हिमाचल प्रदेश के सोलन में इमारत गिरने से सेना के 13 कर्मचारियों समेत 14 लोगों की मौत

पुलिस ने बताया कि सोलन में नाहन-कुमारहट्टी सड़क पर स्थित एक इमारत रविवार शाम भारी बारिश के बाद गिर गई. इस घटना में 28 लोग घायल हुए हैं. एनडीआरएफ की टीम राहत एवं बचाव कार्य में लगी है.

Solan: NDRF men undertake rescue works after a building collapsed at Kumarhatti-Nahan road in Solan, Sunday, July 14, 2019. (PTI Photo) (PTI7_14_2019_000174B)
Solan: NDRF men undertake rescue works after a building collapsed at Kumarhatti-Nahan road in Solan, Sunday, July 14, 2019. (PTI Photo) (PTI7_14_2019_000174B)

पुलिस ने बताया कि सोलन में नाहन-कुमारहट्टी सड़क पर स्थित एक इमारत रविवार शाम भारी बारिश के बाद गिर गई. इस घटना में 28 लोग घायल हुए हैं. एनडीआरएफ की टीम राहत एवं बचाव कार्य में लगी है.

Solan: NDRF men undertake rescue works after a building collapsed at Kumarhatti-Nahan road in Solan, Sunday, July 14, 2019. (PTI Photo) (PTI7_14_2019_000174B)
हिमाचल प्रदेश के सोलन में इमारत गिरने के बाद राहत एवं बचाव कार्य में जुटी एनडीआरएफ की टीम. (फोटो: पीटीआई)

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में चार मंजिली एक इमारत के गिरने से सेना के 13 कर्मियों और एक आम नागरिक समेत कुल 14 लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

पुलिस ने सोमवार को बताया कि यह इमारत नाहन-कुमारहट्टी सड़क पर स्थित थी जो रविवार शाम की भारी बारिश के बाद गिर गयी. इसमें एक रेस्त्रां भी था. इस घटना में 28 लोग घायल हुए हैं. अधिकारियों ने बताया कि मलबे से सेना के 13 जवानों और एक आम नागरिक का शव निकाला गया है.

सोनल उप मंडल के मजिस्ट्रेट रोहित राठौर ने बताया कि अभी भी एक व्यक्ति की मलबे में दबे होने की आशंका है. उन्होंने कहा कि मलबे में फंसे लोगों की वास्तविक संख्या का पता बचाव अभियान खत्म होने के बाद ही चलेगा. ऐसी उम्मीद है कि यह बचाव अभियान शाम तक समाप्त हो जाएगा.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार की सुबह में घटनास्थल का दौरा किया. उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि यह इमारत तय निर्देशों के अनुसार नहीं बनी थी.

उन्होंने कहा, ‘मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया गया है और रिपोर्ट मिलने के बाद उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस इमारत के मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. उन्होंने कहा, ‘राज्य में इस तरह की कई इमारतें हैं. नियमों का बिना पालन किए हुए मालिकों ने इसका निर्माण किया है. इसकी जांच के लिए जिस चीज की भी जरूरत है उसे किया जाएगा.’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बचाव अभियान अब भी जारी है. जरूरी उपकरण एक हेलीकॉप्टर की मदद से शिमला के सुन्नी से बचाव अभियान चलाने के लिए रविवार शाम ही मंगवा लिया गया था.’ उन्होंने कहा कि मलबे में फंसे लोगों की वास्तविक संख्या का पता बचाव अभियान खत्म होने के बाद ही चलेगा.

एक घायल सैनिक ने संवाददाताओं को बताया कि यह इमारत जब गिरी तब वहां सेना के 35 कर्मी मौजूद थे. उनमें 30 जूनियर कमिशन्ड अधिकारी (जेसीओएस) और पांच सैनिक थे.

उन्होंने बताया कि निकट के डगशाई छावनी के चार असम रेजिमेंट के सैन्यकर्मी ‘पार्टी करने के लिए एक रेस्त्रां में गए थे क्योंकि यह रविवार का दिन था लेकिन अचानक इमारत हिली और तुरंत ही गिर गई.’

वहीं एक अन्य घायल सैन्यकर्मी राकेश कुमार ने बताया कि घटना के समय सेना के कई कर्मियों समेत रेस्त्रां के कर्मी और अन्य ग्राहकों समेत करीब 50 लोग मौजूद थे.

उन्होंने कहा, ‘हमने सोचा कि भूकंप आया है और हमें नहीं याद कि यह इमारत कैसे गिर गई और हम मलबे के अंदर दब गए. मैं करीब 10-15 मिनट तक फंसा रहा जिसके बाद कुछ लोगों ने मुझे बचाया.’

आपदा मोचन के निदेशक सह विशेष राजस्व सचिव डीसी राणा ने बताया कि शुरुआत में भारतीय सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और पुलिस ने संयुक्त रूप से बचाव अभियान की शुरुआत की. इसके बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की दो टीम रविवार रात में घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव अभियान में जुट गई.

ये दो टीमें हरियाणा के पंचकूला और शिमला के सुन्नी से थीं. वहीं तीसरी टीम भी पंचकूला से पहुंची और सोमवार सुबह बचाव अभियान शुरू किया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)