रेवाड़ी गैंगरेप मामले में क़ानून तोड़ने वाले मीडिया घरानों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई: कोर्ट

मीडिया द्वारा पहचान उजागर करने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज़. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मीडिया ने बताया कि वह टॉपर थी. टॉपर का मतलब एक व्यक्ति होता है न कि 20 लोग. इसलिए उसकी पहचान किए जाने में कोई समस्या नहीं रह गई.

/
(फोटो: रॉयटर्स)​​​

मीडिया द्वारा पहचान उजागर करने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज़. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मीडिया ने बताया कि वह टॉपर थी. टॉपर का मतलब एक व्यक्ति होता है न कि 20 लोग. इसलिए उसकी पहचान किए जाने में कोई समस्या नहीं रह गई.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने रेवाड़ी सामूहिक बलात्कार मामले में मीडिया रिपोर्टिंग पर सख्त रुख़ अपनाते हुए कहा कि कानून का उल्लंघन करने के लिए मीडिया घरानों के ख़िलाफ़ क्यों कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि 19 वर्षीय पीड़ित के बारे में ‘सब कुछ बता दिया गया है.’

जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, ‘कहां हम लक्ष्मण रेखा खींचें… हम पीड़िता की पहचान को लेकर चिंतित हैं.’

शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी पटना उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने के दौरान की जिसके ज़रिये मीडिया के मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह मामले में जांच की रिपोर्टिंग करने पर रोक लगा दी गई.

न्यायालय ने पूछा कि ऐसी स्थिति में ‘पहचान सार्वजनिक नहीं’ होने का सवाल कहां है. पीठ ने कहा, ‘कुछ समस्याएं हैं. हाल में रेवाड़ी में एक लड़की से बलात्कार का मामला सामने आया. उन्होंने (मीडिया) कहा कि वह सीबीएसई टॉपर थी. टॉपर का मतलब एक व्यक्ति, 20 लोग नहीं. इसलिए उसकी पहचान किए जाने में अब कोई समस्या नहीं रह गई.’

पीठ ने कहा, ‘दूसरी बात, हमने टीवी चैनलों पर उन्हें (मीडिया को) उसके पिता से बातचीत करते देखा है. कैमरा उसके पिता के पीछे रखा गया था. लेकिन उनके सामने गांव के 50 लोग खड़े थे. इसलिए वे लोग भी जानते हैं कि वह कौन है.’

जस्टिस लोकुर ने याचिकाकर्ता के वकील शेखर नफाडे से पूछा, ‘ऐसी स्थिति में पहचान सार्वजनिक नहीं होने का कहां सवाल है.’

नफाडे ने कहा कि पीड़िता की पहचान का खुलासा करने वाली किसी भी चीज़ को रोका जाना चाहिए और व्यक्ति की गरिमा की रक्षा की जानी चाहिए.’

इस पर पीठ ने कहा, ‘लेकिन आईपीसी की धारा 228 ए (इस तरह की पीड़िताओं की पहचान का खुलासा करने से संबंधित) का उल्लंघन करने के ये जीते-जागते उदाहरण हैं.’

जब एक वकील ने कहा कि न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग अथॉरिटी पहले से है तो इस पर पीठ ने कहा, ‘क्या इन टीवी चैनलों को पकड़ा गया. हम आपको कल का उदाहरण दे रहे हैं. आप हमें बताएं कि इसे कैसे रोकें.’

जब पीठ ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से रेवाड़ी मामले में मीडिया रिपोर्टिंग के बारे में पूछा तो शीर्ष विधि अधिकारी ने कहा कि ऐसे चैनलों के ख़िलाफ़ राज्य को मुक़दमा चलाना चाहिए.

अटॉर्नी जनरल ने कहा, ‘कानून व्यवस्था के लिए राज्य ज़िम्मेदार है. एक बार इसे आपके संज्ञान में लाए जाने के बाद अदालत नोटिस जारी कर सकती है और राज्य से पूछ सकती है कि उन्होंने इस संबंध में क्या कार्रवाई की है. टीवी चैनलों से यह भी कहा जा सकता है कि वे इसका जवाब दें. यह सुधार के लिए क़दम होगा.’

न्यायालय ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 20 सितंबर को निर्धारित कर दी.

मालूम हो कि बीते 12 सितंबर को हरियाणा के रेवाड़ी ज़िले में 19 साल की युवती का अपहरण कर उसके साथ तीन लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था. आरोपियों में सेना का एक जवान भी शामिल है.

पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी नीशु को गिरफ़्तार कर लिया है. मामले में एक मेडिकल प्रैक्टिशनर संजीव और ट्यूबवेल के मालिक दीनदयाल को भी गिरफ़्तार कर लिया है. वहीं सेना का जवान पंकज और एक अन्य आरोपी मनीष की तलाश में छापेमारी जारी है.

इसके अलावा मामले में कार्रवाई को लेकर कथित तौर पर देरी को लेकर रेवाड़ी पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेश दुग्गल का तबादला कर दिया गया था. इसके बाद बीते 18 सितंबर को एक महिला सहायक सब-इंस्पेक्टर (एएसआई) हीरामणि को निलंबित कर दिया गया है.

मालूम हो कि पीड़ित के परिजनों ने आरोप लगाया था कि परिजन ने आरोप लगाया कि पुलिस उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने में नाकाम रही और रेवाड़ी एवं महेंद्रगढ़ ज़िलों में अपनी इकाइयों के बीच अधिकार क्षेत्रों के मुद्दों का हवाला देकर कार्रवाई में देरी करती रही.

रेवाड़ी के महिला पुलिस थाने ने इस मामले में एक ‘ज़ीरो एफआईआर’ दर्ज करने के बाद कार्रवाई में देरी की और महेंद्रगढ़ पुलिस को तुरंत जांच सौंपने में नाकाम रही. सामूहिक बलात्कार कांड महेंद्रगढ़ पुलिस के अधिकार क्षेत्र में ही हुआ.

‘जीरो एफआईआर’ किसी भी पुलिस थाने में दर्ज की जा सकती है और बाद में इसे संबंधित पुलिस थाने को भेजा जाता है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq