य के एक आदिवासी संघ द्वारा दर्ज कराई गई थी, जिसका मुख्यालय विदेश में है. शिकायतकर्ताओं ने इस खौफनाक घटना का सामना करनी वाली महिलाओं से बात की और फिर एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा को ईमेल किया था.

शिकायत में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 4 मई को थौबल जिले के एक गांव की दो कुकी महिलाओं को ‘निर्वस्त्र कर घुमाया गया, पीटा गया और फिर दंगाई मेईतेई भीड़ ने सार्वजनिक रूप से बलात्कार किया था’.

पत्र में एनसीडब्ल्यू से ‘बलात्कार, अपहरण, सार्वजनिक हत्या, आत्मदाह और हत्या सहित यौन हिंसा के क्रूर और अमानवीय कृत्यों के माध्यम से कुकी-ज़ोमी स्वदेशी आदिवासी महिलाओं के उत्पीड़न का तत्काल संज्ञान लेने’ की अपील की गई थी.