तीन जुलाई को जम्मू कश्मीर पुलिस ने ‘वॉन्टेड आतंकी’ और ‘लश्कर-ए-तैयबा कमांडर’ बताते हुए तालिब हुसैन शाह को गिरफ़्तार किया है, जिसे बीते मई महीने में भाजपा की अल्पसंख्यक सोशल मीडिया विंग का इंचार्ज बनाया गया था. अब तालिब को बेदख़ल करने की मांग करते हुए भाजपा ने दावा किया कि वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को मारने की योजना बना रहा था.
जम्मू कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी ने 'द कश्मीर वाला' के कार्यवाहक संपादक यशराज शर्मा को समन जारी कर 2011 में पत्रिका में छपे एक विवादित लेख के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया था. लेख के प्रकाशन के समय यशराज की उम्र 12 वर्ष थी.
समाचार पोर्टल ‘द कश्मीरवाला’ के संपादक फहद शाह को एक महीने के भीतर तीसरी बार गिरफ़्तार करने से पहले दो बार ज़मानत मिल गई थी. फहद की बार-बार गिरफ़्तारी और यूएपीए के तहत मामला दर्ज करने का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है. वैश्विक मीडिया एडवोकेसी समूहों और कार्यकर्ताओं ने उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है.
शोपियां के कार्यकारी मजिस्ट्रेट ने गिरफ़्तारी वॉरंट जारी करते हुए कहा है कि गौहर गिलानी लगातार सार्वजनिक शांति भंग करने का काम कर रहे हैं. उन्हें सात फरवरी को अदालत के समक्ष पेश होने के लिए बुलाया था, लेकिन वे नहीं आए.
परिसीमन आयोग ने अपनी दूसरी मसौदा रिपोर्ट में सुचेतगढ़ विधानसभा सीट का आरएस पुरा सीट में विलय करने का प्रस्ताव दिया है. इस तरह सुचेतगढ़ विधानसभा का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, जिसके विरोध में भाजपा के करीब 200 स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस्तीफ़ा दे दिया है.
द कश्मीर वाला न्यूज़ पोर्टल के संपादक फहद शाह को गिरफ़्तार करते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस ने आरोप लगाया कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट 'आतंकी गतिविधियों का महिमामंडन' करते हैं और देश के ख़िलाफ़ 'दुर्भावना व अंसतोष' फैलाते हैं. पत्रकार संगठनों ने इसकी निंदा करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है.
जम्मू कश्मीर पुलिस ने 30 जनवरी को पुलवामा में हुई एक मुठभेड़ को लेकर एक प्रमुख टीवी कमेंटेटर माजिद हैदरी, ऑनलाइन पोर्टल न्यूज़क्लिक के वीडियो पत्रकार कामरान यूसुफ़ और फ्री प्रेस कश्मीर के पत्रकार विकार सैयद को सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया था.
पत्रकार सज्जाद गुल को मुठभेड़ में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी के परिवार का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. जन सुरक्षा क़ानून के तहत लगे आरोपों में कहा गया है कि वे हमेशा राष्ट्र-विरोधी ट्वीट्स की तलाश में रहते हैं और सूबे की नीतियों के प्रति नकारात्मक रहे हैं.
रविवार सुबह पत्रकारों के एक समूह ने सशस्त्र-बलों की मौजूदगी में कश्मीर प्रेस क्लब पहुंचकर यहां क़ब्ज़ा कर लिया था. यह नाटकीय परिवर्तन नए प्रबंधन निकाय के चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू होने के बाद हुआ था. अब प्रशासन ने कहा कि पत्रकारों के कई समूहों के बीच असहमति के चलते उसने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया है.
श्रीनगर स्थित कश्मीर प्रेस क्लब में रविवार सुबह पत्रकारों का एक समूह सशस्त्र-बलों की मौजूदगी में पहुंचा और यहां क़ब्ज़ा कर लिया. यह नाटकीय परिवर्तन नए प्रबंधन निकाय के चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू होने के बाद हुआ. देश के कई पत्रकार संगठनों ने इसे अवैध और अलोकतांत्रिक बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है.
लद्दाख के राजस्व विभाग की नौकरियों के लिए उर्दू जानने की अर्हता ख़त्म करने के फ़ैसले पर स्थानीय नेताओं का कहना है कि यह लेह ज़िले और मुस्लिम बहुल कारगिल के बीच वैचारिक मतभेद खड़ा करने के उद्देश्य से लिया गया सांप्रदायिक क़दम है, लेकिन इससे राजनीतिक फायदा नहीं होगा, बस प्रशासन के स्तर पर समस्याएं खड़ी हो जाएंगी.
एनआईए अधिकारियों के मुताबिक़, 18 साल के अर्सलान को जम्मू कश्मीर में हिंसक गतिविधियों के लिए सूबे के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, उकसाने और भर्ती करने के लिए रची गई साज़िश संबंधित मामले में 30 दिसंबर को गिरफ़्तार किया गया था. परिवार ने एजेंसी के दावों का खंडन किया है.
उत्तर प्रदेश में आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध एक निजी कॉलेज के तीन छात्रों को 24 अक्टूबर को पाकिस्तान द्वारा टी-20 क्रिकेट विश्व कप में भारत को हराने के चार दिन बाद जेल में डाल दिया गया था. इनकी ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई नहीं होने से इनके परिवार निराश हैं.
अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर से अलग कर केंद्रशासित राज्य लद्दाख बनाए जाने के बाद से इसे पूर्ण राज्य का दर्जा और यहां के निवासियों को ज़मीन और नौकरी की सुरक्षा गारंटी दिए जाने की मांग आए दिन होती रहती है. आमतौर पर लद्दाख के मुस्लिम बहुल कारगिल और बौद्ध बहुल लेह क्षेत्र एक दूसरे से बंटे रहते हैं, लेकिन इस बार लोगों ने एक सुर में क्षेत्र की संवैधानिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग उठाई है.
जम्मू कश्मीर में कठुआ के रामकोट इलाके का मामला. भाजपा नेता नारायण दत्त त्रिपाठी पर दो पत्रकारों से मारपीट का आरोप है. यह घटना नौ दिसंबर को उस समय हुई, जब दैनिक शिव टाइम्स के पत्रकार कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री डॉ. मनोहर लाल शर्मा का साक्षात्कार ले रहे थे. अख़बार के कार्यकारी संपादक ने बताया कि इस संबंध में एक केस दर्ज कराया गया है, लेकिन पुलिस ने भाजपा नेता के ख़िलाफ़ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है.