पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने नूंह हिंसा के बाद हिंसा प्रभावित क्षेत्र में चल रही ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर स्वतः संज्ञान लेते हुए रोक लगा दी है. कोर्ट ने यह भी कहा कि क़ानून व्यवस्था की समस्या का इस्तेमाल बिना ज़रूरी क़ानूनी प्रक्रिया का पालन किए समुदाय विशेष से जुड़ी इमारतें गिराने के लिए किया जा रहा है.
नई दिल्ली: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते नूंह इलाके में सांप्रदायिक झड़पें होने के बाद हुई ध्वस्तीकरण अभियान को रोकने का आदेश दिया है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने क्षेत्र में हिंसक झड़पों के बाद हुई ध्वस्तीकरण कार्रवाई को लेकर स्वतः संज्ञान लिया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उल्लेखनीय तौर पर सरकार से सवाल किया कि क्या यह अभियान उसके द्वारा राज्य में ‘एथनिक क्लींज़िंग’ का अभ्यास था. एथनिक क्लींज़िंग से आशय किसी विशिष्ट समुदाय या समूह को किसी क्षेत्र से हटाने से होता है.
P&H HC order on demolitions in #Nuh and #Gurugram.
"The issue also arises whether the buildings belonging to a particular community are being brought down under the guise of law and order problem and an exercise of ethnic cleansing is being conducted by the State" pic.twitter.com/HzCisci6zm
— Live Law (@LiveLawIndia) August 7, 2023
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया और जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन की पीठ ने कहा, ‘जाहिर तौर पर बिना किसी ध्वस्तीकरण आदेश और नोटिस के कानून व्यवस्था की समस्या का इस्तेमाल कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया का पालन किए बिना एक विशेष समुदाय से जुड़ी इमारतों को गिराने के लिए किया जा रहा है.’
बताया गया कि अदालत के आदेश के बाद नूंह के डिप्टी कमिश्नर धीरेंद्र खडगटा ने अधिकारियों को कार्रवाई रोकने को कहा. हरियाणा में हुई सांप्रदायिक हिंसा में छह लोगों की जान जाने, कई लोगों के घायल हुए थे. साथ ही नूंह और गुड़गांव में संपत्ति का भारी नुकसान हुआ था.
ख़बरों के अनुसार, पिछले चार दिनों में 750 से ज्यादा इमारतें ढहा दी गईं. जिन लोगों के घर तोड़े गए, उनमें से कई ने दावा किया कि उन्हें पूर्व सूचना नहीं दी गई थी कई नेताओं ने स्थानीय प्रशासन पर मुसलमानों को निशाना बनाने का आरोप लगाया गया था. हालांकि, प्रशासन ने कहा है कि वे ‘अवैध निर्माण’ और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं और किसी भी व्यक्ति को निशाना नहीं बनाया जा रहा है.
इससे पहले हरियाणा सरकार की इस कार्रवाई को लेकर व्यापक आलोचना हुई थी.
उल्लेखनीय है कि हरियाणा में 31 जुलाई को नूंह में हिंदू दक्षिणपंथी समूहों द्वारा निकाली गई ‘शोभा यात्रा’ के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है. हिंसा अन्य इलाकों में भी फैल गई और 1 अगस्त को हिंसा के दौरान गुड़गांव के बादशाहपुर में कम से कम 14 दुकानें जला दी गईं, जिनमें अधिकांश मुसलमानों की थीं.