हिंसा प्रभावित मणिपुर में एक महिला के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद बीएसएफ के जवान को निलंबित कर दिया गया है. आरोपी की पहचान 100वीं बटालियन के हेड कॉन्स्टेबल सतीश प्रसाद के रूप में हुई है.
नई दिल्ली: हिंसा प्रभावित मणिपुर में एक महिला के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और उसे निलंबित कर दिया गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले से अवगत अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि आरोपी की पहचान 100 नंबर बटालियन के हेड कॉन्स्टेबल सतीश प्रसाद के रूप में हुई है. प्रसाद हिंसा से जूझ रहे इस पूर्वोत्तर राज्य में कानून और व्यवस्था पर नजर रखने के लिए तैनात बल की टुकड़ी का हिस्सा थे.
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में वर्दी पहने और राइफल लिए एक बीएसएफ जवान इंफाल में एक डिपार्टमेंटल स्टोर के अंदर एक महिला का पीछा करते और उनसे छेड़छाड़ करते हुए दिखाई दे रहा है.
अखबार और द वायर स्वतंत्र रूप से वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करते हैं.
Another Manipur shocker: India's Armed forces BSF man sexually assaults woman in grocery store, caught on CCTV, goes viral. Accused Head Constable Satish Prasad identified and suspended. #ManipurAssault #BSFJawanSuspendedManipuriAssault #shameful #India pic.twitter.com/LG6cYPaCxA
— Satluj (@SatlujTV) July 25, 2023
अधिकारियों ने बताया कि कथित उत्पीड़न 20 जुलाई को एक पेट्रोल पंप पर बने स्टोर के अंदर हुआ और सीसीटीवी में कैद हो गया.
पहचान उजागर न करने की शर्त पर बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा कि जैसे ही अर्धसैनिक बल को शिकायत मिली और आरोप की जांच की गई, जवान को निलंबित कर दिया गया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारी ने कहा, ‘हेड कॉन्स्टेबल के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की कार्यवाही शुरू की गई है, जो बल की 100वीं बटालियन से संबंधित है, जिसे पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा के मद्देनजर सुरक्षा कर्तव्यों के लिए राज्य में भेजा गया था.’
अधिकारी ने कहा कि बीएसएफ ऐसे कृत्यों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और इस घटना की निष्पक्ष जांच की जाएगी.
यह घटना तब हुई है जब जातीय संघर्ष प्रभावित राज्य में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न के कई मामले सामने आ रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में कुकी समुदाय की दो महिलाओं को मेईतेई समुदाय के लोगों के एक समूह द्वारा निर्वस्त्र करके घुमाने का एक वीडियो वायरल होने के बाद देश में आक्रोश पैदा हुआ था. यह घटना चार मई को हुई थी, जिसका वीडियो 19 जुलाई को वायरल हुआ. इन महिलाओं में से एक के साथ सामूहिक बलात्कार भी किया गया था और इसका विरोध करने पर उनके पिता और भाई की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी.
इसी तरह, 4 मई को ही इंफाल में कार धोने का काम करने वाली कांगपोकपी की दो महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार और बुरी तरह से मारपीट की गई, जिससे उनकी मौत हो गई. बीते 6 मई को एक महिला को जिंदा जलाकर मार डाला गया था.
इसके बाद बीते 15 मई को मणिपुर के इंफाल पूर्व में अपहरण, मारपीट और सामूहिक बलात्कार की शिकार एक 18 वर्षीय युवती ने 21 जुलाई को पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद जीरो एफआईआर दर्ज की गई.
मालूम हो कि बीते 3 मई से कुकी और मेईतेई समुदायों के बीच भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग घायल हुए हैं. लगभग 50,000 लोग विस्थापित हुए हैं.
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेईतेई समुदाय की मांग के विरोध में बीते 3 मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं, हिंसा में बदल गई और अब भी जारी हैं.
मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेईतेई समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं.
लगभग 3 महीने से जारी हिंसा के दौरान महिलाओं के साथ क्रूर और भयावह तरीके से सामूहिक बलात्कार किया गया. इसके बाद कई महिलाओं की हत्या कर दी गई.