बृजभूषण के बेटे और सहयोगियों का फिर से कुश्ती में दख़ल, पहलवानों ने दी प्रदर्शन की धमकी

भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं. बृजभूषण के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले पहलवानों ने कहा है कि सरकार बृजभूषण और उनके परिवार को खेल से दूर रखने की अपनी प्रतिबद्धता पर शीघ्र फैसला ले, अन्यथा वे वापस प्रदर्शन करने को लिए मजबूर होंगे.

बृज भूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह (बाएं) यूपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष बनने के बाद. (फोटो साभार: एक्स/@sakshimalik)

भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं. बृजभूषण के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले पहलवानों ने कहा है कि सरकार बृजभूषण और उनके परिवार को खेल से दूर रखने की अपनी प्रतिबद्धता पर शीघ्र फैसला ले, अन्यथा वे वापस प्रदर्शन करने को लिए मजबूर होंगे.

बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह (बाएं) यूपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष बनने के बाद. (फोटो साभार: एक्स/@sakshimalik)

नई दिल्ली: भारत के शीर्ष पहलवान बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह के उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन के बाद अपना विरोध प्रदर्शन फिर से शुरू करने की धमकी दी है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों ओलंपिक पदक विजेता पहलवान इस बात से भी नाखुश हैं कि संजय सिंह (कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण के करीबी सहयोगी) यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) द्वारा मंगलवार (13 फरवरी) को महासंघ का निलंबन खत्म किए जाने के बाद डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के रूप में लौटेंगे और रोजमर्रा के कामकाज संभालेंगे.

राज्य स्तर पर और डब्ल्यूएफआई में निर्णय लेने की शक्तियां बृजभूषण के वफादारों के हाथों में आते देख साक्षी और बजरंग ने सोशल मीडिया पर फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू करने की धमकी दी. करण पहले यूपी कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष थे.

बजरंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, ‘सिर्फ 2-3 दिन पहले ही बृजभूषण के बेटे यूपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने हैं, जबकि उन्होंने कहा था कि उनके परिवार से कोई भी कुश्ती प्रशासन में नहीं आएगा. सरकार ने हमसे भी वादा किया था कि बृजभूषण या उनके रिश्तेदार या सहयोगी कुश्ती में नहीं आएंगे.’

टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग ने सरकार से जल्द से जल्द निर्णय लेने का अनुरोध किया, अन्यथा वे फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू करने के लिए मजबूर होंगे.

उन्होंने कहा, ‘जब सरकार ने महासंघ को भंग कर दिया था, तो संजय सिंह खुद को सरकार से ऊपर दिखाकर पुणे में नेशनल चैंपियनशिप करा रहे हैं, राज्यों में चुनाव करा रहे हैं, महासंघ के पैसों का दुरुपयोग कर रहे हैं, क्योंकि भंग होने के बाद कोई भी अधिकारी उस पैसे को हाथ नहीं लगा सकते. ये लोग खुद को सरकार से ऊपर समझ रहे हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘महासंघ पर ये लोग दबदबा इसलिए बनाना चाहते हैं, क्योंकि जो बहन-बेटियां डरी हुई हैं, अभी दबी हुई हैं, कहीं वो भविष्य में आगे न आ जाएं. इसलिए महासंघ पर कब्जा चाहते हैं.’

बजरंग पुनिया ने कहा, ‘मैं सरकार से निवेदन करूंगा कि आप जल्द से जल्द फैसला लें और हम खिलाड़ी भी जितने भी संगठन हमारे साथ जुड़े थे – चाहे वह किसान संगठन हों, खाप पंचायतें हों, मजदूर संगठन हों, महिला संगठन हों – हम उनसे बातचीत करके हम जल्द ही कोई फैसला लेंगे और मैं सरकार से निवेदन करूंगा कि हमें इतना मजबूर न किया जाए कि खिलाड़ियों को फिर से विरोध प्रदर्शन करना पड़े.’

बुधवार को साक्षी ने भी कहा कि अगर बृजभूषण के करीबी लोगों को डब्ल्यूएफआई चलाने की इजाजत दी गई तो वह फिर से सड़कों पर उतरेंगी.

उन्होंने एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, ‘संजय सिंह ने यूडब्ल्यूडब्ल्यू से कुछ सेटिंग कर ली है और निलंबन हटवा लिया है. मैंने कुश्ती से संन्यास ले लिया है, लेकिन मैं बृजभूषण और उनके लोगों को महासंघ चलाने और महिला पहलवानों को परेशान नहीं करने दूंगी.’

उन्होंने आगे​ कहा, ‘अगले कुछ दिनों में हम विरोध प्रदर्शन में शामिल सभी लोगों से बात करेंगे और भविष्य में क्या कदम उठाना है, वह तय करेंगे. मैं सरकार से अनुरोध करती हूं कि बृजभूषण से जुड़े लोगों को डब्ल्यूएफआई से हटा दिया जाए और किसी ऐसे व्यक्ति को शीर्ष पर बैठाया जाए जो स्वच्छ और सक्षम हो.’

पहलवानों ने यूडब्ल्यूडब्ल्यू को लिखा खुला पत्र

इस बीच बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने गुरुवार (15 फरवरी) को यूडब्ल्यूडब्ल्यू के नाम डब्ल्यूएफआई के निलंबन को रद्द करने के उसके फैसले के संबंध में एक खुला पत्र लिखा.

जिसमें कुश्ती की शीर्ष वैश्विक संस्था के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा गया कि इस फैसले ने भारतीय पहलवानों को फिर से डब्ल्यूएफआई सदस्यों द्वारा डर और उत्पीड़न के माहौल में धकेल दिया है.

पत्र में यूडब्ल्यूडब्ल्यू के संज्ञान में लाया गया है कि डब्ल्यूएफआई को भारतीय खेल मंत्रालय द्वारा 27 दिसंबर 2023 को गंभीर विसंगतियों के चलते निलंबित कर दिया गया था और इसका कामकाज देखने के लिए एक एड-हॉक समिति का गठन किया गया था.

पहलवानों ने लिखा है, ‘इसे बाद भी निलंबित डब्ल्यूएफआई सदस्य खेल मंत्रालय की मान्यता के बिना खेल गतिविधियां कराने के फैसले लेते रहे. देश भर के पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के कामकाज में विश्वास खो दिया है. इसके कारण मंत्रालय ने 7 जनवरी 2024 को एक सर्कुलर जारी किया. इसके बाद भी निलंबित पदाधिकारी सार्वजनिक रूप से पहलवानों और एड हॉक समिति के खिलाफ बयान देते रहे. महासंघ अभी भी उन्हीं लोगों और उनके सहयोगियों द्वारा चलाया जा रहा है, जिन पर गंभीर आरोप हैं.’

यूडब्ल्यूडब्ल्यू के संदर्भ के लिए पहलवानों ने खुले पत्र के साथ सरकारी आदेशों की प्रति भी संलग्न की है और भारतीय पहलवानों का समर्थन करने का अनुरोध किया है, ताकि उन्हें न्याय मिल सके.

पत्र में अंत में लिखा है, ‘हमें आशा है कि आप भारत में साफ और स्वच्छ खेल गतिविधियों को समर्थन करने के हमारे अनुरोध पर विचार करेंगे और डब्ल्यूएफआई के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करेंगे.’

यूपी कुश्ती संघ के चुनाव

इस बीच, यूपी कुश्ती संघ में चुनाव पर्यवेक्षक डब्ल्यूएफआई के कोषाध्यक्ष सत्यपाल देशवाल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘चुनाव में एक रिटर्निंग ऑफिसर था. करण अध्यक्ष पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार थे. सभी 15 पदाधिकारी निर्विरोध निर्वाचित हुए. ऐसा कुछ भी नहीं है, जो करण को राज्य संघ के लिए चुनाव लड़ने से रोकता हो. क्योंकि वह यूपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वह डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के कामकाज में शामिल होंगे.’

देशवाल ने दावा किया कि बृजभूषण चुनाव स्थल – नवाबगंज में एक कॉलेज हॉल – में मौजूद नहीं थे.

उन्होंने कहा, ‘बृजभूषण ने कुश्ती से संन्यास ले लिया है. वह अब यूपी कुश्ती या डब्ल्यूएफआई से जुड़े नहीं हैं. डब्ल्यूएफआई चुनाव प्रक्रिया में कोई समस्या नहीं थी. इसलिए पहलवानों के पास फिर से विरोध करने का कोई कारण नहीं होना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘मैं विरोध करने वाले पहलवानों सहित सभी पहलवानों का ट्रायल में शामिल होने के लिए स्वागत करता हूं और वादा करता हूं कि कोई भेदभाव नहीं होगा. डब्ल्यूएफआई यह सुनिश्चित करेगा कि पहलवानों के पास भविष्य में शिकायत करने का कोई कारण न हो.’

बता दें कि ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक और विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट समेत कई शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं और मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में हो रही है.

21 दिसंबर 2023 को बृजभूषण के करीबी सहयोगी संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई प्रमुख चुने जाने के बाद साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की थी, जबकि बजरंग ने अपना पद्म श्री पुरस्कार लौटा दिया था और विनेश ने भी अपने खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार वापस लौटाने का फैसला किया था. उसके बाद सरकार ने बीते 24 दिसंबर को नवगठित डब्ल्यूएफआई समिति को निलंबित कर दिया था.

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