जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद से राज्य में 125 परियोजनाओं को वन मंजूरी दी गई

पिछली तीन बैठकों में दी गई वन मंजूरी की संख्या 2018 के पूरे साल में दी गई कुल मंजूरी से अधिक है. साल 2018 में वन सलाहकार समिति की कुल आठ बैठकें हुईं थीं और कुल 97 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी.

/
**EDS: RPT WITH DATE CORRECTION** Srinagar: A view of a deserted street during restrictions in Srinagar, Wednesday, Aug 7, 2019. Restrictions have been imposed in several districts of Jammu and Kashmir as a precautionary measure after the state lost its special status and was bifurcated on Tuesday as Parliament approved a resolution scrapping Article 370 of the Constitution and passed a bill to split the state into two Union Territories. (PTI Photo/S. Irfan)(PTI8_9_2019_000010B)

पिछली तीन बैठकों में दी गई वन मंजूरी की संख्या 2018 के पूरे साल में दी गई कुल मंजूरी से अधिक है. साल 2018 में वन सलाहकार समिति की कुल आठ बैठकें हुईं थीं और कुल 97 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी.

**EDS: RPT WITH DATE CORRECTION** Srinagar: A view of a deserted street during restrictions in Srinagar, Wednesday, Aug 7, 2019. Restrictions have been imposed in several districts of Jammu and Kashmir as a precautionary measure after the state lost its special status and was bifurcated on Tuesday as Parliament approved a resolution scrapping Article 370 of the Constitution and passed a bill to split the state into two Union Territories. (PTI Photo/S. Irfan)(PTI8_9_2019_000010B)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर की वन सलाहकार समिति (एफएसी यानी कि फॉरेस्ट एडवाइजरी कमेटी) ने अगस्त से लेकर अक्टूबर 2019 के बीच 125 परियोजनाओं को वन मंजूरी दी है.

डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट के मुताबिक 17 अक्टूबर, 2019 को हुई 117 वीं बैठक में 41 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई. इसके अलावा 116 वीं बैठक में 54 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई और 115 वीं बैठक में एफएसी द्वारा 30 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई.

मालूम हो कि बीते पांच अगस्त को भारत सरकार ने एक अप्रत्याशित फैसला लेते हुए अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाकर जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया और राज्य को दो टुकड़ों में बांटकर उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया.

इस फैसले की वजह से राज्य को लोगों को संचार पाबंदी समेत कई प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि इस बीच वन मंजूरी में काफी तेजी देखी गई और सिर्फ तीन बैठकों में ही राज्य की समिति ने 125 परियोजनाओं को मंजूरी दी.

आलम ये है कि पिछली तीन बैठकों में दी गई वन मंजूरी की संख्या 2018 के पूरे साल में दी गई कुल मंजूरी से अधिक है. साल 2018 में एएफसी की कुल आठ बैठकें हुईं थीं और समिति ने कुल 97 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी. हालांकि इस साल अगस्त से अब तक में सिर्फ तीन बैठकों में ही 125 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई.

राज्य के एफएसी की आखिरी बैठक 117 वीं बैठक थी. 31 अक्टूबर 2019 से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने के राष्ट्रपति का आदेश लागू होने के बाद राज्य में वन मंजूरी का फैसला केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के चंडीगढ़ कार्यालय से लिया जाएगा.

जम्मू कश्मीर वन (संरक्षण) अधिनियम, 1997 के तहत जम्मू कश्मीर राज्य का अपना अलग वन सलाहकार समिति (एफएसी) है. समिति का नेतृत्व जम्मू कश्मीर सरकार के मुख्य सचिव करते हैं, जिसमें वन, राजस्व, वित्त, मृदा और जल संरक्षण जैसे विभागों के अधिकारी सदस्य होते हैं.

ये समिति सिफारिशें करती है, जिन्हें बाद में जम्मू कश्मीर कैबिनेट द्वारा स्वीकार किया जाता है. अन्य राज्यों में परियोजनाओं को वन मंजूरी केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के तहत गठित समिति द्वारा दी जाती है.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq