जम्मू कश्मीर सरकार के चार कर्मचारी ‘राज्य की सुरक्षा के लिए ख़तरा’ होने के आरोप में बर्ख़ास्त

बर्ख़ास्त किए गए कर्मचारियों में एसएमएचएस अस्पताल श्रीनगर में सहायक प्रोफेसर (मेडिसिन) और डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर के अध्यक्ष डॉ. निसार-उल-हसन भी शामिल हैं. कथित तौर पर ‘राज्य की सुरक्षा के लिए ख़तरा’ होने के कारण अप्रैल 2021 से अब तक लगभग 55 कर्मचारियों को जम्मू कश्मीर सरकार बर्ख़ास्त कर चुकी है.

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा. (फोटो साभार: फेसबुक)

बर्ख़ास्त किए गए कर्मचारियों में एसएमएचएस अस्पताल श्रीनगर में सहायक प्रोफेसर (मेडिसिन) और डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर के अध्यक्ष डॉ. निसार-उल-हसन भी शामिल हैं. कथित तौर पर ‘राज्य की सुरक्षा के लिए ख़तरा’ होने के कारण अप्रैल 2021 से अब तक लगभग 55 कर्मचारियों को जम्मू कश्मीर सरकार बर्ख़ास्त कर चुकी है.

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर सरकार ने ‘राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा’ होने के आरोप में डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर के अध्यक्ष डॉ. निसार-उल-हसन सहित चार सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है.

कर्मचारियों को संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) के तहत बर्खास्त किया गया है, जो सरकार को कर्मचारियों को उनके आचरण की जांच का आदेश दिए बिना या उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करने का अवसर दिए बिना बर्खास्त करने की अनुमति देता है, अगर ‘राष्ट्रपति या राज्यपाल, जैसा भी मामला हो, इस बात से संतुष्ट हैं कि राज्य की सुरक्षा के हित में, ऐसी जांच कराना जरूरी नहीं है’.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीते बुधवार (22 नवंबर) को जारी सरकारी आदेश में कहा गया है कि बर्खास्त किए गए कर्मचारी कथित तौर पर ‘राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा’ थे और ‘राज्य की सुरक्षा के हित में मामले की जांच कराना जरूरी नहीं है’.

सरकार ने इसी तरह का आदेश जारी कर तीन और कर्मचारियों को बर्खास्त करने की घोषणा की है. इन कर्मचारियों में कुपवाड़ा के कुनान गांव के पुलिस कॉन्स्टेबल अब्दुल मजीद भट, कुपवाड़ा के एक शिक्षक फारूक अहमद मीर और उच्च शिक्षा में लैब परिचारक (Laboratory Bearer) और दक्षिण कश्मीर के कुलगाम निवासी अब्दुल सलाम राथर शामिल हैं.

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 21 नवंबर को जारी आदेश में कहा गया है, ‘उपराज्यपाल (एलजी) मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद और उपलब्ध जानकारी के आधार पर संतुष्ट हैं कि डॉ. निसार-उल-हसन, सहायक प्रोफेसर (मेडिसिन), एसएमएचएस अस्पताल श्रीनगर की गतिविधियां इस प्रकार हैं कि उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया जाए.’

आगे कहा गया है, ‘एलजी भारत के संविधान के अनुच्छेद 311 के खंड (2) के प्रावधानों के उपखंड (सी) के तहत संतुष्ट हैं कि राज्य की सुरक्षा के हित में डॉ. निसार-उल-हसन के मामले में जांच कराना जरूरी नहीं है.’

जम्मू कश्मीर सरकार ने कथित तौर पर ‘राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा’ होने के कारण अप्रैल 2021 से अब तक लगभग 55 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है.

उत्तरी कश्मीर के सोपोर के अचबल गांव के निवासी डॉ. निसार-उल-हसन डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर के अध्यक्ष के रूप में सरकार और उसकी नीतियों के नियमित आलोचक रहे हैं.

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