इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, मेघालय, नगालैंड, मिज़ोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के प्रमुख समाचार.
दीफू/गुवाहाटी: असम के कार्बी आंगलांग ज़िले में अज्ञात लोगों ने दो व्यक्तियों की बच्चा चुराने के सन्देह में पीट पीटकर जान ले ली.
पुलिस ने बीते नौ जून को बताया कि गोवा में रहने वाले नीलोत्पल दास (29) और उनके मित्र अभिजीत नाथ (30) आठ जून की रात कार्बी आंगलांग के पिकनिक स्थल कांगथीलांगसो गए थे.
दोनों जब वापस आ रहे थे उसी समय पंजूरी में कुछ ग्रामीणों ने उन्हें रोका और कार से बाहर खींच कर निकाला. ग्रामीणों ने उनकी बच्चा चुराने वाला व्यक्ति होने के संदेह में बुरी तरह पिटाई की.
इस मामले में सिलसिले में 16 लोगों की गिरफ़्तारी के बाद 11 जून को पुलिस ने तीन और लोगों की गिरफ्तारी के साथ अब तक कुल 19 लोगों को हिरासत में लिया है.
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) मुकेश अग्रवाल मौके पर हालात की निगरानी कर रहे हैं. वहीं, सुरक्षा बल तलाश अभियान भी चला रहे हैं.
इस घटना के सिलसिले में 19 लोगों को हिरासत में लेने के अलावा राज्य के विभिन्न जिलों में सोशल मीडिया पर नफरत भरे पोस्ट डालने को लेकर 13 अन्य लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.
असम के पुलिस महानिदेशक कुलधर सैकिया ने संवाददाताओं से कहा कि जिन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है उनमें सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाला व्यक्ति भी शामिल है. उसने अफवाह फैलायी थी कि बच्चा चोर असम में घुस चुके हैं.
सैकिया ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश अग्रवाल जांच की निगरानी कर रहे हैं वहीं एडीजीपी हरमीत सिंह को सोशल मीडिया की अफवाहों पर कड़ी नज़र रखने की ज़िम्मेदारी दी गई है.
दरअसल इस घटना से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दोनों भीड़ से अपने बेगुनाह होने की गुहार लगा रहे हैं किन्तु क्रोधित भीड़ कुछ भी सुनने को राज़ी नहीं थी.
बाद में पुलिस मौके पर पहुंची तथा बुरी तरह से घायल दोनों व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाया लेकिन दोनों की रास्ते में ही मौत हो गई.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, नीलोत्पल दास संगीतकार और इवेंट मैनेजर थे. वहीं अभिजीत नाथ इंजीनियर ग्रेजुएट थे और वह गुवाहाटी में व्यापार भी करते थे. नाथ को मछलियों और जानवरों में विशेष रुचि थी.
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कार्बी आंगलांग ज़िले के एसपी जीवी शिवा ने बताया, ‘दास और नाथ उस क्षेत्र में मिलने वाली मछलियों की कुछ विशेष प्रजाति पकड़ने गए थे. डोकमोका थाने के तहत आने वाले पंजूरी कचारी गांव के लोगों ने उन्हें देखा था उन्हें शक हो गया था कि दोनों बच्चा चुराने वाले हैं. यह मिसटेकेन आइडेंटी का मामला.’
वायरल हुए वीडियो में खून से लथपथ दास चिल्लाते हुए भीड़ से कह रहे हैं, ‘मैं असमी हूं’ वह अपने पिता का नाम भी बता रहे हैं ताकि भीड़ को समझा सकें. वीडियो में भीड़ से एक आवाज़ आ रही है. उनसे पूछा जा रहा है कि वे रात के समय गांव में क्यों थे. इसके जवाब में दास कह रहे हैं वे दिन में ही गांव आए थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गोवा में संगीत में रुचि रखने वाले लोगों के बीच नीलोत्पल दास ‘नील’ के नाम से जाने जाते हैं. रिपोर्ट के अनुसार यह घटना ऐसे समय हुई जब सोशल मीडिया पर उस इलाके में बच्चा चोरों के बारे में अफवाह फैली हुई.
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने घटना का दुख जताते हुए पुलिस महानिदेशक कुलाधार सैकिया को उचित कार्रवाई को निर्देश दिया है.
बहरहाल पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने लोगों से अपील की कि सोशल मीडिया की अफवाहों पर ध्यान नहीं दें और अगर वे इस तरह का कोई पोस्ट देखते हैं तो तुरंत पुलिस को सूचित करें.
डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने कुछ टेलीफोन नंबर जारी किए हैं जिनके माध्यम से लोग उनसे संपर्क कर सकते हैं। वे नजदीकी थाने, पुलिस अधीक्षक या गुवाहाटी में पुलिस मुख्यालय को भी सूचित कर सकते हैं.
डीजीपी ने कहा कि साइबर क्षेत्र काफी बड़ा है जिसकी निगरानी के लिए ज़्यादा लोगों की आवश्यकता है और मुख्य सचिव टीवाई दास ने सोशल मीडिया की निगरानी के लिए और लोगों को इस कार्य में लगाने की मंजूरी दी है.
संवाददाता सम्मेलन में मुख्य सचिव भी मौजूद थे.
यह पूछने पर कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स के दूसरे मसौदा के 30 जून को प्रकाशित होने से पहले क्या बाहरी ताकतें अफवाह फैला रही हैं तो डीजीपी ने कहा कि इस समय कुछ भी कहना संभव नहीं है लेकिन जांच में हर बिंदु को शामिल किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि राज्य के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए विशेष गश्त की जा रही है और खासकर साप्ताहिक रविवार बाज़ार में गश्त बढ़ा दी गई है.
पुलिस की लापरवाही की संभावना पर जांच के आदेश
इस मामले में यह पता लगाने के लिए मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया गया है कि कहीं इसमें पुलिस की ओर से कोई लापरवाही तो नहीं बरती गई. जांच का आदेश इन ख़बरों के आने के बाद दिया गया कि एक ‘पुलिसकर्मी’ को घटना का वीडियो बनाते हुए देखा गया.
आदेश में कहा गया है कि कार्बी आंगलांग ज़िले के उपायुक्त ने अतिरिक्त उपायुक्त जुनुमोनी सोनोवाल को जांच का जिम्मा सौंपा है.
आदेश में कहा गया, ‘अपुष्ट खबरों में कहा गया है कि खाकी पहने एक व्यक्ति को, जिसके पुलिसकर्मी होने का संदेह है, घटना का वीडियो क्लिप बनाते देखा गया.’
वहीं गुवाहाटी से मिली एक खबर के अनुसार, गुवाहाटी कॉमर्स कालेज के पास बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्रित हो गए और उन्होंने व्यस्त आरजी बरुआ रोड को करीब तीन घंटे के लिए जाम कर दिया.
प्रदर्शनकारी कार्बी आंगलोंग ज़िले में गत शुक्रवार को दो युवकों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में त्वरित न्याय की मांग कर रहे थे. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर हल्का लाठीचार्ज किया.
पूर्वोत्तर के लोगों की शिकायतों पर गौर करने के लिए समिति
नई दिल्ली: केंद्र ने देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों के साथ कथित तौर पर होने वाले नस्ली भेदभाव से संबंधित शिकायतों की निगरानी करने और उसका निवारण करने के लिये तीन सदस्यीय एक समिति का गठन किया है.
गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार समिति में मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वोत्तर) सत्येंद्र गर्ग, नई दिल्ली स्थित नॉर्थ ईस्ट सपोर्ट सेंटर के सचिव अलाना गोलमेई और दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ फैकल्टी के सहायक प्रोफेसर मिजुम न्योडू को शामिल किया गया है.
एक आदेश में बताया गया कि समिति का गठन देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले पूर्वोत्तर के लोगों से होने वाले नस्ली भेदभाव से संबंधित मुद्दों शिकायतों की निगरानी और निपटारा करने के लिये किया गया है.
पूर्वोत्तर का रहने वाला कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह या समुदाय जो देश के किसी भी हिस्से में नस्ली उत्पीड़न, नस्ली अत्याचार, नस्ली हिंसा, नस्ली भेदभाव का पीड़ित होने या उसका सामना करने का दावा करता है, वह अपनी शिकायतों या सुझावों को ईमेल: [email protected] पर भेज सकता है.
समिति का गठन अरुणाचल प्रदेश के छात्र नीडो तानिया की दिल्ली में मौत समेत पूर्वोत्तर के लोगों पर हमले की कई घटनाओं के बाद रिट याचिका दायर किये जाने पर उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद किया गया है.
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि समिति को नस्ली भेदभाव, नस्ली अत्याचार और नस्ली हिंसा की घटनाओं की स्थिति में कड़ी कार्रवाई और इस तरह की घृणा और नस्ली अपराधों पर अंकुश लगाने के उपाय सुनिश्चित करने की शक्ति दी जाएगी.
न्यायालय ने सरकार से यह भी कहा था कि एम पी बेजबरूआ समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट में सुझाए गए कारगर निगरानी तंत्र को लागू किया जाना चाहिये और अनगिनत मामलों की तरह इसे भी धूल जमने के लिये नहीं छोड़ दिया जाना चाहिये.
बेजबरूआ समिति का गठन गृह मंत्रालय ने पांच फरवरी 2014 को पूर्वोत्तर के लोगों पर दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में होने वाले हमलों की स्थिति में उठाए जाने वाले उपयुक्त सुधारात्मक कदमों का सुझाव देने के लिए किया गया था.
मेघालय: हिंसा प्रभावित शिलॉन्ग में स्थिति में सुधार के बाद कर्फ्यू में दी गई ढील को बढ़ाया गया
शिलॉन्ग: शिलांग में पिछले 24 घंटे में हिंसा की किसी घटना की ख़बर नहीं मिलने के बाद प्रशासन ने कर्फ्यू में दी गई ढील और आगे बढ़ा दिया है.
मेघालय में स्थानीय खासी समुदाय के लोगों और सिख समुदाय के सदस्यों के बीच हुई झड़पों के हफ्ते भर बाद शिलॉन्ग में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. शहर में कहीं से भी हिंसा की कोई ताजा घटना दर्ज नहीं की गई है, जिस वजह से अधिकारियों ने दिन के कर्फ्यू में ढील दी है.
अधिकारियों ने बताया कि दिन के समय की कर्फ्यू में 11 घंटे की 10 जून को ढील दी गई जबकि नौ जून को यह ढील नौ घंटे की थी.
पूर्वी खासी हिल्स के उपायुक्त पीएस डकहर ने बताया कि प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू में सुबह सात बजे से लेकर शाम छह बजे तक छूट दी गई है.
उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाकों में रविवार की प्रार्थना के लिए लोगों को चर्च जाने देने के लिए यह फैसला किया गया.
डकहर ने बताया कि कर्फ्यू और कर्फ्यू में छूट के दौरान कोई हिंसक घटना नहीं होने को देखते हुए समीक्षा बैठक में यह फैसला किया गया.
राज्य की राजधानी में रात में कर्फ्यू में छूट दी गई.
उपायुक्त ने बताया कि शहर में सुरक्षा बल तैनात रहेंगे क्योंकि सरकार नियमित रूप से स्थिति की समीक्षा कर रही है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मौजूदा समय में यहां केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 15 कंपनी, राज्य दंगा पुलिस की छह कंपनी और राज्य पुलिस की दो बटालियन पूरे शहर में तैनात है.
मेघालय की राजधानी 29 मई से हिंसा की गिरफ्त थी. शहर के पंजाबी लेन इलाके, जिसे स्वीपर कॉलोनी भी कहा जाता है, में सिख बाशिंदों और सरकारी बसों के खासी समुदाय ड्राइवरों के बीच झड़प से समस्या शुरू हो गई थी. हिंसक झड़पों के बाद एक जून को वहां कर्फ्यू लगा दिया गया था.
हिंसा के बाद खासी समुदाय के लोग सिख समुदाय के लोगों को वहां से हटाने की मांग कर रहे थे.
भाजपा समर्थित मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस सरकार ने पंजाबी बहुल स्वीपर कॉलोनी को अन्यत्र स्थानांतरित करने के मुद्दे का स्थायी हल ढूंढने के लिए उप मुख्यमंत्री प्रीस्टोन टीनसोंग की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति बनाई है. उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि समिति स्थायी हल प्रदान करेगी.
पूर्व का स्कॉटलैंड कहे जाने वाले शिलांग में पर्यटकों का आगमन बढ़ रहा है. गोल्फ कोर्स, वार्ड्स लेक, संग्रहालय और कैथेड्रल जैसे मशहूर स्थलों पर अच्छी-खासी तादाद में सैलानी नज़र आए.
सड़कों पर टैक्सियां नज़र आ रहीं हैं. बड़ा बाज़ार एवं पुलिस बाज़ार इलाकों में दिन में दुकानदारों ने छिटपुट कारोबार भी किया.
कई होटलों ने बताया कि अशांति की वजह से कमरा बुकिंग में गिरावट आई थी, लेकिन पिछले दो दिनों में इसमें बढ़ोतरी हुई है.
शिलॉन्ग में पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगी है. पर्यटकों के आगमन से होटल वालों ने भी राहत की सांस ली है क्योंकि बड़ी संख्या में पर्यटकों ने पहले बुकिंग रद्द कर दी थी.
सूत्रों ने बताया कि असम टूरिस्ट टैक्सी एसोसिएशन ने पर्यटकों को गुवाहाटी से शिलॉन्ग तक लाना-ले जाना शुरू कर दिया है.
