युद्धग्रस्त इज़रायल में नौकरी के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा से 5,600 से अधिक श्रमिकों का चयन

युद्धग्रस्त इज़रायल में कुशल श्रमिकों की भर्ती के लिए चलाए गए अभियान के तहत हरियाणा से 530 और उत्तर प्रदेश से 5,087 का चयन किया गया. इसके बाद मिज़ोरम, तेलंगाना, राजस्थान, बिहार और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम इंटरनेशनल से इज़रायल के लिए भर्ती अभियान चलाने का अनुरोध किया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Pixabay)

युद्धग्रस्त इज़रायल में कुशल श्रमिकों की भर्ती के लिए चलाए गए अभियान के तहत हरियाणा से 530 और उत्तर प्रदेश से 5,087 का चयन किया गया. इसके बाद मिज़ोरम, तेलंगाना, राजस्थान, बिहार और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम इंटरनेशनल से इज़रायल के लिए भर्ती अभियान चलाने का अनुरोध किया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: Fett/Flickr CC BY 2.0)

नई दिल्ली: विभिन्न राज्यों से निर्माण श्रमिकों को काम पर रखने की खातिर जारी भर्ती अभियान के लिए 15 सदस्यीय इजरायली टीम के भारत आने की सूचना है.

यह भर्ती अभियान 16 से 20 जनवरी तक हरियाणा में आयोजित किया गया था, जहां 1,370 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी, जिनमें से 530 का चयन किया गया. उत्तर प्रदेश में मंगलवार (31 जनवरी) को खत्म हुई प्रक्रिया में 7,182 में से कुल 5,087 श्रमिकों का चयन किया गया है. इस तरह इन दोनों राज्यों से 5,617 श्रमिकों का चयन इजरायल में काम करने के लिए हुआ है.

फि​लि​स्तीन के साथा युद्ध के कारण इजरायल को श्रमिकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अलावा मंगलवार को पांच और राज्य – मिजोरम, तेलंगाना, राजस्थान, बिहार और हिमाचल प्रदेश – राष्ट्रीय कौशल विकास निगम इंटरनेशनल (एनएसडीसीआई) से इजरायल के लिए भर्ती अभियान चलाने का अनुरोध किया है.

राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के सूत्रों ने बताया है कि अगर 5,000 उम्मीदवार इजरायल में पांच साल तक काम करते हैं, तो भारत को 5,000 करोड़ रुपये मिलेंगे.

केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘यह भारत को कुशल श्रमिकों का वैश्विक केंद्र बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण पर आधारित काम है. यह विकसित भारत के निर्माण की दिशा में समग्र दृष्टिकोण का हिस्सा है. सिर्फ इजरायल ही नहीं भारत कई अन्य देशों को कुशल संसाधन उपलब्ध कराने के लिए तैयार है.’

31 जनवरी, 2024 की समय सीमा निर्धारित होने के साथ शुरुआत में केवल दो राज्यों – उत्तर प्रदेश और हरियाणा – ने एनएसडीसी से संपर्क किया और 5,600 से अधिक उम्मीदवारों के चयन के साथ अभियान पूरा किया.

इजरायल-हमास संघर्ष के बाद बड़ी संख्या में फिलिस्तीनियों के वर्क परमिट रद्द कर दिए गए हैं और इजरायल का निर्माण उद्योग रिक्त पदों को भरने के लिए भारत और अन्य देशों से श्रमिकों की तलाश कर रहा है.

यह भर्ती बार बेंडर (लोहे या स्टील की छड़ों को काटने या मोड़ने का काम), राजमिस्त्री, टाइल लगाने वाले कारीगर, शटरिंग कारपेंटर की है, जिसमें चिकित्सा बीमा, भोजन और आवास के साथ 1.37 लाख रुपये का मासिक वेतन होगा. इन उम्मीदवारों को प्रति माह 16,515 रुपये का बोनस भी प्रदान किया जाता है.

एनएसडीसी के सीईओ और एनएसडीसीआई के प्रबंध निदेशक वेद मणि तिवारी ने कहा, ‘यह एक शक्तिशाली सहयोग की बानगी है, क्योंकि सरकारें कानूनी और नैतिक प्रवासन की सुविधा दे रही हैं. इस नैतिक कार्यक्रम को चलाने का श्रेय विदेश मंत्रालय, कौशल विकास और राज्यों को जाता है. भारत सरकार ने अन्य 13 देशों के साथ अनुबंध किया है और कई अन्य देश भी भर्ती के लिए आने वाले हैं.’

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