केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों की कमी के बीच हीरालाल सामरिया सीआईसी नियुक्त

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को हीरालाल सामरिया को मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) के रूप में पदोन्नत किया. सूचना आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल 7 नवंबर को समाप्त हो रहा था. केंद्रीय सूचना आयोग में एक सीआईसी और 10 सूचना आयुक्त नियुक्त होने चाहिए. हालांकि वर्तमान में 8 सूचना आयुक्तों के पद ख़ाली हैं.

हीरालाल सामरिया. (इलस्ट्रेशन: द वायर)

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को हीरालाल सामरिया को मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) के रूप में पदोन्नत किया. सूचना आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल 7 नवंबर को समाप्त हो रहा था. केंद्रीय सूचना आयोग में एक सीआईसी और 10 सूचना आयुक्त नियुक्त होने चाहिए. हालांकि वर्तमान में 8 सूचना आयुक्तों के पद ख़ाली हैं.

हीरालाल सामरिया. (इलस्ट्रेशन: द वायर)

नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग को निष्क्रिय होने से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने हीरालाल सामरिया को मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) नियुक्त किया है. बीते 3 अक्टूबर को यशवर्धन कुमार सिन्हा के सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद खाली था.

सामरिया इस पद पर आसीन होने वाले दलित समुदाय के पहले व्यक्ति हैं.

सोमवार (6 नवंबर) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सामरिया को, जो 7 नवंबर 2020 से सूचना आयुक्त हैं, मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में पदोन्नत किया. सूचना आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल मंगलवार (7 नवंबर) को समाप्त होने वाला था.

हालांकि, श्रम और रोजगार मंत्रालय के पूर्व सचिव रहे सामरिया अब 65 वर्ष के होने से एक दिन पहले तक 13 सितंबर 2025 तक सीआईसी के रूप में बने रहेंगे.

दो सूचना आयुक्तों – सरोज पुन्हानी और उदय माहुरकर – का कार्यकाल आज समाप्त हो जाएगा. इस तरह सोमवार तक केंद्रीय सूचना आयोग में एक सीआईसी और दो सूचना आयुक्त हैं, जबकि एक मुख्य सूचना आयुक्त के साथ 10 सूचना आयुक्त होने चाहिए.

कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के पूर्व सीएमडी आनंदी रामलिंगम और भारतीय वन सेवा के 1986 बैच के अधिकारी वीके तिवारी को भी सोमवार को राष्ट्रपति मुर्मू सूचना आयुक्त के रूप में शपथ दिलाएंगी. अगर ऐसा नहीं हुआ तो केंद्रीय सूचना आयोग में कोई सूचना आयुक्त नहीं रहेगा.

सामरिया की नियुक्ति ऐसे समय हुई है, जब बीते 30 अक्टूबर को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अफसोस जताया था कि सूचना आयोगों में लंबित रिक्तियां सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम को ‘एक मृत पत्र’ बना सकती हैं. शीर्ष अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों से सूचना आयुक्तों के पद भरने को कहा था.

केंद्र सरकार ने सामरिया को सीआईसी के पद पर पदोन्नत तो कर दिया है, लेकिन अभी आठ सूचना आयुक्तों की रिक्तियों को भरने के लिए कार्रवाई करना बाकी है.

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कार्मिक विभाग को राज्य सूचना आयोगों (एसआईसी) में सूचना आयुक्तों के स्वीकृत पदों, ऐसे कितने पद खाली हैं और कितने मामले लंबित हैं, के बारे में सभी राज्यों से जानकारी एकत्र करने का भी निर्देश दिया था.

याचिकाकर्ता अंजलि भारद्वाज की ओर से पेश वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने पीठ को अवगत कराया था कि सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले के बावजूद राज्यों द्वारा रिक्तियों को नहीं भरा गया है, जिससे लंबित मामलों का ढेर लग गया है.

आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश बत्रा ने बीते अगस्त माह में खुलासा किया था कि केंद्र सरकार ने 256 आवेदन प्राप्त होने के बावजूद आठ महीनों में केंद्रीय सूचना आयोग में कोई नियुक्ति नहीं की है.

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