नई दिल्ली: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के 13 छात्रों को पिछले वर्ष विश्वविद्यालय में आईआईटी परिसर में एक छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के विरोध में प्रदर्शन के दौरान अनुशासनहीनता और शैक्षणिक माहौल को बाधित करने के आरोप में 15 से 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्वविद्यालय द्वारा निलंबित किए गए छात्रों में विभिन्न छात्र संगठनों के सदस्य शामिल हैं.
ज्ञात हो कि 1 नवंबर 2023 की घटना के बाद बीएचयू के सैकड़ों छात्र विरोध में परिसर में एकत्र हुए थे और प्रशासन से बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.
भगत सिंह स्टूडेंट फ्रंट के अनुपम कुमार ने कहा, ‘हमारे सदस्य विश्वविद्यालय के लंका गेट पर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तभी उन पर एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के सदस्यों ने हमला कर दिया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई.’
विश्वविद्यालय प्रशासन ने बाद में विरोध करने वाले छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया और घटना की जांच के लिए एक स्थायी समिति का गठन किया.
बुधवार को विश्वविद्यालय के सहायक प्रेस संपर्क अधिकारी चंद्रशेखर ने कहा, ‘स्थायी समिति के निष्कर्षों के आधार पर छात्रों को 15 से 30 दिनों की अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है. निलंबन अवधि के दौरान उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.’
विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबन के कारणों के रूप में ‘अनुशासनहीनता’ और ‘शैक्षणिक वातावरण में व्यवधान’ का हवाला दिया.
एक अन्य छात्र समूह के बीएचयू इकाई के अध्यक्ष राजीव नयन ने कहा कि उन्हें और उनके समूह के तीन अन्य छात्रों को निलंबित कर दिया गया है.
निलंबन से छात्र कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया है तथा कई लोगों ने प्रशासन पर अनुचित दंड देने तथा यौन हिंसा के पीड़ितों के प्रति समर्थन में कमी करने का आरोप लगाया है.
मालूम हो कि ये घटना 1 नवंबर 2023 की देर रात को आईआईटी-बीएचयू कैंपस के अंदर हुई थी, जब छात्रा ने आरोप लगाया था कि मोटरसाइकिल पर आए तीन अज्ञात लोगों ने उन्हें जबरन किस किया और कपड़े उतारने के बाद उनका वीडियो रिकॉर्ड किया था.
इस घटना के अगले दिन कैंपस में बेहतर सुरक्षा की मांग को लेकर आईआईटी-बीएचयू के सैकड़ों छात्रों ने संस्थान निदेशक के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया था. घटना के बाद सत्तारूढ़ भाजपा लगातार विपक्ष के निशाने पर थी. छात्रों, नागरिक समाज के लोगों और तमाम महिला संंगठनों ने इस घटना की निंदा करते हुए ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया था.
घटना के दो महीने बाद पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों – कुणाल पांडे, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल को गिरफ्तार किया गया था. ये सभी भाजपा से संबद्ध बताए गए थे.
हालांकि, बीते सितंबर महीने में तीन में से दो आरोपियों को अदालत द्वारा ज़मानत मिल गई. इसकी छात्रों और विपक्ष के द्वारा व्यापक आलोचना हुई थी.