तबलीग़ी जमात के बहाने मुसलमानों के ख़िलाफ़ पुरानी नफ़रत का हमला

मुसलमानों के शुभचिंतक तबलीग़ वालों को कड़ी सज़ा देने, यहां तक कि उसे प्रतिबंधित करने की मांग कर रहे हैं. इस एक मूर्खतापूर्ण हरकत ने सामान्य हिंदुओं में मुसलमानों के ख़िलाफ़ बैठे पूर्वाग्रह पर एक और परत जमा दी है. ऐसा सोचने वालों को क्या यह बताने की ज़रूरत है कि हिंदू हों या ईसाई, उनमें बैठे मुसलमान विरोध का कारण मुसलमानों की जीवनशैली या उनके एक हिस्से की मूढ़ता नहीं है.

कृतज्ञता का भाव ग़ैर-बराबरी और नाइंसाफी की स्थिति से जुड़ा हो, तो हिंसा पैदा होती है

कृतज्ञता के साथ जब अपनी लाचारी का एहसास जुड़ जाए तो मनुष्य उससे मुक्त होना चाहता है. एक समुदाय ही रहम, कृपा, राहत का पात्र बनता रहे यह वह कबूल नहीं कर सकता. वह बराबरी हासिल करना चाहता है.

सामूहिकता के बिना मूर्खता का जीवित रहना संभव नहीं है

भारत एक सांस्कृतिक इकाई है. बावजूद भिन्न भाषाओं, पहनावों और खानपान के हम सब मूर्खता के एक सूत्र में बंधे हैं. राष्ट्रीय एकता का यह प्रदर्शन और प्रमाण दिल को तसल्ली देता है.

संहार के समय कविता

वीडियो: कविता की भाषा के इस्तेमाल पर वरिष्ठ पत्रकार और लेखक निधीश त्यागी के साथ चर्चा कर रहे हैं प्रोफेसर अपूर्वानंद.

दिल्ली की हिंसा को हिंदू या मुसलमान मत कहिए

वीडियो: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या 40 से अधिक हो गई है. इस बारे में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद का नज़रिया.

दिल्ली हिंसा के ज़िम्मेदार सत्ता के शीर्ष पर बैठे हैं

दिल्ली हिंसा की तैयारी में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, दूसरे केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा के नेताओं के प्रत्यक्ष और परोक्ष मुसलमान विरोधी उकसावे की भूमिका है. अगर कभी इस हिंसा की निष्पक्ष जांच हुई, जिसकी उम्मीद न के बराबर है तो इन सब पर इन सभी हत्याओं के लिए ज़िम्मेदारी तय की जाएगी.

आप की जीत में छिपी कायरता

वीडियो: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत पर दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद का नज़रिया.

‘मुसलमान औरतें सोच सकती हैं’

वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में नई दिल्ली के शाहीन बाग़ समेत देशभर में चल रहे प्रदर्शनों में महिलाओं की भागीदारी को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. अपूर्वानंद का नज़रिया.

हिंसा अदालत को सोचने से रोक रही है, लेकिन हिंसा हो कैसे रही है?

हिंसा के सबसे ज्यादा, सबसे ताकतवर और कारगर हथियार किसके पास हैं? किसके पास एक संगठित शक्ति है जो हिंसा कर सकती है? उत्तर प्रदेश में किसने आम शहरियों के घर-घर घुसकर तबाही की? किसने कैमरे तोड़कर चेहरे ढंककर लोगों को मारा? गोलियां कहां से चलीं? अदालत से यह कौन पूछे और कैसे? जब उसके पास ये सवाल लेकर जाते हैं तो वह हिंसा से रूठ जाती है.

क्या जेएनयू आपका दुश्मन है?

वीडियो: बीते पांच जनवरी को देर शाम जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद का नज़रिया.

नागरिकता कानून: मुसलमान का सवाल क्या सिर्फ़ उनका सवाल है?

वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. इन विरोध प्रदर्शनों को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद का नज़रिया.

हिंदू धर्म का अपहरण

वीडियो: राजनीतिक दलों द्वारा अपने फायदे के लिए धर्म की राजनीति को बढ़ावा देने के बारे में बता रहे हैं दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद.

गोडसे ही नहीं, सावरकर पर भी बात होनी चाहिए

वीडियो: भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के लोकसभा में नाथूराम गोडसे को एक बार फिर से देशभक्त कहने पर विवाद हुआ है. इस विवाद पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद का नज़रिया.

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