मेघालय के पुलिस महानिदेशक एसबी सिंह ने कहा कि कुछ और समय तक शहर में सुरक्षा बल बने रहेंगे.
पुलिस अधीक्षक (नगर) स्टीव रयांझ ने बताया कि पथराव की घटनाओं में संलिप्त करीब 40 दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया है. पांच दिन तक हुई इन घटनाओं में 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे.
घटना की मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट दो हफ्तों में सौंपी जाएगी.
मेघालय: गारो खासी हिल्स में इंटरनेट सेवाएं निलंबित
तुरा: मेघालय के गारो खासी हिल्स में जीएचएडीसी वन सलाहकार समिति के अध्यक्ष को हटाने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा विरोध-प्रदर्शन करने के बाद प्रशासन ने बीते आठ जून को क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी थी.
गारो पर्वतीय स्वायत्त जिला परिषद (जीएचएडीसी) की वन सलाहकार समिति के अध्यक्ष सोफिउर रहमान ने सोशल मीडिया पर कथित रूप से गारो-विरोधी पोस्ट लिखा था, जिसे लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश था.
भाजपा से जुड़े रहमान बालाचंदा ज़िला परिषद के एक निर्वाचित सदस्य हैं. रहमान ने इन पोस्ट से इनकार किया और कहा कि उनके सोशल मीडिया अकाउंट को हैक कर लिया गया है.
असम: नागरिकता विधेयक पर विशेष सत्र बुलाने की मांग की
गुवाहाटी: असम में विपक्षी कांग्रेस के विधायकों ने चार जून को राज्य विधानसभा के स्पीकर एचएन गोस्वामी से अनुरोध किया कि वह तत्काल सदन का विशेष सत्र बुलाएं ताकि नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 पर चर्चा हो सके.
नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया की अगुवाई में असम कांग्रेस विधायक दल के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने स्पीकर से मुलाकात की और ज़रूरत पड़ने पर एक प्रस्ताव स्वीकार करने की भी मांग की जिससे असम समझौता-1985 के प्रावधानों की रक्षा की जा सके.
सैकिया ने गोस्वामी से कहा कि वह विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग करते रहे हैं, लेकिन सत्र अब तक नहीं बुलाया गया है.
15 जुलाई 2016 को लोकसभा में पेश किए गए नागरिकता (संशोधन) विधेयक में उन गैर-मुस्लिमों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है जो अत्याचार के कारण अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भागकर भारत आए हैं.
असम के मूल निवासियों की ओर से इसे 1971 के बाद बांग्लादेश से पलायन कर भारत आए हिंदुओं को वैधता प्रदान करने के कदम के तौर पर देखा जा रहा है.
सैकिया ने स्पीकर को ‘फोरम अगेंस्ट सिटिजनशिप एक्ट अमेंडमेंट बिल’ और ‘लेफ्ट डेमोक्रेटिक मंच, असम’ की ओर से उन्हें संयुक्त रूप से सौंपे गए एक ज्ञापन की प्रति भी दी जिसमें नेता प्रतिपक्ष से अनुरोध किया गया है कि वे इस अहम मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए सदन के विशेष सत्र का आयोजन सुनिश्चित करें.
नगालैंड: नगा लोगों के ख़िलाफ़ होने पर नागरिकता विधेयक का होगा विरोध करेंगे
कोहिमा: नगालैंड के मुखयमंत्री नेफियू रियो का कहना है कि राज्य मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि वह नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 के नगा लोगों के हितों के खिलाफ होने पर इसका विरोध करेगी.
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में पांच जून इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा की गई.
रियो ने कहा, ‘पांच जून को मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान फैसला किया गया कि अगर प्रस्तावित संशोधित विधेयक नगा लोगों के हितों के खिलाफ हुआ तो, राज्य सरकार इसका विरोध करेगी और मामले को केंद्र के समक्ष उठाएगी.’
मिज़ोरम: राम माधव ने कहा, इस साल कांग्रेस की पकड़ से मुक्त किया जाएगा राज्य
आइज़ोल: भाजपा महासचिव राम माधव ने बीते छह जून को कहा कि मिज़ोरम में इस साल के अंत में जब चुनाव होगा तो राज्य कांग्रेस की गिरफ्त से मुक्त हो जाएगा.
माधव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भगवा पार्टी आगामी चुनाव के लिए अपने कार्यकर्ताओं को तैयार कर रही है और मॉनसून खत्म होने के बाद अगस्त से जबर्दस्त चुनाव प्रचार अभियान शुरू किया जाएगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा क्षेत्रीय दलों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करेगी तो उन्होंने कहा कि भाजपा का पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (एनईडीए) है. इसमें मिज़ो नेशनल फ्रंट भी घटक दल है.
एनईडीए पूर्वोत्तर के क्षेत्रीय दलों का गठबंधन है.
उन्होंने कहा, ‘यद्यपि एनईडीए ‘विकास गठबंधन’ अधिक है, लेकिन यह चुनावी गठबंधन भी हो सकता है, जो समय बताएगा.’
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और मितेई नेशनलिस्ट पार्टी (एमएनपी) प्रमुख जोरामथांगा ने इससे पहले कहा था कि उनकी पार्टी चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं करेगी और 40 सदस्यीय विधानसभा के लिये अकेले चुनाव लड़ेगी.
असम: बच्ची के साथ हुई क्रूरता का स्वत: संज्ञान लिया
गुवाहाटी: असम राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एएससीपीसीआर) ने उत्तर लखीमपुर ज़िले में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान एक राजनीतिक दल के सदस्यों द्वारा एक बच्ची के साथ की गई क्रूरता का स्वत: संज्ञान किया.
एएससीपीसीआर द्वारा सात जून को जारी की गई एक विज्ञप्ति के अनुसार आयोग ने मीडिया की उन ख़बरों का संज्ञान किया जिनके अनुसार, सात से नौ साल के बीच की एक बच्ची का छह जून को एक विरोध प्रदर्शन में औजार के रूप में इस्तेमाल करते हुए उसे भरी दोपहर में सुपारी के पेड़ के सूखे पत्तों के ढेर पर बैठाया गया और घसीटा गया.
ख़बरों के अनुसार, विपक्षी कांग्रेस ने ईंधन की कीमतों में वृद्धि और केंद्र एवं राज्य की भाजपा सरकारों की दूसरी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन का आयोजन किया था.
आयोग ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 का स्वत: संज्ञान किया और पुलिस प्रशासन को गुनाहगारों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
विज्ञप्ति के अनुसार आयोग ने किशोर न्याय (बाल देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत इस कृत्य को एक दंडनीय अपराध माना.
आयोग की प्रमुख सुनीता चंगककाती ने जिला पुलिस अधीक्षक से भी बात की और उन्हें जल्द से जल्द उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया.
घटना को लेकर सोशल एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर व्यापक विरोध हुआ था.
त्रिपुरा: राष्ट्रपति ने कहा, केंद्र ऐक्ट ईस्ट नीति के प्रति गंभीर
उदयपुर: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बीते सात जून को कहा कि केंद्र अपनी ऐक्ट ईस्ट की नीति को लागू करने के बारे में गंभीर है.
कोविंद ने यह बात गोमती ज़िले में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर और दक्षिण त्रिपुरा ज़िले को जोड़ने वाले पुनर्निर्मित राष्ट्रीय राजमार्ग को लोगों को समर्पित करने के दौरान कही. 73.71 किलोमीटर लंबे राजमार्ग को हाल में दो तरफा यातायात के लिए चौड़ा किया गया था. यह अब तक सिंगल लेन था.
कोविंद राज्य की दो दिवसीय यात्रा पर सात जून की सुबह यहां पहुंचे. उन्होंने कहा कि यह सड़क दक्षिण त्रिपुरा ज़िले और बांग्लादेश में चटगांव बंदरगाह के बीच संपर्क में सुधार करेगी.
उन्होंने यहां अपने भाषण में कहा, ‘यह सड़क (भारत-बांग्लादेश सीमा पर) सबरूम में फेनी नदी पर निर्माणाधीन पुल की ओर ले जाएगी. एक बार पुल जब चालू हो जाएगा तो त्रिपुरा चटगांव से जुड़ जाएगा.’
उन्होंने कहा कि केंद्र इस राज्य के साथ-साथ समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र को विकसित बनाने का प्रयास कर रहा है.
कोविंद ने कहा, ‘राजग सरकार पूर्वोत्तर में विकास परियोजनाएं शुरू करने को उत्सुक है. अकेले त्रिपुरा में 6000 करोड़ रुपये की लागत से 500 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जा रहा है.’
उन्होंने कहा कि सड़क परियोजनाएं लोगों को करीब लाएंगी. उन्होंने याद किया कि अगरतला और कोलकाता के बीच दूरी बांग्लादेश के रास्ते तकरीबन 500 किलोमीटर थी जो 1947 में विभाजन के बाद 1700 किलोमीटर हो गई.
राष्ट्रपति ने राज्य में त्रिपुरा सरकार की लोक कल्याणकारी पहल की भी सराहना की. उन्होंने कहा, ‘पिछड़ा समुदाय के विकास के बिना देश प्रगति नहीं कर सकता.’ कोविंद ने कहा कि त्रिपुरा में आदिवासी समुदाय ने कई एथलीट दिए हैं जिन्होंने अपनी उपलब्धियों से भारत को गौरवांवित किया है.
उन्होंने कहा, ‘जाने-माने टेनिस खिलाड़ी सोमदेव देववर्मन, इंडियन आइडल सौरवी देववर्मन, राष्ट्रीय महिला फुटबॉल खिलाड़ी लक्षिता देववर्मा, जिम्नास्ट दीपा कर्माकर ने देश के लिये ख्याति अर्जित की है.’
मुख्यमंत्री विप्लव देव और राज्यपाल तथागत रॉय ने भी कार्यक्रम में लोगों को संबोधित किया. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘त्रिपुरा सरकार सबका साथ, सबका विकास के मंत्र में विश्वास करती है.’
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिपुरा को एक नई दिशा दिखाई थी जब उन्होंने लोगों से हीरा (HIRA) एच से हाईवे, आई से इंटरनेट वे, आर से रोडवेज़ और ए से एयरवेज़ अपनाने को कहा था.’
रॉय ने कहा कि राजग सरकार के सत्ता में आने से पहले पूर्वोत्तर क्षेत्र की अनदेखी की गई. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में पूजा भी की. यह देश में 51 शक्ति पीठों में से एक है.
अरुणाचल प्रदेश: पांच आदिवासी जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आश्वासन
ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश से लोकसभा सदस्य निनॉन्ग इरिंग ने दावा किया है कि केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव ने अरुणाचल प्रदेश की पांच आदिवासी जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आश्वासन दिया है.
इरिंग के दफ्तर की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में अरुणाचल पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस सांसद ने बताया है कि उन्होंने योबिन, नोक्ते, तुत्सा, तंग्सा और वैन्चो आदिवासी जातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची में जल्दी शामिल करने का अनुरोध करने के लिए दो दिन पहले केंद्रीय आदिवासी कार्य मंत्री से मुलाकात की थी. उसी दौरान मंत्री ने यह आश्वसान दिया था.
इरिंग ने केंद्रीय मंत्री से कहा कि इन आदिवासी जातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल नहीं करने से उन्हें विभिन्न सरकारी सुविधाओं और नौकरियों का लाभ नहीं मिल रहा है.
वह 2016 से इन पांच आदिवासी जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं.
नगालैंड: छापेमारी के बाद एनएनपीजी ने लिया केंद्र के साथ वार्ता स्थगित करने का फैसला
दीमापुर: नगा नेशनल पॉलिटिकल ग्रुप (एनएनपीजी) की कार्यकारी समिति ने अपने नेता के आवास पर हुई छापामार कार्रवाई के बाद नगा राजनीतिक मुद्दे पर केंद्र के साथ जारी बातचीत स्थगित करने का निर्णय लिया है.
गौरतलब है कि एनएनपीजी के सह-संयोजक के आवास पर सुरक्षा बलों ने दो जून को छापा मारा था. समूह की कार्यकारी समिति की तीन जून को हुई आपात बैठक में यह फैसला लिया गया.
एनएनपीजी के नेताओं ने बयान में आरोप लगाया कि छापामारी दर्शाता है कि बातचीत जारी रखने का कोई लाभ नहीं है क्योंकि दोनों पक्षों के बीच वार्ता के दौरान हुई प्रगति केंद्र सरकार को मामूली प्रतीत होती लग रही है.
कार्यकारी समिति का कहना है कि केंद्र जब तक अपनी एजेंसियों की कार्रवाई पर रुख स्पष्ट नहीं करता उसके साथ बातचीत बंद रहेगी.
बयान में बताया गया है कि सुरक्षा बलों ने दो जून को कमेटी के सह संयोजक विजोसिहौ नागी के कोहिमा ज़िला के जोतसोमा गांव स्थित आवास पर छापामारी की थी.
हालांकि, इसमें बताया गया है कि छापामारी के दौरान वह घर पर नहीं थे. नागी एनएनसी-एन (नन-एकार्डिस्ट) के महासचिव भी हैं.
अगली दौर की बातचीत सात जून को नयी दिल्ली में आयोजित होने वाली थी.
केंद्र और एनएनपीजी की कार्यकारी समिति ने लंबे समय से जारी नगा राजनीतिक मुद्दे का समाधान ढूंढने के लिए अधिकारिक तौर पर 2017 में एक राजनीतिक वार्ता शुरू की थी.
जीपीआरएन/एनएससीएन, फेडरल गर्वमेंट ऑफ नगालैंड (एफजीएन), एनएनसी (पैरेंट बॉडी), एनएनसी (एनए) की नेशनल पीपुल्स गर्वमेंट ऑफ नगालैंड (एनपीजीएन), एनएससीएन (रिफॉमेशन) और नगा नेशनल काउंसिल/गर्वमेंट डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ नगालैंड (एनएनसी/जीडीआरएन) (एनए) एनएनपीजी के हिस्सा हैं.
सिक्किम: बाइचुंग भूटिया बोले, एसडीएफ राजशाही व्यवस्था की तरह: बाइचुंग भूटिया
गंगटोक: नामी फुटबॉल खिलाड़ी और हमरो सिक्किम पार्टी (एचएसपी) के संस्थापक बाइचुंग भूटिया ने बीते आठ जून को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग के नेतृत्व में सत्तारूढ़ सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) की राजशाही चल रही है.
देवराली में अपनी पार्टी के कार्यालय के शुभारंभ के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘चामलिंग (67) वर्ष 1993 में पार्टी के गठन के बाद से अध्यक्ष हैं. क्या यह राजशाही नहीं है.’
भूटिया ने कहा कि एचएसपी कैसा प्रदर्शन करती है, इस बारे में एसडीएफ को चिंतित नहीं होना चाहिए.
भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान ने कहा, ‘अपनी पार्टी के अध्यक्ष के बारे में समय आने पर हम फैसला करेंगे.’
उन्होंने दावा किया कि एचएसपी ने सिक्किम के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ी शुरूआत की है.
असम: सीएम ने कहा, महिलाओं के सशक्तिकरण को शीर्ष प्राथमिकता दी
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने नौ जून कहा कि राज्य सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है.
कामरूप ज़िले के मिर्जा में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित महिला समारोह में उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई कार्यक्रम चलाए हैं और उन्हें विकास प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया जा रहा है.’
सोनोवाल ने कहा कि शिक्षा महिलाओं के कौशल और क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और राज्य सरकार महिलाओं की शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बिना किसी भेदभाव के समाज में शिक्षा के प्रसार के लिए काम कर रही है और राज्य के अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में नौ महिला कॉलेजों की स्थापना की जाएगी.
सिक्किम: अधिकारियों ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए व्यवस्थाओं का जायजा लिया
गंगटोक: कैलाश मानसरोवर की यात्रा शुरू होने से पहले राज्य सरकार के अधिकारियों की एक टीम ने सिक्किम के नाथू ला मार्ग से होते हुए कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए सुविधाओं का जायजा लिया.
सूचना एवं जन संपर्क विभाग की विज्ञप्ति के अनुसार, नाथू ला से होते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा के आयोजन को लेकर सिक्किम सरकार की तैयारियों की समीक्षा के लिए पर्यटन एवं नागर विमानन विभाग के सचिव एवं अधिकारियों की एक टीम ने हाल में संयुक्त निरीक्षण किया.
इसके अनुसार कैलाश मानसरोवर की यात्रा के संबंध में टीम ने आईटीबीपी के अधिकारियों और नाथू ला में सीमाशुल्क एवं आव्रजन कार्यालय के अधिकारियों के साथ बातचीत की और 15 वीं मील , 17वीं मील एवं शेराथांग में अनुकूलन केंद्रों में व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
अमेरिकी शांति स्थापना कार्यक्रम के लिए चुनी गयी असमी युवती
गुवाहाटी: वॉशिंगटन स्थित संस्था की शांति स्थापना पहल के लिए पूरी दुनिया से युवतियों का चुनाव किया गया जिसमें असम की 22 वर्षीय वकील सलमा हुसैन भी शामिल हैं.
एक प्रेस विज्ञप्ति में आठ जून को बताया गया कि ‘एंडी लीडरशिप इंस्टिट्यूट फॉर यंग वुमन’ के कार्यक्रम के लिए आठ सदस्यीय टीम का चयन किया गया. इसमें सलमा अकेली भारतीय हैं. उन्होंने हाल में यहां के एनईआरआईएम लॉ कॉलेज से अपनी कानून की पढ़ाई पूरी की है.
विज्ञप्ति में बताया गया कि इस संस्थान की स्थापना मानवाधिकार कार्यकर्ता एंडी पारहामोविच के सम्मान में की गई है. यह संस्था राजनीति, जनसंचार और मानवतावादी कार्यों के क्षेत्र में काम करने की इच्छुक महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती है.
पारहामोविच की 2007 में इराक में हत्या कर दी गई थी. वह वहां एक गैर लाभकारी संगठन ‘नेशनल डेमोक्रेटिक इंस्टिट्यूट’ के लिए कार्य कर रही थी.
इस कार्यक्रम के तहत असम के कामरूप (ग्रामीण) ज़िला निवासी सलमा हुसैन को वॉशिंगटन में 5 से 18 अगस्त तक शांति स्थापना उपायों का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
मिज़ोरम: भूस्खलन में 10 लोगों की मौत, बस खड्ड में गिरने से 11 लोगों की मौत
आइज़ोल: दक्षिणी मिज़ोरम में लुंगलेई शहर के लुंगलॉन इलाके में भारी बारिश के कारण हुये भूस्खलन में एक इमारत के बह जाने से छह महिलाओं सहित दस लोगों की मौत हो गयी और एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया.
पुलिस ने पांच जून को बताया कि चार जून की रात दो मंजिला इमारत के भूस्खलन की चपेट में आने से भूतल पर रहने वाले एक परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गई जबकि दूसरी मंज़िल पर रहने वाले एक अन्य परिवार के तीन लोगों की मौत हो गयी.
पुलिस ने बताया कि चार लोगों को इमारत से बचाया गया. इसमें से एक व्यक्ति घायल हो गया. इमारत में 14 लोग रह रहे थे.
उधर, लुंगलेई ज़िले के ही पांजॉल गांव में एक बस के पांच जून की सुबह खड्ड में गिरने से कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और 19 अन्य घायल हो गए.
पुलिस ने बताया कि बस हेल्पर चला रहा था क्योंकि ड्राइवर उस समय सो रहा था.
बस राज्य की राजधानी आइज़ोल से दक्षिणी मिज़ोरम के सिआहा ज़िले की ओर जा रही थी. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 54 पर बस फिसल कर 500 मीटर नीचे खड्ड में गिर गई.
पुलिस ने शुरुआती रिपोर्ट में बताया था कि नौ यात्रियों की मौत हो गई जबकि गंभीर रूप से घायल छह लोगों को सेरछिप जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.
बाद में दो और यात्रियों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 11 हो गया. पुलिस ने बताया कि ज्यादातर पीड़ित सिआहा जिले के हैं.
चीन ने ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदियों पर डेटा साझा करना शुरू किया
नई दिल्ली: तकरीबन एक साल के अंतराल के बाद चीन ने ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदी की हाइड्रोलॉजिकल (जल विज्ञान संबंधी) जानकारी भारत के साथ साझा करना शुरू कर दिया है.
जल संसाधन मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया है कि चीन ने 15 मई से ब्रह्मपुत्र नदी की जानकारी साझा करना शुरू कर दिया है जबकि एक जून से सतलुज से संबंधित आंकड़े साझा किए जा रहे हैं.
दोनों पक्षों ने इस मुद्दे पर मार्च में वार्ता की थी. इसके बाद यह कदम उठाया गया है.
पिछले साल, चीन ने बाढ़ में हाइड्रोलॉजिकल जानकारी एकत्र स्थलों के बह जाने का कारण बता कर डेटा साझा करने से इनकार कर दिया था. यह भी एक संयोग ही था कि मानसून के दौरान ही 73 दिन का डोकलाम गतिरोध चला था.
यह भी संयोगवश हो रहा है दोनों देशों की सेनाओं के बीच सालाना अभ्यास पर सहमति होने के साथ ही हाइड्रोलॉजिकल जानकारी साझा की जा रही है.
यह अभ्यास डोकलाम गतिरोध की वजह से नहीं हो पाया था.
ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत से निकलती है और अरुणाचल प्रदेश और असम में बहती है और बांग्लादेश से हो कर बंगाल की खाड़ी में गिरती है.
अधिकारी ने बताया कि हाइड्रोलॉजिकल डेटा साझा करना अहम है क्योंकि इससे पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ से संबंधित जानकारी हासिल करने में मदद मिलती है.
असम: शिकारियों ने गैंडे का शिकार किया
तेजपुर: असम के सोनीतपुर ज़िले के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में एक गैंडे का अवशेष मिला जिसके सींग गायब थे.
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के रेंज अधिकारी प्रांजल बरूआ ने बताया कि हरीगढ़ी काठोनी में आठ जून को वनकर्मियों ने पाया कि गैंडे के सिर में गोली लगी थी.
अधिकारियों ने बताया कि समझा जाता है कि गैंडे को 29 मई की रात को मारा गया होगा.
बरूआ ने कहा कि वनकर्मियों ने छह गोलियां चलने की आवाज सुनीं लेकिन घने जंगल में स्थान का पता नहीं लगा सके.
अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल से खाली कारतूस बरामद किया गया है और वन्यजीव संरक्षण कानून और शस्त्र कानून की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में इस वर्ष गैंडे के शिकार की यह पांचवीं घटना है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)