मणिपुर: भीड़ द्वारा महिलाओं को नग्न घुमाने की घटना की सीबीआई करेगी जांच

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करेगी कि मुक़दमे की सुनवाई को राज्य से बाहर असम में स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाए. बीते 4 मई को आदिवासी कुकी समुदाय की दो महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न घुमाने के साथ उनमें से एक के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. इसका वीडियो बीते 19 जुलाई को सामने आया था.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करेगी कि मुक़दमे की सुनवाई को राज्य से बाहर असम में स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाए. बीते 4 मई को आदिवासी कुकी समुदाय की दो महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न घुमाने के साथ उनमें से एक के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. इसका वीडियो बीते 19 जुलाई को सामने आया था.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा के दौरान आदिवासी कुकी समुदाय की दो महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न घुमाने और उनमें से एक के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले की जांच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीबीआई से करने को कहा है. यह जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दी है.

शाह ने बीते गुरुवार (27 जुलाई) को यह भी कहा कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करेगी कि मुकदमे की सुनवाई को राज्य से बाहर असम में स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाए.

मणिपुर के थौबल जिले में बीते 4 मई को दोनों कुकी महिलाओं के साथ यह क्रूर और अमानवीय घटना घटी थी, जिसका वीडियो बीते 19 जुलाई को सामने आया था.

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अमित शाह ने दिल्ली स्थित अपने अटल अक्षय ऊर्जा भवन कार्यालय में संपादकों के साथ बातचीत में कहा कि कथित तौर पर वीडियो रिकॉर्ड करने वाले व्यक्ति को पकड़ लिया गया है और इसे रिकॉर्ड करने के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है.

शाह ने कहा कि फोन की बरामदगी और उसके फॉरेंसिक जांच से मामले को उजागर करने में मदद मिलेगी.

गृह मंत्री की टिप्पणी तब आई है, जब सरकार मणिपुर की स्थिति पर संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है और विपक्ष मांग कर रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में बयान दें.

साथ ही मणिपुर में भाजपा नेतृत्व वाली एन. बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ पक्षपात और अयोग्य होने के आरोप लगाए गए हैं. कुकी समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया है कि राज्य मशीनरी के समर्थन से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.

मणिपुर में पिछले लगभग तीन महीनों से हिंसा जारी है, जिसमें करीब 150 लोगों की मौत हो गई है और करीब 4,500 घर जला दिए गए हैं. राज्य भर में 361 राहत शिविरों में करीब 57,000 लोग – मेईतेई और कुकी दोनों – रह रहे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी बातचीत में शाह ने कहा कि दोनों पक्षों से बातचीत की कोशिशें जारी हैं. उन्होंने कहा, अब तक कुकी और मेईतेई समूहों के साथ क्रमश: छह दौर की बातचीत हो चुकी है और आगे के रोडमैप पर चर्चा करने के लिए दोनों समुदायों को एक साथ लाने के प्रयास ‘उन्नत चरण’ में है.

मालूम हो कि राज्य में हिंसा के 79 दिनों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर पर अपनी चुप्पी तोड़ी थी, जब भीड़ द्वारा दो कुकी महिलाओं को नग्न घुमाने का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था.

इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले पुलिस ने घटना से संबंधित वायरल वीडियो से उन 14 लोगों की पहचान की थी, जो बीते 4 मई को दोनों कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना में शामिल थे.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, वीडियो में दिख रही महिलाओं में से एक पूर्व सैनिक की पत्नी हैं, जो असम रेजिमेंट में सूबेदार के रूप में कार्यरत थे और कारगिल युद्ध भी लड़े थे.

घटना के संबंध में लगभग एक महीने पहले बीते 21 जून कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई थी.

मालूम हो कि बीते 3 मई से कुकी और मेईतेई समुदायों के बीच भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग घायल हुए हैं. लगभग 50,000 लोग विस्थापित हुए हैं.

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेईतेई समुदाय की मांग के विरोध में बीते 3 मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं, हिंसा में बदल गई और अब भी जारी हैं.

मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेईतेई समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं.