मणिपुर में मार्च में बनी भाजपा सरकार के साथ प्रदर्शनकारियों के समझौते में लाशों का दफनाने पर सहमति बन गई है.
मणिपुर के चूराचांदपुर ज़िला अस्पताल के मुर्दाघर में करीब 18 महीने से ज्यादा समय से रखी आठ लाशों को अब 25 मई तक दफनाया जाएगा. 10 मई को मणिपुर की भाजपा सरकार और ज्वाइंट एक्शन कमेटी अगेंस्ट एंटी ट्राइबल बिल्स (जेएसीएएटीबी) में बीच हुए एक समझौते में इस पर सहमति बन गई है.
गौरतलब है कि 31 अगस्त, 2015 को मणिपुर विधानसभा द्वारा पास किए गए तीन विधेयकों के विरोध में लोग सड़क पर उतर गए थे, पुलिस फायरिंग के दौरान नौ लोगों की मौत हो गई जबकि 35 से अधिक लोग घायल हो गए थे. घटना के विरोध में मृतकों के परिवारवालों ने शव लेने और दफनाने से मना कर दिया था. इन नौ लोगों में एक नाबालिग भी शामिल था.
31 अगस्त को मणिपुर विधानसभा द्वारा तीन विधेयक- मणिपुर जन संरक्षण विधेयक-2015, मणिपुर भू-राजस्व एवं भूमि सुधार (सातवां संशोधन) विधेयक-2015 और मणिपुर दुकान एवं प्रतिष्ठान (दूसरा संशोधन) विधेयक-2015 पारित किए गए थे.
बाद में 11 वर्षीय नाबालिग को दिसंबर 2016 को उनके परिजनों ने जेएसीएएटीबी के खिलाफ जाते हुए दफना दिया था, लेकिन आठ शव अब तक मुर्दाघर में रखे हुए थे.